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एच॰आई॰वी॰ संक्रमित लोगों में शुरुआती स्तर में ही संक्रमण का पता कैसे लगाया जाए तथा उन्हें जल्द-से-जल्द एआरटी सुविधा कैसे प्रदान की जाए?

How to facilitate early detection of People Living with HIV (PLHIV) and put them on ART as soon as possible?
आरंभ करने की तिथि :
Jan 01, 2015
अंतिम तिथि :
Nov 26, 2014
04:15 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

भारत में लगभग 20.9 लाख व्यक्ति एच॰आई॰वी॰ से संक्रमित हैं। इनमें से ...

भारत में लगभग 20.9 लाख व्यक्ति एच॰आई॰वी॰ से संक्रमित हैं। इनमें से लगभग 30-35 प्रतिशत व्यक्तियों को यह नहीं पता है कि उन्हें एच॰आई॰वी॰ है। एच॰आई॰वी॰ संक्रमित होने के बाद 5-8 वर्ष की लंबी अवधि ऐसी होती है जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने तक और उसे टी॰बी॰, डाइरिया, फंगल संक्रमण जैसी बीमारियाँ होने तक उसे इसके होने का पता नहीं चल पाता। अतः एच॰आई॰वी॰ से संक्रमित अधिकतर व्यक्ति रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाने के बाद एच॰आई॰वी॰ के अंतिम चरण में स्वास्थ्य केन्द्र जाते हैं और इसलिए उनको प्रदान किये जा रहे इलाज का परिणाम अनुकूल होने की संभावना बहुत कम होती है। इन व्यक्तियों को 5-8 वर्ष की लंबी अवधि में एच॰आई॰वी॰ संक्रमित होने की जानकारी नहीं होती इसलिए यह व्यक्ति असुरक्षित यौन संबंध से अपने जीवन साथी अथवा अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।

पीएलएचआईवी संक्रमण का शुरुआती स्तर पर पता लगना न केवल संक्रमित व्यक्ति के लिए बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी है। शुरुआती स्तर पर इसका पता लगने के बाद संक्रमित व्यक्ति को एआरटी जैसे उपचार समय पर उपलब्ध कराए जा सकते हैं साथ ही समाज में इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

हम समुदायों / गैर- सरकारी संगठनों / सीबीओ / नागरिकों तथा सर्वसाधारण से एच॰आई॰वी॰ संक्रमित लोगों में शुरुआती स्तर में ही संक्रमण का पता कैसे लगाया जाए तथा उन्हें जल्द-से-जल्द एआरटी सुविधा कैसे प्रदान की जाए से संबंधित सुझाव और विचार चाहते हैं।