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"डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग इन इंडिया" को लेकर ट्राइ ने परामर्श पत्रे पर सुझाव मांगे हैं

TRAI Invites Suggestions on Consultation paper on "Issues related to Digital Radio Broadcasting in India"
आरंभ करने की तिथि :
Aug 19, 2017
अंतिम तिथि :
Sep 19, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

वर्तमान में भारत में टेरस्ट्रियल रेडियो कवरेज फ़्रिक्वेंसी ...

वर्तमान में भारत में टेरस्ट्रियल रेडियो कवरेज फ़्रिक्वेंसी मॉड्यूलेशन (एफएम) मोड और एम्प्लिट्यूशन मॉड्यूलेशन (एएम) मोड (शॉर्ट वेव और मीडियम वेव) में उपलब्ध है। निजी क्षेत्र के रेडियो ब्रॉडकास्टर्स के साथ आकाशवाणी एएम और एफएम फ्रीक्वेंसी बैंड्स में देश भर में ट्रांसमिटिंग कार्यक्रमों में टेरस्ट्रियल रेडियो प्रसारण सेवाएं प्रदान कर रही है। निजी क्षेत्र के रेडियो ब्रॉडकास्टर केवल एफएम आवृत्ति बैंड (88-108 मेगाहर्टज) में कार्यक्रमों को प्रसारित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करते हैं और फिलवक्त 293 रेडियो स्टेशनों के माध्यम से संचालित होते हैं।

वर्तमान में रेडियो सिग्नल (संकेतों) को बड़े पैमाने पर देश में रेडियो प्रसारण क्षेत्र में एनालॉग मोड के जरिए प्रेषित किया जाता है। डिजिटल मोड की तुलना में एनालॉग टेरेस्ट्रियल रेडियो प्रसारण अक्षम है और परिचालन प्रतिबंधों के साथ ग्रस्त है। डिजिटल रेडियो तकनीक रोमांचक, नई क्षमताओं के साथ एनालॉग ट्रांसमिशन में सामने आने वाली समस्याओं को दूर कर सकती है और तेज वृद्धि कर सकती है। ऑडियो गुणवत्ता के अलावा डिजिटल रेडियो प्रसारण, एनालॉग रेडियो प्रसारण पर कई लाभ प्रदान करता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि डिजिटल रेडियो में एक आवृत्ति पर तीन से चार प्रोग्राम चैनल प्रसारित करना संभव है और सभी चैनलों की उत्कृष्ट गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए एनालॉग मोड एक आवृत्ति पर केवल एक प्रोग्राम को प्रसारित करता है।

ऑल इंडिया रेडियो यानी AIR ने पहले ही तीन चरणों में अपने मेगावाट और एसडब्ल्यू रेडियो नेटवर्क के डिजिटलीकरण की शुरुआत की है। हालांकि, सार्वजनिक या निजी एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टरों द्वारा डिजिटाइज़ करने के लिए एफएम रेडियो स्पेस में कोई पहल नहीं हुई है। प्रतिस्पर्धी माहौल में डिजिटल रेडियो प्रसारण मौजूदा निजी एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टर्स के साथ-साथ श्रोताओं को अन्य मूल्य वर्धित सेवाएं प्रदान करने के लिए रोमांचक व नए अवसर प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, वर्तमान चरण-3 के नियमों के लिए एफएम बैंड में डिजिटल रेडियो सेवा के प्रावधान के बारे में स्पष्टता नहीं है। मौजूदा निजी एफएम प्रसारकों को डिजिटल रेडियो प्रसारण की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, हालांकि निजी रेडियो ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया है।

इस परामर्श पत्र के माध्यम से ट्राई ( TRAI) ने 04.09.2017 और 18.09.2017 को निजी एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टरों द्वारा डिजिटल रेडियो प्रसारण हो और इसके विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर हितधारकों की टिप्पणियों और प्रतिवाद की मांग की है। परामर्श पत्र को यहां देखा जा सकता है.

आप इस मसले पर अपने संबंधित विचार व सुझाव 18 सितंबर 2017 के मध्य रात्रे तक दे सकते हैं।

86 सबमिशन दिखा रहा है
hurrymanjee@yahoo.com
Suraj Chaube 7 साल 8 महीने पहले

The success of any technology depends on it’s acceptability by the end consumer.In case of Broadcasting this is even more crucial because it’s commercial model is highly dependent on the user base.Though, it is appropriate to give impetus for introduction of new & improved Digital technology ,because general advantages of Digital systems over Analog are well known,but the actual field testing data in case of Digital broadcast in India cannot be ignored.Attaching my views on consultation points

VINOTH KUMAR ATHINARAYANAN
VINOTH KUMAR ATHINARAYANAN 7 साल 8 महीने पहले

Two of the proposed systems operate in two modes each, making a total of nine systems being tested. The nine systems are divided into the following types of transmission: in-band on-channel (IBOC), in-band adjacent-channel (IBAC), and new bands

mygov_150574711648467061
rkhanna2001@gmail.com
Rajesh Khanna 7 साल 8 महीने पहले

I think government should start DAB as it will high quality audio to the user. Moreover government is spending lot of money on MW/SW transmitters operation and maintenance. DAB will bring down government expenditure to a greater extent.

SURAJ GAJBHIYE
SURAJ GAJBHIYE 7 साल 8 महीने पहले

I would like to request our Hon PM Modiji to lay a framework to start Suicide Prevention Helpline to help those in distress. Most vulnerable sections are students, farmers, defense & law enforcement personnels, victims of domestic abuse, rape, Pvt. Sector employees, Geriatrics patients etc.

National Health Service, United Kingdom has such helpline who has employed professional clinical psychologist as BPO executives to handle the distress calls from those vulnerable sections.

prakash.teli@yahoo.com
PRAKASH TELI 7 साल 8 महीने पहले

#TRAI, #DoT, #MyGov
रेडियो app को भारत में बेचे जानेवाले हर एंड्राइड फ़ोन में compulsory शामिल करना चाहिये उसके साथ ही उसको कोई भी REMOVE ना कर सके ऐसा इंतजाम करना चाहिये लेकिन app की साइज़ बहुत ही छोटी होनी चाहिये और यह app सब mobile बनाने वाले कंपनी को compulsory भी होना चाहिये

prakash.teli@yahoo.com
PRAKASH TELI 7 साल 8 महीने पहले

#TRAI, #DoT, #MyGov
हर mobile पर रेडियो का प्रसारण बिना केबल लगाने का होना चाहिये क्युकी हर बार केबल साथ में नहीं रहती है और केबल लगाकर ऑपरेट करना हर किसी को संभव नहीं है इसके लिये रेडियो का माध्यम ज्यादा से ज्यादा लोगो तक जाने के लिये हर mobile बनानेवाले कंपनी को बिना केबल के रेडियो चल सके इसका इंतजाम करने के लिये निर्देश देने चाहिये और यह compulsory भी होना चाहिये इसके साथ mobile के function में रेडियो को भी शामिल करना चाहिये

subhash.mallick@rocketmail.com
SUBHASH CHANDRA MALLICK 7 साल 8 महीने पहले

Sir, Radio became outdated in these date due to TV & Smartphone, So my request is, the govt have to direct all mobile company to provide facilities for radio broadcasting i.e. to enable all mobile-set to work as radio whenever required by the people with Short Wave and Medium Wave facilities in all Mobile phones.

DEBABRATA MISHRA_4
DEBABRATA MISHRA 7 साल 8 महीने पहले

WE ARE VERY HAPPY FOR RADIO BROADCASTING WHERE WE ARE LISTENING THE SONG, NEWS,CHRIKET PLAY,AND WE ARE VERY EXCITED FOR PRIME MINISTER'S "MANN KI BAT".I MEAN TO SAY THAT WE VERY HAPPY FOR RADIO FM.

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