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मुंबई शहर के लिए प्रस्तावित पार्किंग संबंधी नीति हेतु सुझाव आमंत्रित

Suggestions invited on the proposed Parking Policy for the city of Mumbai
आरंभ करने की तिथि :
Sep 19, 2014
अंतिम तिथि :
Sep 30, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

अद्भुत नगरी मुंबई 12 लाख लोगों का घर होने के साथ-साथ देश की वित्तीय ...

अद्भुत नगरी मुंबई 12 लाख लोगों का घर होने के साथ-साथ देश की वित्तीय राजधानी भी है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (एमसीजीएम) जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शहर की मूलभूत अवसंरचना में बदलाव करना चाहती है। पिछले कुछ वर्षों में, शहर में निजी वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है। बाहर निकलने पर लोगों को सार्वजनिक पार्किंग नहीं मिलती जिसके कारण उन्हें परेशानी होती है। नागरिकों की इस पार्किंग संबंधी मुश्किल को ख़त्म करने के लिए एमसीजीएम ने नई पार्किंग नीति को अपनाने और उसको लागू करने का प्रस्ताव दिया है। नई पार्किंग संबंधी नीति में सड़क पर की जाने वाली पार्किंग (आवासीय पार्किंग, स्कूलों के निकट पार्किंग, और पर्यटक स्थलों के लिए पार्किंग) और प्रधान मार्ग पर की जाने वाली पार्किंग के बारे में बताया गया है। इसके अलावा, एमसीजीएम द्वारा वेब आधारित पार्किंग को लागू किए जाने पर भी ज़ोर दिया गया है जिसमें पार्किंग की रसीद हस्त उपकरणों के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

चूंकि इसे एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू किया जा रहा है इसलिए आवश्यक मंज़ूरी प्राप्त करने के बाद इस पार्किंग संबंधी नीति को 'ए' वार्ड में लागू करने का प्रस्ताव है।

प्रस्तावित नीति में सुधार लाने हेतु नागरिकों को सुझाव एवं विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

आप मसौदा नीति यहाँ देख सकते हैं: http://cdn.mygov.nic.in/bundles/frontendgeneral/pdf/parking-policy-20122014.pdf

937 सबमिशन दिखा रहा है
titashtamash@gmail.com
sree DEBASISH DASGUPTA 10 साल 5 महीने पहले

माननीय-प्रधानमन्र्ती
एक गरीब परिबार को शिर्फ जीने के लिये खरचा केतना प्रधानमन्र्ती को बोलने का मौका मिला-इसलिये लिखरा हु- मकान के किरया+बिजली-2000/-(1रुम,बारन्दा-4 जन),मुदि दुकान-1900/-,चाल आटा-500/-दो सन्तान के टिउशन-(3टीचर+जानेआने के किराय)1800/-400/-,गेस 400/-,सबजी (15/-प्रोतिजन 4*15*30दिन)1800/-,द्वा 500/-कुल 9300/माहिना-इसमे नेहि है“दुध”पेन,कपि,”किताब”कापरा”टिभि.नाच-गाना-दुसराकोहि भि आनन्द-हासना,शिर्फ जीना,आय-मुशकिल से 150-200/=6000/-से क्म.बजट मे क्रिपाकरके समान के किमत पे नेहि तो आय कि

spiderdanny@yahoo.com
Dhananjay Devasper 10 साल 5 महीने पहले

The initiative cannot be a money making racket. The charges are too high and if you are taking money you should provide security and not depend on the watchmen of the societies to take turns. Scrap the policy

titashtamash@gmail.com
sree DEBASISH DASGUPTA 10 साल 5 महीने पहले

आय के स्रोत पे जोर दिजिये...नेहि तो हर रोज क्रोर भिखारि बानेगा,आगे कि स्ररकार सिर्फ आपना आपना प्रोसनसा हि सुननेका आदत डाला था..आगर हकिकत जानने कि कोशिस करता तो 26/-इनकाम बाले APL अ‍र 5/-भरपेत थालि बोलता नेहि..जिसकि फल उहि आज भुगतरा साथ मे हुम भि.. आप जब हामारा बात जानने कि रुचि राखते है तो लिखने के दिल हुया...(माननीय--अफिसर क्रिपा कर के मेरा एहि अनुरोध पि.एम तक देने से हम धन्न्य होंगे..)

titashtamash@gmail.com
sree DEBASISH DASGUPTA 10 साल 5 महीने पहले

माननीय-प्रधानमन्र्ती
एक गरीब परिबार को शिर्फ जीने के लिये खरचा केतना प्रधानमन्र्ती को बोलने का मौका मिला-इसलिये लिखरा हु- मकान के किरया+बिजली-2000/-(1रुम,बारन्दा-4 जन),मुदि दुकान-1900/-,चाल आटा-500/-दो सन्तान के टिउशन-(3टीचर+जानेआने के किराय)1800/-400/-,गेस 400/-,सबजी (15/-प्रोतिजन 4*15*30दिन)1800/-,द्वा 500/-कुल 9300/माहिना-इसमे नेहि है“दुध”पेन,कपि,”किताब”कापरा”टिभि.नाच-गाना-दुसराकोहि भि आनन्द-हासना,शिर्फ जीना,आय-मुशकिल से 150-200/=6000/-से क्म.बजट मे क्रिपाकरके समान के किमत पे नेहि तो आय कि

surendrarmishra@rediffmail.com
Surendra mishra 10 साल 5 महीने पहले

Ek idia aur hai mumbai ki parking k liye hum log road k dino side pr parking track bana sakte jaha pr aj kal foot track banaye jate hai waha pr road ki chodi kr parking track bana sakte hai

surendrarmishra@rediffmail.com
Surendra mishra 10 साल 5 महीने पहले

Mera suggedtion hai ki mubai mai railway k paas kafi land hai ager hum us mai se railway k track k dono taraf 10-10 foot ka track banaye aur usko parking k liye use kare to esse railway ko fayada hoga aur goverment ko bhi msi delhta hoon railway patryo k dono taraf kafi jamin hai jo.useless hai use parking k pryog mai ek sadak jaisi track bana kr upyog.mai layi ja sakti hai jab kabh railway ko.jarurat ho.to woh track ko spne use mai la sakti hai

sanjeevgoel
Sanjeev Goel 10 साल 5 महीने पहले

मोदी जी,
दिल्ली में AAP ने विधानसभा की तैयारी बहुत पहले से ही दिल्ली की जरुरत के हिसाब से शुरू कर दी थी वहीं दूसरी ओर BJP केवल मोदी लहर के नाम पर जीत हासिल करने के सपने बुन रही थी। AAP के पास कोई विकास का एजेंडा नहीं है फिर भी वो लोगो को लुभाने में सफल हो रही है। वही BJP के पास न तो दिल्ली के लिए कोई विकास का एजेंडा है ना ही आकर्षक योजनाएं। ऊपर से BJP की आतंरिक कलह का लाभ भी विरोधी उठा रहे है। दिल्ली BJP मौका परस्त कार्यकर्ताओं का अड्डा बन गयी है जिसमे सभी CM बनाना चाहते है पर मेहनत कोई नहीं।

bipinshahindia@gmail.com
Bipin Shah 10 साल 5 महीने पहले

Dear Sir,
I am in the business of export. Sir the goverment give refund of service tax paid by exporter. There is to much documents required for this prosess. My suggestion to this is just abolish the service tax from services provided to expoters

sanjeevgoel
Sanjeev Goel 10 साल 5 महीने पहले

मोदी जी,
अगर दिल्ली BJP में एकता और निस्वार्थ जन-सेवा की भावना होती तो विधानसभा में स्थिति इतनी विकट नहीं होती। केजरीवाल की गलतियों को भी लोग माफ़ करना चाहते है क्योंकि वो सपने दिखा रहा है परंतु दिल्ली BJP के पास कोई कोई विज़न नहीं है। पिछली बार BJP ने 30% बिजली बिल कम करने का वादा किया था परंतु इस बार बिजली दर कम करने की कोई बात सामने नहीं आई जिसका फायदा AAP को मिल रहा है। बिजली कंपनियों के लाभ के बारे ना सोच कर जनता के हितों का अधिक ध्यान रखना होगा। ऐसे बहुत से मुद्दे है जिन पर ध्यान देना होगा।

drshivshankaryadav@hotmail.com
dr shiv shankar yadav 10 साल 5 महीने पहले

Why we don't follow law. Why we don't follow graphic rules. Why we are keeping our city dirty. Why we don't believe in our system.
It very difficult but becomes simple if we fix our responsibility. If only give free hand to our implementation agency and punish them for there wrong doing things will change fast. But will give them free hand for there job and who will punish them for there wrong doing. Very difficult but possible. Its in the hand of our dear politician. They have to be blamed.

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