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देश में प्रत्यक्ष बिक्री गतिविधियों का नियमन

Regulation of Direct Selling Activities in the country
आरंभ करने की तिथि :
Feb 12, 2015
अंतिम तिथि :
Feb 16, 2016
08:30 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

पिछले दो दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्वीकरण और उदारीकरण के ...

पिछले दो दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्वीकरण और उदारीकरण के काऱण, कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को विशेष रूप से उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं में विशाल घरेलू बाजार पर लक्षित व्यवसाय/व्यापार मॉडल के नए तरीके में निवेश करने के लिए तैयार हुई हैं। प्रत्यक्ष बिक्री इन विधियों में से एक है, जहां माल/सेवाएं उपभोक्ताओं को निर्माता/सेवा प्रदाता द्वारा सीधे बेचे जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न मॉडलों जैसे, मल्टी लेवल/नेटवर्क मार्केटिंग, डोर टु डोर सेलिंग, ऑनलाइन सेलिंग, टेली-शॉपिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह कार्य प्रणाली नई और परंपरागत खुदरा दुकानों से अलग हैं।

इन मॉडलों के माध्यम से एक उचित नियामक ढांचे के अभाव में, उपभोक्ता की ओर से खुदरा, व्यापारी के मुद्दों, क्षेत्र का धीमा विकास आदि की शिकायत की जा सकती है।