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भारत वस्त्र

बनाने की तिथि :15/04/2015
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वस्त्र मंत्रालय ने समाज के पिछड़े और बिना लाभ वाले क्षेत्रों के अंतर्गत विशेष ध्यानन देते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास’ के भागीदारीपूर्ण और समावेशी विकास करने के मुख्यध उद्देश्यु से कई नई पहलें की हैं। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के आधार पर, रोजगार, उत्पाददन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ‘स्किल, स्केल, स्पीकड’ और ‘जीरो डिफेक्टए, जीरो इफेक्ट़’ पर विशेष जोर देते हुए संगठित वस्त्रस उद्योग को सहायता प्रदान की गई है। व्यभवसाय को आसान करने के लिए ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्जिमम गवर्नेंस’ के आधार पर प्रशासनिक तंत्र और क्रियाविधियों को संशोधित किया जा रहा है। वस्त्रम क्षेत्र में पिछले महीनों में की गई कुछ प्रमुख पहलों में पूर्वोत्तशर क्षेत्र में अपैरल और परिधानों का संवर्धन, कपास उत्पामदकों के हितों की सुरक्षा, नेशनल टेक्सकटाइल कार्पोरेशन का पुनरुद्धार, हथकरघा और हस्तरशिल्पा का संवर्धन, वस्त्रक के साथ फैशन को जोड़ना, कालीन विकास का संवर्धन, कौशल विकास, पटसन उत्पाकदकों और कामगारों के हितों की सुरक्षा, रेशमउत्पा दन के माध्य्म से महिला सशक्तिकरण, तकनीकी वस्त्रोंक का संवर्धन आदि शामिल हैं। हम इस पहल को आगे बढ़ाने में सार्वजनिक भागीदारी चाहते हैं। कृपया इस समूह में शामिल हों।