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भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2022 के मसौदे पर सुझाव/ विचार आमंत्रित

भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2022 के मसौदे पर सुझाव/ विचार आमंत्रित
आरंभ करने की तिथि :
Sep 23, 2022
अंतिम तिथि :
Oct 20, 2022
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

संचार मंत्रालय ने दूरसंचार में एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार लीगल ...

संचार मंत्रालय ने दूरसंचार में एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार लीगल फ्रेमवर्क विकसित करने के लिए एक सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया शुरू की है।

117 करोड़ सब्सक्राइबर्स के साथ, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार इकोसिस्टम है। दूरसंचार क्षेत्र 4 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8% का योगदान देता है।

दूरसंचार क्षेत्र के लिए मौजूदा फ्रेमवर्क भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 पर आधारित है। दूरसंचार की प्रकृति, इसके उपयोग और प्रौद्योगिकी में "टेलीग्राफ" के युग के बाद से बड़े पैमाने पर बदलाव आया है। हालांकि, 2013 में दुनिया ने "टेलीग्राफ" का इस्तेमाल बंद कर दिया।

पिछले आठ वर्षों में, सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए कई पहलों की शुरुआत की हैं। इसी संदर्भ में हमने दूरसंचार क्षेत्र के लिए कानूनी और नियामक फ्रेमवर्क के पुनर्गठन की पहल की है।

यह विधेयक भारत में दूरसंचार को नियंत्रित करने वाले मौजूदा कानूनी फ्रेमवर्क की जगह लेगा, जिसमें भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 और टेलीग्राफ वायर (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम, 1950 शामिल हैं।

जुलाई 2022 में, 'भारत में दूरसंचार को नियंत्रित करने वाले एक नए कानूनी ढांचे की आवश्यकता' पर एक परामर्श पत्र प्रकाशित किया गया था और सुझाव आमंत्रित किए गए थे; जिसमें विभिन्न हितधारकों और उद्योग संघों द्वारा सुझाव प्राप्त हुए हैं।

परामर्श और विचार-विमर्श के आधार पर, मंत्रालय ने अब भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2022 का मसौदा तैयार किया है। विधेयक का संक्षिप्त विवरण प्रदान करने के लिए एक व्याख्यात्मक नोट भी तैयार किया गया है।

नागरिकों से माईगव प्लेटफॉर्म पर भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 के मसौदे पर सुझाव/ विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।

मसौदा विधेयक और व्याख्यात्मक नोट को https://dot.gov.in/relatedlinks/indian-telecommunication-bill-2022 पर देखा जा सकता है।

माईगव प्लेटफॉर्म पर सुझाव भेजने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर 2022 है।

सुझाव ईमेल आईडी पर भी भेजे जा सकते हैं: naveen.kumar71@gov.in

फिर से कायम कर देना
443 सबमिशन दिखा रहा है
dralappankrishnamurthyphd
Dr Alappan Krishnamurthy Ph D 2 साल 2 सप्ताह पहले

Profiteering spoils all good intentions. This bill must look into it, companies are mostly for profit, but they extend it to unethical behaviour of causing disturbance to national interest.
Again there are manipulation, interference from agencies not of any , good intentions but anti national, anarchic, perverse, hindrence to flow of right expression, messages, at the very cost of right to expression, it has to be worked out.
It is a fast moving world, where enemies of equality and justice roam with great interlinks, often powered and funded in leagues, spreading rumours especially against our country and its genuine citizens, often misleading the common people, for example the UN news that India is 107 in hunger index, which is unquestionably propagating through petty politicians.
New India should have strong legislation, bills, to curtail such inhuman blunders, to nip them in bud, putting a cost on the perpetrators.
This bill must contain the bad while helping the good enterprises.

Amit Kumar Sah_30
Amit Kumar Sah 2 साल 2 सप्ताह पहले

यह पोर्टल नागरिको के लिए बेस्ट पोर्टल है यहां शिक्षा स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों की जानकारी साझा की जाती हैं ! धन्यवाद
अमित कुमार साह रैयाम दरभंगा बिहार 847337

Amit Kumar Sah_30
Amit Kumar Sah 2 साल 2 सप्ताह पहले

हेल्लो सर ,
दूरसंचार 2022 शिकायत निवारण समस्या बहुत कम है, और नेटवर्क कॉस्ट शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समान है लेकिन शहरी क्षेत्रों में हाई स्पीड इंटरनेट साइट ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं है।इसलिए इस सब चीजो पे भी धियान दिया जाये |
धन्यवाद
अमित कुमार साह रैयाम दरभंगा बिहार 847337

Amit Kumar Sah_30
Amit Kumar Sah 2 साल 2 सप्ताह पहले

इंटरनेट या कंप्यूटर के आगमन से पहले, हमने हाथ से पत्र लिखे और डाकिया के एक के आने का बेसब्री से इंतजार किया। वे महाकाव्य टेलीविजन नाटक धारावाहिकों जैसे बुनियाद और कार्यक्रमों के दिन थे चित्रहार, जब टेलीविजन का मतलब सिर्फ एक राष्ट्रीय चैनल था और जब वीडियो कैसेट रिकॉर्डर अभी भी प्रचलन में थे।और अभी तक भी प्रचलन में ही है वो हमारी पुराणी संस्कृति .
धन्यवाद
अमित कुमार साह रैयाम दरभंगा बिहार 847337

krishnancrm@gmail.com
Muralee Krishnan 2 साल 2 सप्ताह पहले

Consider data buffering at different places, so that, the channels are optimised. When a data requested from a place, the same can be downloaded partially through dffrnt channels at different cache, and from where it is released to the destination. (So, only Sea-Me-Way cannot complete a communication for eg:)

krishnancrm@gmail.com
Muralee Krishnan 2 साल 2 सप्ताह पहले

One citizen one number is a good idea to avoid manipulation. Additional masked numbers may be optional to them. (Even if the number appearing publicly may be the masked ones, original ID will be tied to them) The original number may be connected with the masked ones by a suitable algorithm as a combination. This will prevent many security issues like unauthorised exchanges.

skasinatarajan@gmail.com
natarajan s sargunam 2 साल 2 सप्ताह पहले

சமூக வலை தளங்களில் தேச பாதுகாப்பு தொடர்பாக விவாதங்களை கண்காணித்து துரிதமாக செயல்பட ஒரு அமைப்பு NIA போல் அவசியம்...