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भ्रामक विज्ञापनों के दुष्प्रभाव से निपटने में स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन की क्या भूमिका होनी चाहिए, इससे संबंधित सुझाव दें

Suggestions on the role of the voluntary consumer organisations in tackling the menace of Misleading Advertisements
आरंभ करने की तिथि :
Jan 01, 2015
अंतिम तिथि :
Jan 24, 2015
04:15 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

देशभर में व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रामक विज्ञापनों का ...

देशभर में व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रामक विज्ञापनों का प्रयोग किया जा रहा है। पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कमजोर वर्ग पर इसका दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ा है। इन क्षेत्रों में भ्रामक विज्ञापनों के दुष्प्रभाव से निपटने में स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनो की एक अहम भूमिका हो सकती है। देश के विभिन्न भागों में कार्य कर रहे स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन जिन्हें उपभोक्ता संबंधी मामलों से निपटने का अनुभव है, वह उपभोक्ताओं, राज्य सरकार, स्थानीय स्व-शासन की इन भ्रामक विज्ञापनों को पहचानने और उनपर उचित कार्रवाई करने में मदद कर सकते हैं।

भ्रामक विज्ञापनों के दुष्प्रभाव से निपटने में स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन की भूमिका क्या होनी चाहिए इससे संबंधित सुझाव दें।

आप अपनी टिप्पणियां 23 जनवरी 2015 तक भेज सकते हैं।

भ्रामक विज्ञापनों के बारे में अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त करें-http://cdn.mygov.nic.in/bundles/frontendgeneral/pdf/brief-on-misleading-...