- चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र
- रचनात्मक क्रियास्थल
- दादरा नगर हवेली केन्द्रीय शासित प्रदेश
- दमन और दीव केन्द्रीय शासित प्रदेश
- प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग
- व्यापार महकमा
- उपभोक्ता मामले विभाग
- औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग
- डाक विभाग
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
- दूरसंचार विभाग
- डिजिटल भारत
- आर्थिक मामले
- एक भारत श्रेष्ठ भारत
- ऊर्जा संरक्षण
- व्यय प्रबंधन आयोग
- खाद्य सुरक्षा
- गांधी@150
- बालिका शिक्षा
- सरकारी विज्ञापन
- हरित भारत
- अतुल्य भारत!
- इंडिया टेक्सटाइल
- भारतीय रेल
- Indian Space Research Organisation - ISRO
- रोज़गार निर्माण
- LiFE- 21 दिन का चैलेंज
- मन की बात
- मैला ढ़ोने की प्रथा से मुक्त भारत
- पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
- रसायन और उर्वरक मंत्रालय
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय
- कोयला मंत्रालय
- कारपोरेट कार्य मंत्रालय
- संस्कृति मंत्रालय
- रक्षा मंत्रालय
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
- शिक्षा मंत्रालय
- Ministry of Electronics and Information Technology
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
- विदेश मंत्रालय
- वित्त मत्रांलय
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
- गृह मंत्रालय
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय
- जल शक्ति मंत्रालय
- कानून और न्याय मंत्रालय
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
- ऊर्जा मंत्रालय
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
- सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय
- इस्पात मंत्रालय
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
- माईगव मूव - वॉलंटियर
- नई शिक्षा नीति
- न्यू इंडिया चैंपियनशिप
- नीति आयोग
- भारत के विकास के लिए एनआरआई
- ओपन फोरम
- PM Live Events
- राजस्व और जीएसटी
- ग्रामीण विकास
- सांसद आदर्श ग्राम योजना
- सक्रिय पंचायत
- कौशल विकास
- स्मार्ट सिटी
- भारत में खेलकूद
- स्वच्छ भारत
- जनजातीय विकास
- जलागम प्रबंधन
- राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी
समाज के उत्थान के लिए नैनो प्रोद्योगिकी उपकरणों का प्रयोग किस प्रकार किया जाए इससे संबंधित अपने सुझाव दें

आरंभ करने की तिथि :
Sep 10, 2014
अंतिम तिथि :
Sep 30, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
समाज के उत्थान के लिए नैनो प्रौद्योगिकी उपकरणों का प्रयोग किस ...
Sir I m student of agriculture and I m happy for that u r giving emphasis on agri. But there is one that I can not understand, how can an ias who have done btec or ba can control whole agri system on district level. If we see on the other services like ifos which is quite similar in work as in agri.... So Sir I want to say why not Indian agricultural services
Sir Ji our iit and institute have became a machine of producing professionals, a betec in mechanical do the job of software eng. What's the use of that 4year program. So I will suggest that We should fix some sheets for research workers by giving reservation
HOLYDAYS and BUNDH. Is a great LOSS when our Focus is towards NEW INDIA. There are HOLIDAYS for martyres leaders gurujis etc. In future Holidays will be HALF HOLIDAYS. Morning attend the OFFICE evening you CELEBRATE THE DAY. Any Bundh will be by permission of the COURT,OR POLICE COMMISSIONER. The applicant should take the responsibility
for maintaining law and order.
इस तरै तैयार करवाए जाये जिस से स्टूडेंट खुद का लघु उद्योग खोल सके l
श्रीमान देश मै स्किल डेवलपमेंट के लिए देश के पॉलिटेक्निक व आईटीआई कॉलेज में जो पुराने ढर्रे पर कोर्स चल रहे है उनको बंद करके उन प्रोडक्ट की मेकिंग सिखानी चाइये जिनकी मार्किट में डिमांड हो जैसे की मोबाइल सिम ,एटीएम कार्ड,bar code ,mobile accessories ,laptop parts आदि बहुत सारे प्रोडक्ट्स है जिनकी देश में ही नहीं विदेशी बाज़ारो में बहुत मांग है! श्रीमान इसके लिए सरकार द्वारा research institutions खोले जाइ या फिर iit जैसे बड़े institutions से इन प्रोडक्ट्स के लिए theortical व practical programme
nano tec needs a lot works to do on indigenous ground.So first we must be self reliance in this line.Then skill development program is necessary after finding out the areas where applications are possible.Space ,defence,security,transportation/communication ,sea exploration are some of the important ares where application is possible.We can also find out rooms in medical,genetics etc.Lets start the work with specific vision.Then we must succeed in future.
Dear Modiji, it was really inspiring to hear your Mann Ki Baat on the radio. My little request to you would be to make the text of whatever you speak (I guess it is not entirely prepared) available in English and other regional languages (at least the 22 scheduled languages) to ensure wider reach.
फिर कूड़ेदान में डाल दें ,अगर कूड़ादान नहीं है तो अपने घर के कूड़ेदान में डाल दें । भगवान का वास स्वछता में है और सफाई केवल उसकी मूर्ति की ही नहीं बल्कि उसके पुरे परांगण की होनी चाइये
सफाईकर्मचारियोँ की समस्यायें :-
१. मंदिर प्रसासन दवारा निजी कार्योँ में उनसे काम लेना ,बिना किसी अतिरिक्त्त वेतन के । घर की सफाई ,बच्चो को स्कूल छोड़ना जैसे कार्ये ।
२. ठेकेदारी प्रथा के चलते सरकार दवारा तय वेतन से कम वेतन देना ।
३. स्टाफ की कमी व सफाई के अन्य साधनो की कमी।
४. मुलभुत सवास्थ्य सेवाओं का न होना
जो शान्ति व संतोष था ,उसको अनुभव करके ,माता के दर्शन न करने का का खेद भी नहीं हुआ और मैं बिना माता के दर्शन किये वापिस आ गया ,परन्तु उसी विश्वास व उमंग के साथ ,बल्कि उससे कँही ज्यादा,जो में साधारणत्या माता के दर्शन करके पाता हूँ ।
मेरी आप से भी विनती है की आप अपने " मन की बात " कार्यक्रम के जरिये यह सन्देश लोगों तक पहुँचायें की हम सभी जब भी मंदिर जायें ,वँहा पर पूजा ,प्रसाद आदि व अन्य सामान जैसे की लिफाफे ,चुनरी ,डोंगे,टूटी हुई मूर्तियां इधर -उधर ना फेंके ,या तो तो किसी जरूरतमंद को दे दें
कर्तव्यों का पालन नहीं करते तो भगवान की पूजा का क्या लाभ ,जब अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाया तो पँक्ति से बहार आ गया ,और उन कर्मचारिओं के साथ उनकी साहयता करने लगा ,एक बार तो वो बेचारे भी मेरी साहयता लेने में हिचकिचाने लगे परन्तु बाद में हम सब मिलकर काम करने लगे,बीच-बीच में उनकी समस्याओं व परेशानियोँ को भी जानने का मौका मिला
(उन में से कुछ नीचे वर्णित हैं ,और आशा करता हूँ सरकार सार्थक कदम उठाएगी ),२ घंटे का समय कैसे बिता पता ही नहीं चला। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इसके पश्चात मन मे