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देश-विदेश में भारतीय रेशम उत्पादों की मांग कैसे बढ़ाई जाए?

How to increase the demand of Indian silk products in the country as well as abroad?
आरंभ करने की तिथि :
Jan 01, 2015
अंतिम तिथि :
Jul 17, 2015
04:15 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

वस्त्रों में प्रमुख, रेशम को उसकी चमक, विलासिता, मनोहरता, विशिष्टता ...

वस्त्रों में प्रमुख, रेशम को उसकी चमक, विलासिता, मनोहरता, विशिष्टता और आराम के लिए सभी लोगों द्वारा पसंद किया जाता है। इसमें प्राकृतिक चमक, रंगाई एवं चमकदार रंगों के लिए अंतर्निहित क्षमता, हल्का वज़न, लचकदार एवं उत्कृष्ट वस्त्र-विन्यास जैसे प्राकृतिक गुण है जो इसे प्राकृतिक और मानव द्वारा निर्मित तंतुओं से अलग करता है। चूंकि रेशम उत्पादों का प्रयोग उच्च आय वर्ग के लोगों द्वारा अधिक किया जाता है इसलिए इसका उत्पादन न केवल रोज़गार उन्मुख है बल्कि कम पूँजी लगाकर इसमें अधिक लाभ भी कमाया जा सकता है जिससे विशेष रूप से ग्रामीण लोगों को आर्थिक महत्व के मूल्य वर्धित उत्पाद मिल सकते हैं।

भारत दुनिया में रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। रेशम उद्योग देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लगभग 7.8 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। रेशम मूल्य श्रृंखला की विभिन्न गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी 54% है। रेशम के लिए सबसे बड़ा खतरा उसके जैसे दिखने वाले सिंथेटिक तंतु हैं।

नए उत्पादों, डिजाइन, बाज़ार, चलन, रुझान,संवर्धन के उपाय, लक्षित समूह को ध्यान में रखते हुए देश- विदेश में भारतीय रेशम उत्पादों की मांग को कैसे बढाया जाए इसके लिए अपने विचार और सुझाव साझा करें।