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प्रौद्योगिकी के माध्यम से भ्रष्टाचार का हार

आरंभ करने की तिथि :
Mar 04, 2018
अंतिम तिथि :
Mar 31, 2018
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

पिछले तीन वर्षों में सरकार ने हर स्तर पर भ्रष्टाचार को दूर करने का ...

पिछले तीन वर्षों में सरकार ने हर स्तर पर भ्रष्टाचार को दूर करने का प्रयास किया है और इस मुहिम में प्रौद्योगिकी ने काफी अहम किरदार निभाया है। प्रौद्योगिकी ने खुद को को सबसे शक्तिशाली उपकरण के रूप में प्रस्तुत किया है। लेकिन ये तकनीकी हस्तक्षेप तब काम करता हैं जब,.. हस्तक्षेप सरल, पारदर्शी होते हैं और इसमें एक सार्वजनिक प्रतिक्रिया तंत्र शामिल होता है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति का उपयोग करते हुए, सरकार समस्या को सुलझाने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति का पालन कर रही है....

1. लाभार्थियों को सीधे लाभ हस्तांतरण
2. सरकारी खरीद को पारदर्शी बनाना
3. सेवा वितरण के डिजिटलीकरण
4. नकदहीन (कैशलैश) लेनदेन को बढ़ावा देना
5. जन भागीदरी
6. ओपन सरकारी डाटा

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(प्रत्यक्ष लाभ स्थानानतरण) लागू होने से फंड की बर्बादी रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा । इसी के बदौलत अब डीबीटी द्वारा हस्तांतरित राशि बढ़ रही है और बर्बादी कम हो रही हैं। सरकार ने सबको आधार बनाने के लिए समान रूप से जोर दिया है। उम्मीद है कि जन धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) के तहत ट्रनिटी मौद्रिक लेनदेन में और पूरी जवाबदेही आएगी और फर्जी या कहें अनुचित लाभार्थियों को मिलने वाला लाभ खत्म कर देगा।

इसके अतिरिक्त, सरकारी ई-बाज़ार (जी-ई मार्केटप्लेस ) के जरिए सरकारी खरीद को सरल और पारदर्शी बनाया गया। इसका मकसद ही यही था ताकि भ्रष्टाचार के किसी भी क्षेत्र को नष्ट किया जा सकता था। 2018 से शुरू किए जा रहे आयकर दाताओं के लिए फेसलेस ई-मूल्यांकन एक और महत्वपूर्ण कदम था। टैक्स अधिकारी अब करदाताओं के साथ ई-प्रोसिडिंग सुविधा के माध्यम से संवाद करते हैं जो मानव इंटरफ़ेस को कम करता है

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई एक लंबी और कठिन समस्या है। सरकार द्वारा विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों को पेश किया गया है, जिसमें नागरिक अपनी प्रतिक्रिया और विचार साझा करके उनके साथ शामिल हो सकते हैं। । लड़ाई में हमारे देश के ईमानदार नागरिकों को शामिल करने का निर्णय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हमारी ताकत बढ़ाता है।

अब माईगोव ने नागरिकों को अपने विचारों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया है कि कैसे तकनीक का इस्तेमाल भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए किया जा सकता है ...साथ ही एक प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए इनोवेशन (नवाचारों) का सुझाव हो सकता है। विचार और सुझाव नीचे दी गई टिप्पणी के रूप में या पीडीएफ दस्तावेज़ संलग्न करके प्रदान किए जा सकते हैं।

1876 सबमिशन दिखा रहा है
Siddharth Tripathi_3
Siddharth Tripathi_3 7 साल 5 महीने पहले

यदि नेताओ की जगह इंजीनियर को जवाब देह बनाया जाय तो भ्रष्टाचार मिटेगा । आम आदमी नेता तक नही पहुच पाता ये कटु सत्य है इसको मोदी जी आपको स्वीकारना पड़ेगा पर इंजिनीयर तक आम जनता आराम से पहुच जाती है । वह सभी बातें समझ ते है लोगो की ओर विकास कार्य म अफसर या इंजीनयर को ज्यादा भागीदार होना चाहिए और इनोगुरशन उसी के द्वारा क्रय जाना चाहिए। इंजीनियर यदि एच काम करेगा तोह उससे उसका मनोबल बढेगा ओर भ्रष्टाचार म भी संलिप्त नही होगा । #corruptionfree #no_kharcha_vala_suggestion

Ankit Suthar_5
Ankit Suthar_5 7 साल 5 महीने पहले

To reduce the corruption through technology firstly government has to develop a complete transparent system for review and monitoring of all government sector and review work of all employee or officers at daily, weekly and monthly basis as more than 50% employees in government sector not performing their tasks regularly, it causes system backlogs and hence government not getting desired results. As I have worked in government department the system of one nation one pay needs to be implemented.

Ishaant Karoli
Ishaant Karoli 7 साल 5 महीने पहले

concept of blockchain technology can be adopted. Legal Tender of higher denomination currency can be abolished to promote cashless transactions. Passport and Visa copy submittion to be compulsory for approval of loans. Selection of MPs and MLAs through secret ballot and graduation should be compulsory education qualification for them. Income Tax filing compulsory for unorganised income groups. Reservation for Castes should only given to beloe poverty line people with adhaar as identity proof.

Mahesh Beldar_1
Mahesh Beldar_1 7 साल 5 महीने पहले

सर्कर् जॊ भि यॊजन् बना रहि है, ऒ कागज् पर् न रहकर् जमिन् पर् अने मै जॊ दॆर् लग्त है उसि बिच् corruption णाम् का कीडा जाण्म् ळेटा हे. आगाऱ् हूम् ये जो GAP HAI USE BHAR DE TO... IS KETDE KO MAR SAKTEY HAI..
USKA EK UPAY HAI DIGITIZATION ....PAR ABHI YE SCHEME SIRF SAMAJ KE UPAAARI SARAD PAR HAI..ISE GROUND LEVEL TAK LANA PADEGA....... JAI HIND

rvchechi
rvchechi 7 साल 5 महीने पहले

श्री मान एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया जाना चाहिए जहां किसी भी विभाग की शिकायत हो एक जगह पहुँचे आसानी से पहुचे और उस पर तुरन्त एक्शन हो और भृष्टाचार पर सख्त सजा का प्रावधान हो भृष्टाचार अपने आप खत्म हो जाएगा

Avinash Soni_2
Avinash Soni_2 7 साल 5 महीने पहले

माननीय प्रधानमंत्री जी भ्रष्टाचार तो इतना बड चूका है जिसका सायद समाधान मुस्किल है सरकार हर एक डाटा जो नार्मल हो उसे ऑनलाइन ओपन कर दे और हर एक डाटा ऑनलाइन कर दिया जाये तो थोडा कम हो सकता है और सरकारी तौर पे जितने भी सुलक लिए जाते है उसे ऑनलाइन प्येमेंट ही करे और भारत शासन के जो ट्रेसरी चालन है उसे भी नगद न लेके ऑनलाइन करे जितना हो सके सरकारी कम ऑनलाइन ही हो तो सायद भ्रष्टाचार में थोड़ी कमी आये क्यों की भ्रष्टाचार बहुत ज्यदा बड चूका है नए आते है कुछ दिन ठीक रहते है बाद में भ्रष्ट वो भी हो जाते ह

Siddharth Tripathi_3
Siddharth Tripathi_3 7 साल 5 महीने पहले

किसी प्रकार का विकास कार्य या फिर किसी भी प्रकार से बनाई गई योजना के अंतर्गत आने वाली कोई भी इमारत या सड़क , ब्रिज, पयोगशाला, अस्पताल , मंडी समिति , आदि का अनावरण, उस क्षेत्र के नेता मीडिया और आम जनता के समक्ष उसको बनाने वाले इंजीनियर के द्वारा करना चाहिए नाकि वहन के नेता से ।ऐसा करने से दो फायदे होते हैं एक तोह बनाने वाले इंजीनियर के सीधे सीधे भविष्य में जवाब दही हो जाती है। दूसरा इससे उन तमाम अफसरों और इंजीनियर को उनका सम्मान मिलेगा जो जीवन लगा देते हैं ईमानदार सी काम करते हुए।

rupeshsharma
rupeshsharma 7 साल 5 महीने पहले

कोई ऐसा प्लेटफार्म नहीं है जहाँ हम अपने सांसद के विकास कार्यो का लेखा-जोखा देख सके। सांसद ने अपने कार्यकाल में अपनी सांसद निधि को कहाँ खर्च किया है।
क्योकि इस बार वोट मोदीजी के नाम पर नहीं उनके सांसदों के काम पर मिलेंगे।
जो सांसद अपने फण्ड को विकास कार्यो में नहीं लगा रहे है तो उनका कोई हक़ नहीं है की वोट मांगने जनता के पास जाये।

mrsuredia
mrsuredia 7 साल 5 महीने पहले

SC/ST and OBC certificates should also be attached with adhaar data of individual and father and mother of individuals. Within no time you will come to know that many of them are higher brackets tax payers but claiming benefits of these certificates. it has been practised that such certificates are made at cost with liaison between corrupt govt officers and unauthorised people and different agencies have no role in counter checking of these certificates.

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