Home | MyGov

Accessibility
ऐक्सेसिबिलिटी टूल
कलर एडजस्टमेंट
टेक्स्ट साइज़
नेविगेशन एडजस्टमेंट

"सफलता की कहानियां: दैनिक जीवन में प्लास्टिक के सकारात्मक प्रभाव" पर अनुच्छेद लेखन प्रतियोगिता

आरंभ करने की तिथि :
Jul 26, 2018
अंतिम तिथि :
Sep 01, 2018
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
View Result प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

21 वीं शताब्दी के पहले 10 वर्षों में निर्मित प्लास्टिक की मात्रा 20 वीं ...

21 वीं शताब्दी के पहले 10 वर्षों में निर्मित प्लास्टिक की मात्रा 20 वीं शताब्दी में निर्मित प्लास्टिक की कुल मात्रा के बराबर है। हमारे दैनिक जीवन में आज प्लास्टिक व्यापक रूप से इस्तेमाल हो रहा और इसका उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के सीरींज, लागत और स्वच्छता की दृष्टि से डिस्पोजेबल सीरींज के मुकाबले बेहतर होते हैं। कृषि में भी प्लास्टिक के उपयोग से जल संरक्षण के साथ-साथ उच्च उपज सुनिश्चित हो रहा है। प्लास्टिक से बने खाद्य पैकेजिंग न केवल भोजन का जीवन बढ़ाते हैं बल्कि खाद्य अपव्यय को भी कम करते हैं। प्लास्टिक के उपयोग के बिना आज इलेक्ट्रॉनिक्स की कल्पना भी मुश्किल है तथा ऑटोमोटिव में प्लास्टिक के इस्तेमाल से ही ईंधन दक्षता बढ़ी है। इस तरह प्लास्टिक ने उत्पादों को किफायती और बेहतर बनाने में क्रांतिकारी योगदान दिया है। वास्तव में, यह पॉलीमर के लिए एक रोमांचक समय है और अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल हो रहा है जैसे कि एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल, पैकेजिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स। इस लिए मौजूदा समय में ऐसे प्लास्टिक उत्पादों को विकसित किए जाने की आवश्यकता है जिसे आसानी से रीसाइकिल किया जा सके।
इस संदर्भ में कई सफल कहानियां हो सकती हैं जिन्हें साझा किया जा सकता है और किया जाना चाहिए।

उपरोक्त विषय पर अनुच्छेद आमंत्रित हैं

जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2018 है।

नियमों और शर्तों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

प्रतियोगिता से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए, लिखें:
श्री डी. प्रवीण
निदेशक
फोन: 011-23070712
Emial: d.praveen@nic.in

इस कार्य के लिए प्राप्त हुई प्रविष्टियाँ
497
कुल
0
स्वीकृत
497
समीक्षाधीन