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न्याय विभाग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की नि:स्वार्थ कानूनी सेवा (प्रो-बोनो,लीगल सर्विसेज) के लिए नाम का सुझाव देने की प्रतियोगिता

आरंभ करने की तिथि :
Nov 24, 2017
अंतिम तिथि :
Dec 04, 2017
17:30 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

'प्रो-बोनो' शब्द जो कि ‘प्रो-बोनोपब्लिको’ का छोटा नाम है जो कि एक ...

'प्रो-बोनो' शब्द जो कि ‘प्रो-बोनोपब्लिको’ का छोटा नाम है जो कि एक लेटिन शब्द है जिसका अर्थ लोक कल्याण है। व्यवहार में यह शब्द,कानूनी पेशे के संदर्भ में बहुधाय विशेष रूप से प्रयुक्त होता है और उन लोगों को कानूनी सहायता देने की प्रथा को इंगित करता है जो धन के अभाव में अपना प्रतिनिधित्व नहीं कर पाते हैं। भारत में नि:स्वार्थ (प्रो-बोनो) और कानूनी सहायता (लीगल सर्विस) एक संकल्पना के रूप में एक तदर्थ, निजी प्रकार की प्रथा है जिसे अभी तक एक संस्थागत रूप नहीं दिया गया है।

‘प्रो-बोनो लीगल सर्विसेज’ के प्रबंध के लिए एक ढांचा स्थापित करने की दृष्टि से न्याय विभाग ने यूएनडीपी के सहयोग में उन लोगों को ‘प्रो-बोनो सर्विसेज’प्रदान करने के लिए जिन्हें कानूनी सहायता और परामर्श की बहुत जरूरत होती है लेकिन जो उसका खर्चा नहीं उठा पाते हैं,कानूनी बिरादरी से स्वयं सेवकों का समेकन करने के संबंध में एक वेब आधारित पहल शुरू की है (doj.gov.in पर उपलब्ध)। यद्यपि इस पोर्टल पर, हाशिए पर खड़े वादी (समुदाय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक, कम आय वाले व्यक्ति और दिव्यांग व्यक्ति के सदस्यों सहित) कानूनी प्रो-बोनो वकीलों से सहायता और सलाह के लिए आवेदन कर सकते हैं।

देश में ‘प्रो बोनो’ कानूनी सहायता देने की प्रथा को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने पहली बार इस प्रकार के एक कार्यक्रम की शुरुआत की है, सभी के लिए मुफ्त कानूनी सहायता का संवैधानिक अधिदेश को शुरू करने के लिए इसकी आवश्यकताओं को तैयार किया है।

इस संदर्भ में,इस पहल के लिए न्याय विभाग और यूएनडीपी ने एक मोबाइल आधारित प्लेटफार्म का सृजन करके ‘प्रो बोनो’ लीगल सर्विस का कार्य भी शुरू कर रहा है इस प्लेटफार्म के माध्यम से न्याय विभाग का अभिप्राय, विषय के विनिर्देशों और भौगोलिक कारकों के आधार पर पंजीकृत वकीलों को उन पात्र वादियों के साथ जोड़ना है जिन्हें कानूनी सहायता और सलाह की आवश्यकता है।

इस पहल के लिए, न्याय विभाग इस मोबाइल एप्लिकेशन का नाम चुनने के लिए एक प्रतियोगिता कर रहा है।

नाम चुनने के दौरान कुछ दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखना है
क) नाम हिंदी या अंग्रेजी में होगा ।
ख) यह 3-4 शब्द टैगलाइन के साथ एक शब्द वाला नाम होगा उदाहरण के लिए, 'विद्यान्जली - एक स्कूल स्वयंसेवक ऐप'

न्याय विभाग की तरफ से विजेता को 5000 रुपये का नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर, 2017, 05:30 पूर्वाह्न है|

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इस कार्य के लिए प्राप्त हुई प्रविष्टियाँ
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