Home | MyGov

Accessibility
ऐक्सेसिबिलिटी टूल
कलर एडजस्टमेंट
टेक्स्ट साइज़
नेविगेशन एडजस्टमेंट

वाराणसी में व्यापार सुविधा केन्द्र और शिल्प संग्रहालय

Trade Facilitation Centre and Crafts Museum at Varanasi
आरंभ करने की तिथि :
May 15, 2015
अंतिम तिथि :
Dec 01, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

हथकरघा उत्पाद का भारत की विरासत और संस्कृति को बनाए रखने में एक ...

हथकरघा उत्पाद का भारत की विरासत और संस्कृति को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत की सांस्कृतिक विरासत के अलग-अलग जीवंत पहलुओं को प्रदर्शित करते हुए हथकरघा क्षेत्र, विशेषकर ग्रामीण इलाकों के सामाजिक और आर्थिक रुप से कमजोर तबके से संबंधित 43 लाख से अधिक हथकरघा बुनकरों को प्रत्यसक्ष और परोक्ष रुप से रोजगार प्रदान करता है ।

वाराणसी की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और बनारसी रेशमी साडि़यां व शिल्प भारतीय परिदृश्य का एक महत्वमपूर्ण हिस्सा हैं। वाराणसी हथकरघा भारत की विरासत को गौरव प्रदान करता है। वाराणसी के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को उनके बेहद कलात्मक डिजाइन, रंग संयोजन, बेहतर शिल्प कला और टिकाऊपन के कारण समूचे देश में और देश से बाहर व्यापक पहचान मिली है ।

वाराणसी और इसके आसपास के इलाकों के हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग को बाजार के अनुकूल बनाने और उत्पासदनकारी रोजगार प्रदान करने की दृष्टि से भारत सरकार एक व्यापार सुविधा केन्द्र और एक शिल्पा संग्रहालय की स्थापना कर रही है ताकि वाराणसी के हथकरघा, हस्तशिल्प और रेशमी उत्पा‍दों का विकास हो सके और उन्हें बढ़ावा दिया जा सके तथा साथ ही, वाराणसी के बुनकरों, कारीगरों और व्यवसायियों को देशी और विदेशी बाजारों में उनके विपणन क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के लिए तथा वाराणसी की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक मदद दी जा सके। माननीय प्रधानमंत्री ने दिनांक 7 नवंबर, 2014 को बड़ा लालपुर, वाराणसी में एक व्यापार सुविधा केन्द्र और शिल्पब संग्रहालय की आधारशिला भी रखी थी।

वाराणसी में व्यापार सुविधा केन्द्र और शिल्प संग्रहालय की संकल्पढना और यहां प्रदान की जाने वाली सुविधाओं/सेवाओं पर अपने बहुमूल्य विचार और राय भेजें।