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ई-गवर्नेंस सेवा परिपक्वता मॉडल पर सार्वजनिक परामर्श

Public Consultation on e-Governance Service Maturity Model
आरंभ करने की तिथि :
Feb 03, 2017
अंतिम तिथि :
Mar 18, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

ई क्रांति - सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक वितरण, के अन्तर्गत एसटीक्यूसी, ...

ई क्रांति - सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक वितरण, के अन्तर्गत एसटीक्यूसी, मानकीकरण, परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणीकरण द्वारा नेशनल सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स एंडटेक्नोलॉजी की स्थापना इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अन्तर्गत मानक निर्माण केंद्र के रूप में की गई है।

परिपक्वता मॉडल्स का प्रयोग यथास्थितियों का आंकलन करने (क्षमताओं की कमी का पता लगाना और उन्हें समाप्त करना ), सुधार प्रयासों के लिए मार्गदर्शन करना ( सुधारका मार्ग प्रशस्त करना ) और बढ़ोतरी पर नियंत्रण। सूचना और संपर्क प्रौद्योगिकी ने लोगों के लिए यह संभव कर दिया है कि अधिकतर मामलों में दूर बैठकर बिना स्वयंगए सरकार से संपर्क कर सकते हैं और ई गवर्नेंस सेवाओं का आसानी से लाभ उठा सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक सेवा वितरण के सन्दर्भ में - "ई-गवर्नेंस का अर्थ, निर्णय लेने कीप्रक्रिया में आईसीटी के प्रयोग द्वारा नागरिकों, संस्थानों, सामाजिक समूहों और निजी क्षेत्र की व्यापक और गहरी भागीदारी सुनिश्चित करना है।"

वर्ष दर वर्ष, केंद्र और राज्य सरकारों ने नागरिकों को प्रदत्त सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई उपाय किये हैं और आम लोगों के आर्थिक और सामाजिक स्तर कोसुधारने के लिए उन तक पहुँच बनाने का प्रयास किया है।

यह मॉडल केवल भारतीय सन्दर्भ में ही ई-गवर्नेंस सेवाओं की आवश्यकताओं को पूरा करता है। मूल उद्देश्य यह है कि मानदंड जहाँ तक संभव हो, व्यक्तिनिष्ठ मूल्यांकनपर आधारित न होकर विषयनिष्ठ रहें। इन सेवाओं का एक तर्कसंगत और विषयनिष्ठ मूल्यांकन करने वाले एक विश्वसनीय तंत्र की इस मॉडल में चर्चा की गई है। इसमॉडल में दो प्रकार के मूल्यांकनों का प्रस्ताव है, एक सरकार के मंत्रालय / विभाग द्वारा और दूसरा लाभार्थी द्वारा।

इस ड्राफ्ट के प्रावधानों पर सार्वजनिक परामर्श 17 मार्च, 2017 तक दिए जा सकते हैं।

ई-गवर्नेंस सेवा परिपक्वता मॉडल का प्रारुप पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

215 सबमिशन दिखा रहा है
vle.kole@gmail.com
Pratap Chandra Kole 8 साल 4 महीने पहले

We think immediate need to start cash less economy at our India to prevent our economy and protect our country from terrorist attract/fake currency. Further more we think equal opportunity at employment sector along with priority of merit at employment sector and education sector. At the same time hard punishment against corruption.

ATAL.RAI@GMAIL.COM
ATAL RAI 8 साल 4 महीने पहले

As per my opinion Gov should strengthen its quality of Electronic Delivery services (online facility) by increasing server capacity and access because some times due to overload server becomes slow & it creates hurdles.As per my thinking less human interference creates more transparency and less corruption hence more & more govt. services should be made online including all kind of Income tax services, GST services, Banking services,Licence,Passport, Ration Cards even Bus tickets.

jai_12
jai_12 8 साल 4 महीने पहले

I am from Maharashtra and I have seen effective service delivery via aaplesarkar portal. However, the maturity in terms of addressing concerns or grievance is not there. For exmaple.. Sr. officials are hand in glove with Jr. officials and hence no action is taken against frauds/scams/corrupt activities or inaction by Jr. Police does not take FIR even if online complains are send. So have effective e-Governance model - Third party (CVC) such observe deviation and machine learning should be used.

pankaj jha_31
pankaj jha 8 साल 4 महीने पहले

मेरे हिसाब से बजट काफी अच्छा है। लेकिंन हम सबो की उम्मीदे मोदी जी से काफी ज्यादा है। अभी बहूत कुछ करना भी है। हमें ये नहीं भूलना चाहिए की रोटी जितनी होगी उसी में तो बाटना है , तो क्या हम सभी को रोटी ज्यादा कैसे बने इसपर बल नहीं देना चाहिए। हमलोग हमेशा सबसे पहले अपनी भलाई ही देखने लगते है। दोस्तों जरूरत है की आमदनी बढे टैक्स बढे फिर हमें कोई उम्मीद करनी चाहिए। ​अपने देश की स्थिति से हमसभी को वाकिफ होना होगा , इनका ख्याल सबसे पहले रखना होना ये नहीं तो हम कहा और आप कहा। जय हिन्द जय भारत।

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