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इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (आईओटी) नीति के लिए तैयार किये गए मसौदे के बारे में अपने विचार और सुझाव साझा करें

Give comments and suggestions on draft Internet of Things (IOT) Policy
आरंभ करने की तिथि :
Jan 01, 2015
अंतिम तिथि :
Oct 31, 2014
04:15 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

पिछले कुछ वर्षों में हमें कई डिजिटल परिवर्तन देखने को मिले हैं और ...

पिछले कुछ वर्षों में हमें कई डिजिटल परिवर्तन देखने को मिले हैं और उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार विकास के लिए इस क्षेत्र में आगे भी बदलाव जारी रहेंगे। इस क्षेत्र में आया नया परिवर्तन है- “इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स”। सॉफ्टवेयर, दूरसंचार और इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर उद्योग की परस्पर क्रिया को आईओटी कहा गया है जो कई उद्योगों को बेहतर अवसर प्रदान करेगा।

“इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स” के आगमन के बाद जल्द ही संयोजित सेंसर की संख्या बढ़कर खरबों तक पहंच जाएगी इसी के साथ अरबों की संख्या में विभिन्न एप्लीकेशन से जुडी बेहतरीन प्रणालियां नए उपभोक्ताओं और व्यापारों को इससे जुड़ने के लिए अपनी ओर आकर्षित करेगी। उद्योग संबंधी समाधान के लिए आईओटी की बढती मांग आईटी उद्योगों को बेहतर अवसर प्रदान कर खरबों का व्यवसाय प्रदान करेगी और साथ ही अन्य कंपनियां भी आईओटी का लाभ उठा पाएंगी।

भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई भारत सरकार की सर्वोच्च पहलों में से एक “डिजिटल भारत” से देश में आईओटी उद्योग के विकास के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने आईओटी नीति प्रलेख का एक मसौदा तैयार किया है जिसके उद्देश्य निम्नलिखित है:

• 2020 तक 15 अरब डॉलर की आईओटी उद्योग का निर्माण करना। यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि विश्व भर के आईओटी उद्योग में भारत की 5 से 6% की हिस्सेदारी होगी।

• घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए आईओटी संबंधी कौशल का विकास (मानव एवं प्रौद्योगिकी) करना।

• सभी सहायक प्रौद्योगिकियों से सम्बंधित अनुसंधान एवं विकास कार्य करना।

• सभी संभव डोमेन में भारतीय जरूरतों के अनुसार विशेष आईओटी उत्पादों का विकास करना।

आईओटी के नीतिगत ढांचे को एक बहु-क्षेत्रीय व्यवस्था के रूप में लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है। इस व्यवस्था के प्रदर्शन केन्द्र, क्षमता निर्माण और ऊष्मायन, अनुसंधान एवं विकास और नवाचार, प्रोत्साहन और सहभागिता, मानव संसाधन विकास जैसे पांच मुख्य क्षेत्र हैं और मानक और शासन संरचना जैसे दो समर्थित क्षेत्र।

नीति प्रलेख पढने के लिए इस यूआरएल पर जाएँ: http://deity.gov.in/sites/upload_files/dit/files/Draft-IoT-Policy%20%281...

राष्ट्र में आईओटी उद्योग की स्थापना के लिए बनाई गई मसौदा नीति में सुधार लाने के लिए हम आपको अपनी टिप्पणियाँ और सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

आप अपने सुझाव 31 अक्टूबर 2014 तक भेज सकते हैं।

1904 सबमिशन दिखा रहा है
pundirjangbir@gmail.com
JANGBIR PUNDIR 10 साल 4 महीने पहले

2. Sixth pillar of IoT could be ‘Technology Transmission Vehicle’ for carry, crossover and interchange of technologies into, across and out off IOT environment, will also help address interface and integration of related structures and better management across systems in the environment.

pundirjangbir@gmail.com
JANGBIR PUNDIR 10 साल 4 महीने पहले

Sir,1. IoT policy appears a technology regime rather need-use driven paradigm on consideration of geography, regions, enabling systems and grids of IoT. In view of resource limitations IoT paradigm be need based with parallel technology thrust with more emphasis on universal-standard technology than standalone specific technology tools. As such use based approach with primary, secondary thrust areas be identified and targeted to lend direction and enable coordination among related institutions.

nkjain.cc@gmail.com
NK JAIN 10 साल 4 महीने पहले

1) IN EVERY CASE , ALL HEARINGS IN ANY COURT SHOULD BE LIMITED TO 4 ONLY, EXCEPT IN EXCEPTIONAL CASES.
2) WHY ADJOURNMENT DECIDED JUST IN A HEARING.
3) WHY SMALL SMALL CASES ARE TAKING DECADES AFTER AFTER DECADES?

nkjain.cc@gmail.com
NK JAIN 10 साल 4 महीने पहले

सलमान खान से जुड़ा यह मामला 17 साल पुराना है और फिलहाल किसी के लिए भी कहना कठिन है कि अंतिम फैसले की नौबत कब आएगी? क्या यह महज एक दुर्योग है कि जोधपुर से लेकर मुंबई तक उनके खिलाफ जो भी मामले चल रहे हैं वे देरी के लिए कुख्यात हो चुके हैं? जरूरत से ज्यादा देरी न्याय के औचित्य पर सवाल खड़े करने के साथ ही आम लोगों के भरोसे को डिगाती है। यह एक जुमला भर न रहे तो अच्छा है कि न्याय होने के साथ-साथ होते हुए दिखना भी चाहिए।

nkjain.cc@gmail.com
NK JAIN 10 साल 4 महीने पहले

जागरण जयपुर : फिल्म अभिनेता सलमान खान के 17 साल पुराने हिरण शिकार प्रकरण के आर्म्स एक्ट मामले में बुधवार को फैसला FIR टल गया। अब तीन मार्च को फैसला सुनाने से पहले चार प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होगी। जोधपुर जिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सलमान को भी मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। 1सलमान के वकील ने कोर्ट में अर्जी लगाई कि वर्ष 2006 में लगाए गए कुछ प्रार्थना पत्रों पर अभी सुनवाई नहीं की गई है। पहले इस पर सुनवाई की जाए और फैसले को टाला जाए।

rajivguptamca@gmail.com
RAJIV GUPTA 10 साल 4 महीने पहले

The free wifi hotspots for all educational institutions is the need of the hour. the government can limit this access by filtering the commercial and porn sites. Without free internet to the students, no government policy can be implemented at-large.
Rajiv Gupta
Academic Researcher & Visiting Faculty,
Deptt. of Computer Science,
University of Lucknow, Lucknow.

accttsgwl@rediffmail.com
Prakash Deshpande 10 साल 4 महीने पहले

If account based direct wifi is present in a city then individual need for hotspots wifi modems wifi routers repeates will not be their and the access will be hassel free. On trial basis it can be done in a small city. Govt may give free access to some application and paid access to other commercial applications and charge more for audio and video applications. free web casting of important program sending important alerts like electrical shoutdown is also possible in a city wifi regeame.

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