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कौशल विकास का कार्य सरकार / लोक प्राधिकारियों या निजी क्षेत्रों में से किसके द्वारा किया जाना चाहिए?

Should the skill development exercise in mining sector be undertaken by the Govt. /public authorities or should it be undertaken by the private sector?
आरंभ करने की तिथि :
Jan 01, 2015
अंतिम तिथि :
Nov 15, 2014
04:15 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

हमारा देश विभिन्न धात्विक और गैर धात्विक खनिज संसाधनों से परिपूर्ण ...

हमारा देश विभिन्न धात्विक और गैर धात्विक खनिज संसाधनों से परिपूर्ण है। भारत में लौह अयस्क, बॉक्साइट, डोलोमाइट, चूना पत्थर और अभ्रक सहित कई गैर ईंधन खनिज पाए जाते हैं। खनन क्षेत्र (गैर-ईंधन) वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 0.5% का योगदान प्रदान करता है। स्थायी तौर पर त्वरित आर्थिक विकास के लिए, इस क्षेत्र को तेज़ी से विकास करना होगा जिससे सकल घरेलू उत्पाद में इसके योगदान के प्रतिशत को बढाया जा सके।

वैज्ञानिक, सतत और पारदर्शी खनन कार्यों के लिए प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता है। कौशल विकास न केवल उत्पादकता और कार्यस्थल पर सुरक्षा को बढ़ावा देगा अपितु यह लोगों को नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और उसका प्रयोग करने के लिए भी प्रशिक्षित करेगा। वर्तमान में इस क्षेत्र ने 0.2 लाख कर्मचारियों को रोजगार प्रदान किया है जिसका अगले 10 साल में 0.3 मिलियन होने का अनुमान है।

खनन क्षेत्र में कौशल विकास के लिए उपलब्ध विकल्पों के बारे में अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त करें: http://mygov.in/uploads/documents/Options_for_Skill_Development_in_the_M...

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सुझाव भेजने की अंतिम तिथि 14 नवम्बर 2014 है।