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स्वैच्छिक परिसमापन नियमों के मसौदे पर सार्वजनिक परामर्श

Public Consultation on Draft Regulations for Voluntary Liquidation
आरंभ करने की तिथि :
Feb 15, 2017
अंतिम तिथि :
Mar 09, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) का गठन दिनांक 01 ...

भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) का गठन दिनांक 01 अक्तूबर, 2016 को दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के प्रावधानों के अऩुसरण में किया गया।

इस बोर्ड का दायित्व भारत में दिवाला और शोधन अक्षमता व्यवस्था के कार्यान्वयन में सहायता करने हेतु एक सुचालक परिस्थितिक तंत्र को स्थापित करने से संबंधित है। इसमें निम्नलिखित विस्तृत कार्य सम्मिलित हैं:-
• कारपोरेट दिवाला, कारपोरेट समापन, वैयक्तिक दिवाला और वैयक्तिक शोधन अक्षमता से संबंधित विनियमन और बाजार प्रक्रिया और व्यवस्थाओं का विकास।
• दिवाला प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्रीकरण और विनियामक का प्रदाता, जिसमें दिवाला व्यावसायिक (आईपी), दिवाला व्यावसायिक एजेसियां (आईपीए) और सूचना उपयोगिता (आईयू) सम्मिलित हैं।
• चौकसी, अन्वेषण और शिकायत निवारण के माध्यम से बाजारों और सेवा प्रदाताओं की निगरानी रखना।
• व्यवस्थित ढंग से कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करने के लिए सेवा प्रदाताओं का प्रवर्तन और न्यायनिर्णय करना।
• शिक्षा, परीक्षा, प्रशिक्षण और लगातार व्यावसायिक उन्नति के माध्यम से व्यावसायिक विकास और दक्षता।

रपोरेट कार्य मंत्रालय ने बोर्ड को प्रारंभिक सहायता प्रदान की। इसने चार कार्यशील समूह तैयार किए और प्रत्येक की एक समय-सीमा निर्धारित की गई।

इन कार्यशील समूहों को निम्नलिखित अधिदेश दिए गए थे:-

1. बोर्ड के संगठनात्मक ढांचे पर विचार और सिफारिश करना;
2. नियम, विनियमन और दिवाला व्यावसायिक और दिवाला व्यावसायिक एजेंसियों पर अन्य संबंधित मामलों पर नियम;
3. संहिता के तहत दिवाला एवं समापन प्रक्रिया के लिए विनियमन और अन्य संबंधित मामले;
4. संहिता के तहत इंफॉरमेशन यूटिलिटी के लिए नियम, विनियमन और अन्य संबंधित मामले।

इन कार्यशील समूहों ने कारपोरेट व्यावसायिकों, दिवाला समापन प्रक्रिया के लिए आईपीए, आईपी, मॉडल उप-नियम, दिवाला संकल्प प्रक्रिया से संबंधित मसौदा विनियम तैयार करने में कारपोरेट कार्य मंत्रालय की सहायता की। कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने इस मसौदा विनियमों को 28 से 31 अक्तूबर, 2016 तक आमजन की टिप्पणियां प्राप्त करने हेतु पब्लिक डोमेन पर रखा था। दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत इंफॉरमेशन यूटिलिटी के लिए नियमों, विनियमों और अऩ्य संबंधित मामलों पर विचार करने और अपनी सिफारिशें देने के लिए कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा गठित कार्यशील समूह-4 ने इंफॉरमेशन यूटिलिटी पर मसौदा विनियमों सहित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। ये दिनांक 07 फरवरी, 2017 तक आमजन से टिप्पणियां प्राप्त करने के लिए पब्लिक डोमेन पर रखे गए थे।

दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत स्वैच्छिक समापन प्रक्रिया के संबंध में नियमों, विनियमों और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करने और अपनी सिफारिशें देने हेतु कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा गठित समूह-3 में स्वैच्छिक समापन पर मसौदा विनियम प्रस्तुत किए।

भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड ने मसौदा विनियमों के प्रत्येक प्रावधान पर दिनांक 08 मार्च, 2017 पर आमजन से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

435 सबमिशन दिखा रहा है
Mir Ameer Ali
Mir Ameer Ali 8 साल 3 महीने पहले

The report talks about the process which is very detailed. But, it does not cover the repercussions to the partners/directors the entity. Whether the CIBIL score will be impacted. Whether Banks will be notified to exercise caution against the individual partner/director for the next borrowing

Ramraj Singh_2
Ramraj Singh 8 साल 3 महीने पहले

Dear Sir/ Madam,

Sub: Digital India in shortest time.

Just like radio app on our mobile why we can't get assess to bank and gov. Apps free of cost? The cost involved will be paid by advertisiement on these apps.

A new AADHAR basesed social networking app for indian can join all youths and can give a big boost to digitalisation.

A subsidised smartphone can help in achieving target of digital , cashless India in shortest time.

P Nethesh Bhat
P Nethesh Bhat 8 साल 3 महीने पहले

Once India becomes digitalised we can create a system to block the aadhar card to all the defaulters. The bank people should also take action to block the passort of the persons after resonable notice has been given. As passport is dealt electronically in the imigration the banks also shouod also be given neccessary equipment to block their paspport in case they run from the country. The process should be immediate and effective.

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