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डिजिटल गांव के पायलट प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी विनिर्देश

डिजिटल गांव के पायलट प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी विनिर्देश
आरंभ करने की तिथि :
Jan 12, 2017
अंतिम तिथि :
Jan 19, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (भारत सरकार) के ...

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (भारत सरकार) के डिजिटल इंडिया के परिकल्पना के अनुसार डिजिटल गांव का एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है जिससे डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के जरिए केंद्र व राज्य सरकार के विभागों , निजी दूरसंचार कंपनियां अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों  और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों के जीवन में होने वाले परिवर्तन की झलक देखने को मिलेगी।

पायलट डिजिटल गांव के जरिए टेली मेडिसिन, दूर शिक्षा, एलईडी स्ट्रीट लाईटिंग, वाई-फाई हॉटस्पॉट और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा प्रखंडों के ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों का कौशल विकास के लिए एक मंच प्रदान करना  है। यह परियोजना ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के परंपरागत दृष्टिकोण (बुनियादी सुविधाओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना) से बिल्कुल अलग है और पायलट डिजिटल गांव  में सेवा आधारित दृष्टिकोण को अपनाया गया है।

पायलट डिजिटल गांव परियोजना के प्रमुख उप घटक हैं:
ए.) टेली मेडिसिन सेवाएँ -  इसे डिजिटल इंडिया की ई-क्रांति  का स्तंभ माना जाता है।
इस सेवा के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) के समूह का एक प्रमुख अस्पताल होता है, जो ब्लॉक, जिला या राज्य / संघ स्तर का एक ख्याति प्राप्त अस्पताल होगा। टेली मेडिसिन सेवा के तहत विभिन्न क्षेत्रों के दवा से संबंधित परामर्श सत्र  आयोजित की जाती है।

(बी.) दूर शिक्षा सेवाएँ - इसे डिजिटल इंडिया की ई-क्रांति का प्रमुख हिस्सा माना जाता है।
इस सेवा के तहत ग्रामीण स्कूलों के समूह को एक बड़े और प्रतिष्ठित स्कूल से जोड़ा जाएगा। इंटरैक्टिव सत्र  के जरिए दूर शिक्षा सेवा प्रदान की जाएगी।

(सी.) एलईडी स्ट्रीट लाईटिंग और वाई-फाई हॉटस्पॉट सेवाएँ - यह डिजिटल इंडिया के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने का हिस्सा है।
इसके तहत ग्राम पंचायत में सार्वजनिक स्थान पर एक उच्च  क्षमता वाली एलईडी स्ट्रीट लाईट का टॉवर स्थापित किया जाएगा। इससे सार्वजनिक स्थान पर मुफ्त प्रकाश प्रदान किया जा सकेगा। एलईडी स्ट्रीट लाइट सुबह से शाम तक संचालित किया जाएगा। नागरिकों को डिजिटल में सशक्त व सक्षम बनाने के लिए प्रति दिन कम से कम 5 घंटे तक मुफ्त इंटरनेट प्रदान किया जाएगा।

(डी.) कौशल विकास सेवाएं - यह डिजिटल इंडिया के डिजिटल सशक्तिकरण का प्रमुख हिस्सा है।
संसाधन केन्द्रों में उपलब्ध वीसी और अन्य बुनियादी सुविधाओं का इस्तेमाल कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने, जानकारी साझा करने का सत्र और विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों आदि के साथ इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया जाएगा।

इस संदर्भ में, NISG के साथ MeitY ने मिलकर डिजिटल गांव में सेवाओं के लिए एक मसौदा तैयार किया है जिसमें तकनीकी कार्य  और सेवाओं (SLAs) के लिए विनिर्देश निर्धारित किए गए हैं।

इस मसौदा के विनिर्देशों को अब 18 जनवरी, 2017 तक सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा गया है। प्रतिक्रिया, विचार या सुझाव  किसी भी क्षेत्र के नागरिक दे सकते हैं जैसे कि शिक्षक, डॉक्टर, तकनीकी विशेषज्ञों, योजनाकारों आदि।

तकनीकी कार्य के विनिर्देश और दूर शिक्षा सेवाओं का एसएलए
तकनीकी कार्य के विनिर्देश और एलईडी स्ट्रीट लाईटिंग और वाई-फाई हॉटस्पॉट सेवाओं का एसएलए
तकनीकी कार्य के विनिर्देश और टेली मेडिसिन सेवाओं का एसएलए