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समावेशी भारत पहल प्रतियोगिता - "एक कक्षा को पूरी तरह से समावेशी बनाना: दृष्टिकोण और संसाधन"
विकलांगता का सामाजिक मॉडल बताता है कि अगर कोई बच्चा कुछ जानने में ...
विकलांगता का सामाजिक मॉडल बताता है कि अगर कोई बच्चा कुछ जानने में सक्षम नहीं है कि तो आप ये मानकर मत चलिए कि इसमें बच्चे की विकलांगता प्रमुख वजह है| या कहें को ये कारण है, लिहाजा स्कूल प्रणाली में स्कूल की ये जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसे बच्चे पर वो विशेष ध्यान दें। सभी बच्चों की जरूरतों के मुताबिक उनकी योग्यता पर ध्यान देना एक स्कूल की प्राथमिकता है। आप ये मानकर चलिए कि प्रत्येक शैक्षिक कार्यक्रम की सफलता, शिक्षकों और उनके व्यवहार की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। वैसे भी मौजूदा दौर में एक समावेशी पाठ्यक्रम की आवश्यकता है।इस पहल के माध्यम से, शिक्षा प्रणाली में जो फिलवक्त दुविधा है उसे खत्म करने की जरूरत है। हम ये चाहते हैं कि शैक्षिक संस्थानों में समावेशी तरीके से काम करने के लिए शिक्षकों को समर्थन दिया जाए| साथ ही हमें इस ओर भी ध्यान देना होगा कि शिक्षक स्कूल की जिम्मेदारी को संभालें और स्कूल में ऐसा माहौल बनाएं जहां बच्चे मुक्त रूप से और एक समान सीख सकें|
कौन भाग ले सकता है?
इस प्रतियोगिता में अखिल भारतीय स्तर पर स्कूल और कॉलेजों के शिक्षक, हेड्स, काउंसलर्स, स्कूल बोर्डों के सदस्य, नीति निर्माता और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हो सकते हैं
प्रविष्टियां जमा करने की श्रेणियां:
इस विषय पर आपको 500 से अधिक शब्दों का आलेख/ राइट अप लिखना है| 500 से अधिक शब्द के आलेख/ राइट अप प्रतियोगिता के लिए स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे।
आपको इन विषयों में से किसी पर ये आलेख/ राइट अप लिखने हैं-
1. विकलांग बच्चों को पहचानने और स्वीकार करने में आपका अनुभव
2. सामान्य और विकलांग बच्चों के बीच आपने सकारात्मक दृष्टिकोण कैसे विकसित किया है?
3. स्कूल के भीतर स्थापत्य अवरोधों को हटाने के लिए ताकि बच्चे को स्वतंत्र रूप से काम करने की इजाजत मिल सके? इस पहलू पर कितना काम किया गया है?
4. विकलांग बच्चों की सहायता के लिए शिक्षण सामग्री की तैयारी कैसे करते हैं ताकि बच्चे बेहतर तरीके से सीखें। उदाहरण के साथ लिखें
5. विकलांग बच्चों को पढ़ाने में आपकों अन्य हितधारकों मसलन चिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों, सामाजिक कार्य से जुड़े लोगों और, अभिभावकों से आपको किसी प्रकार का लाभ हुआ, अगर हुआ तो कैसे?
6. शिक्षकों को संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का क्या महत्व है? आपने कितने कार्यशालाओं में हिस्सा लिया है, अपने अनुभव को साझा करें
प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए समय सीमा 25 जून 2017 निर्धारित है
प्रस्तावित पुरस्कार राशि:
पहला पुरस्कार - रु 5,000 / -
दूसरा पुरस्कार - रु 3000 / -
तीसरा पुरस्कार - रु 2,000 / -
नोटः भागीदारी की प्रमाणपत्र सभी प्रविष्टियों को दिया जाएगा।
प्रतियोगिता की नियम और शर्तों को जानने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं|
क्लास रूम में डिजिटल गैजेट्स होने चाहिए जिन बच्चों को दिखने में असमर्थता है उन बच्चों के लिए साउंड गैजेट्स इस्तेमाल होना चाहिए स्कूल की तरफ से ही स्कूल में गेजेट देनी चाहिए पूरी तरह से हर एप्लीकेशन से परिपूर्ण हो साथ ही साथ उंगली से स्पर्श करने वाले गैजेट्स भी साइंटिस्ट को बनाने चाहिए जिसे कम दिखने वाले बच्चे उंगली से प्रेस कर दें प्रतिबिंब ब्लैक बोर्ड पर बने जो बच्चे गूंगे हैं उनके लिए वॉइस डिजिटल गैजेट हैंडीकैप्ड है उनके लिए डिजिटल स्क्रीन युक्त व्हीलचेयर होनी चाहिए टीचर पूरी तरह पूर्ण हो
The working method of teacher with their student to commending and working to increase their skill will be less in range due to hard core study student never increase their general value and performance ever
teacher and student language is same to talk and read right due to the reason student will not learn any laungage in school
Dear Sir, My submission is as per attached file.
I am a PGT Computer Science working in a CBSE Affiliated school for the past 15 years. Teaching is my passion and my experience with the students from various factions of the society has left unforgetable memories and I have shared one among them which will benefit the society at large.
Technology is vital to the 21st century classroom. Not only does it allow students to keep up with our changing world, it provides accessibility to the curriculum for learners with special needs. Whether it be a computer, iPad, audio/visual equipment or assistive devices, technology can play various roles in the inclusive classroom. It can offer educational software, provide an accessible curriculum to children with special needs and help differentiate lessons. Highly engaging, technology appeal
First of all there should not be any differences b/w rich and poor. Everychild shoudbe treated equally and if any child is not learning then he or she should be explain them politely not to beat them it makes them angry and not to study and after explaining them then revise it in the class at the very last. And teach them with enjoyment then they will take interst in subject other wise not. Or teach them through videos or smart classes or visual studios bcauze it will let them memorable