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वित्तीय संसाधनों की बढ़ोतरी

Increasing Financial Resources
आरंभ करने की तिथि :
Jun 10, 2015
अंतिम तिथि :
Aug 11, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

यह चर्चा विषय ‘भारत में स्वास्थ्य प्रणालियां:मौजूदा निष्पादन और ...

यह चर्चा विषय ‘भारत में स्वास्थ्य प्रणालियां:मौजूदा निष्पादन और संभाव्यता के बीच की दूरी को कम करना’ शीर्षक से हमारी पहली चर्चा के सन्दर्भ अवं जारी रखने के लिए हैं । पहले चर्चा में इस विषय पर टिप्पणी की है जो दूसरों की समीक्षा करने के लिए, हमारे ब्लॉग पर उपलब्ध हैं ।

कैसे हम स्वास्थ्य के लिए वित्तीय संसाधनों में वृद्धि के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ को अधिकतम करें?

11वीं योजना अवधि के अंत में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय, जीडीपी का 1.04% था। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य पर कुल व्यय का 70%, जेब से किया गया व्यय है। अध्ययनों से यह पता चला है कि भारत में स्वास्थ्य पर जेब से किए गए व्यय की वजह से गरीबी में संभवतः ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 3.6% और शहरी क्षेत्रों में 2.9% की वृद्धि हो रही है। भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी व्यय तुलनीय देशों में सबसे कम व्यय करने वाले देशों की सूची में आता है। यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य के लिए और अधिक संसाधन जुटाने की जरूरत है। चूंकि स्वास्थ्य पर व्यय केवल केन्द्र सरकार के आबंटनों के माध्यम से ही होना जरूरी नहींहै, इसलिए अतिरिक्त निधियां जुटाने के लिए नए-नए तरीकों का भी पता लगाया जाना चाहिए। कृपया वर्किंग पेपर 2/2015 – स्वास्थ्य के लिए संसाधन बढ़ाना विषय पर विस्तृत पेपर देखें और स्वास्थ्य के लिए संसाधन बढ़ाने के अतिरिक्त तरीकों के संबंध में अपने सुझाव दें।