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एक मजबूत जनजातीय अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अपने विचार और सुझाव साझा करें

Share your ideas and suggestions to develop a robust Tribal Economy
आरंभ करने की तिथि :
Nov 16, 2021
अंतिम तिथि :
Jun 30, 2022
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

जनजातीय समुदाय का विकास उस राष्ट्र के आर्थिक विकास की नींव रखता है ...

जनजातीय समुदाय का विकास उस राष्ट्र के आर्थिक विकास की नींव रखता है जो जनजातीय आबादी के एक बड़े हिस्से को अपने साथ रखता है। एक मजबूत स्थानीय समुदाय और एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए प्रदेश की मूल परंपरा का सहयोग करना महत्वपूर्ण होता है।
भारत की 8 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति से संबंधित है इसलिए सरकार के लिए उनके हितों की रक्षा करना और उनकी आजीविका को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। ट्राइफेड पिछले 30 सालो से भारत सरकार द्वारा स्थापित संगठन के नेतृत्व में जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा देश भर की जनजातियों का संरक्षण कर रहा है। ट्राइफेड क्षमता निर्माण, विपणन, वितरण, पैकेजिंग और अन्य सहायक गतिविधियों के माध्यम से जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण और सशक्तिकरण के लिए पहलों को आगे बढ़ा रहा हैं।

देश के दूर-दराज के हिस्सों में रहने कारण जनजातीय समुदाय के साथ-साथ सरकार को इन समुदायों के विकास में सहायता करने में लिए कई समस्याएं सामने आती हैं।

• प्राकृति के बीच रहने के कारण ये समुदाय पौधे, वन उत्पादों के साथ-साथ प्राचीन जड़ी-बूटियों के बारे में ज्ञान का भंडार रखते हैं, जो कि एक विशेषज्ञ के समान है। कुशल सहयोग के साथ, इन समुदायों के लिए महत्वपूर्ण आय उत्पन्न करने के लिए इसे और विकसित किया जा सकता है।
• मुख्यधारा से जुड़ाव की कमी के कारण पिछले कुछ वर्षों में अनुसूचित जनजातियों में बेरोजगारी की दर में वृद्धि हुई है।
• केंद्र सरकार द्वारा आरक्षण दिए जाने के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक अधिकतम लाभ नहीं पहुँच पा रहा है।
• जनजातीय समुदाय के लोगों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है, जिससे यह पता चलता है कि इन समुदायों में उचित मार्गदर्शन के सहयोग के साथ फलने-फूलने की क्षमता है।
• उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, ट्राइफेड ने भारतीय जनजातियों के सर्वांगीण कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। यह केवल उनके बीच उद्यमशीलता कौशल विकसित करने या उनके लिए एक विशेष ब्रांड "ट्राइब्स इंडिया" बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वन धन केंद्रों की स्थापना, कोविड के विरुद्ध टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने, व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने और बड़े पैमाने पर व्यापार मेलों का आयोजन करना है। 15 नवंबर को आदिवासी समुदाय से प्रेरणास्रोत बिरसा मुंडा की जयंती को "जनजातीय गौरव दिवस" के रूप में मनाने का हाल में लिया गया निर्णय प्रशंसनीय है एवं ट्राइफेड इस दिन राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव "आदि महोत्सव" का उद्घाटन करने के लिए इसका अनावरण करेगा। यह त्योहार न केवल आदिवासी कारीगरों के लिए अपने मूल्यवान कौशल को प्रदर्शन करने का एक मंच है, बल्कि इससे इन समुदायों के लिए जो राजस्व उत्पन्न होता है, उसका अत्यधिक महत्व है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ट्राइफेड आदिवासी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, तकनीकी उन्नयन प्रदान करके, अनुसंधान और विकास में सहायता करके आत्मानिर्भर भारत के मिशन को साकार करने के लिए लगातार सुधार के उपायों पर जोर दे रहा है, और साथ ही यह अब जनजातीय समुदाय के आर्थिक विकास के अपने मिशन में तेजी लाने के लिए क्षेत्र के विशेषज्ञों, छात्रों, व्यापारिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विषय विशेषज्ञों और इस क्षेत्र के सभी योगदानकर्ताओं के सुझावों को एक साथ ला रहा है।

आज जब हम भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों को मना रहे हैं, हम चाहते हैं कि आप जनजातीय अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने वाले प्रयासों में अधिक से अधिक हिस्सा लें।

अपने विचार और सुझावों को साझा करने की अंतिम तिथि 3o जून, 2022 है।
#Vocal4Local #Buy Tribal

@tribesindia