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24 सितंबर 2017 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के लिए अपने विचार साझा करें

आरंभ करने की तिथि :
Sep 13, 2017
अंतिम तिथि :
Sep 22, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

मन की बात अपने पहले एपिसोड के प्रसारण के बाद से अब 3 उल्लेखनीय वर्षों ...

मन की बात अपने पहले एपिसोड के प्रसारण के बाद से अब 3 उल्लेखनीय वर्षों को पूरा करने के लिए तैयार है! क्या आपके पास 24 सितंबर 2017 को निर्धारित 36 वां एपिसोड के लिए एक विशेष या खास संदेश है|

अगर हां तो हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपसे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार आपके साथ साझा करेंगे। मन की बात कार्यक्रम के 36 वें संस्करण के संबंध में प्रधानमंत्री आपसे सुझाव आमंत्रित करते हैं, ताकि इस कार्यक्रम में आपके अनोखे विचार को शामिल किया जा सके।

आप अपने पसंदीदा विषयों, जिन पर आप चाहते हैं कि प्रधानमंत्री बात करें, उसके बारे में अपने सुझाव व विचार भेज सकते हैं ।

आप अपने विचार इस खुले मंच पर साझा कर सकते हैं अथवा हमारे टॉल फ्री नंबर 1800-11-7800 डायल करके प्रधानमंत्री के लिए अपना सन्देश हिन्दी अथवा अंग्रेजी में रिकॉर्ड करा सकते हैं। आपके संदेशों में से कुछ संदेशों के चुनिंदा हिस्से को मन की बात में प्रसारित भी किया जा सकता है।

इसके अलावा आप 1922 पर मिस्ड कॉल देकर और एसएमएस में दिए लिंक पर जाकर सीधे प्रधानमंत्री को भी अपने सुझाव व विचार भेज सकते हैं।

24 सितंबर 2017 को को प्रातः 11:00 बजे मन की बात कार्यक्रम सुनना ना भूलें।

फिर से कायम कर देना
1937 सबमिशन दिखा रहा है
nagashravan@gmail.com
Srawan Kumar 7 साल 4 महीने पहले

Dear sir,
The recent decision taken by most of the countries from switching over fuel to electric cars is a good move. But I want to do more research on this step before India taking similar step. Batteries used in these cars are only 30% reusable & and 70% can't be reused. Hence these 70% can harm the environment.this not only pollutes the air but it will deeply gets into the soil then by polluting d water. Is that a good move? why can't govt to encourage research on bio-fuel?

jmmishra5@gmail.com
JAGMOHAN MISHRA 7 साल 4 महीने पहले

contd.....इसका सबसे बुरा असर दूर देश से आने बाले उन पर्यटकों पर पड़ता है जो हमारे देश की सुन्दर अनुभूतियों को सहेज कर अपने साथ ले जाना चाहते है आपसे अनुरोध है आप देश बासिओं को "मन की बात" के माध्यम से ,इसे स्वक्छ्ता व पवित्रता की मुहिम से जोड़ने का बिनम्र अनुरोध करेंगे thanks a lot. PM 'Sir

jmmishra5@gmail.com
JAGMOHAN MISHRA 7 साल 4 महीने पहले

PM Sir,मेरा अनुभव है जब हमारी ट्रेने किसी बड़े शहर में प्रवेश करती है तो रेलवे ट्रेक के दोनों और अत्यधिक गंदगी देखने को मिलती है जो प्रायः शहर बासियों या शहर आने बाले लोगों द्वारा कूड़ा करकट,खुले-आउटलेट,खुले मेंशौच,लावारिस पशुओं व अबैध खदान के जल भराव के कारण होती है इससे यात्रिओं का मन तो ख़राब होता ही है दुर्गन्ध,बायु-प्रदुषण व स्वास्थ हानिकारक जीवाणुओं के आने से यात्रियों,बच्चों के बीमार होने का खतरा रहता है इसका बुरा असर दूर देश से आने बाले पर्यटकों पर पड़ता है ...contd.

neetakumar50@gmail.com
Neeta kumar 7 साल 4 महीने पहले

जो लोग घर में कूड़ा अलग अलग नहीं रखते उनके लिए- कविता

" हाँ बनेंगे हम विघटन कारी,

बटवारा देश का गलत रहा पर कूड़े का तो कर डालो

किचन का कूड़ा मिटटी में प्लास्टिक मशीन में धर डालो
उस बटवारे से मरे थे सब इस बटवारे से बचेंगे सब

गीला मिटटी में जाएगा सूखा मशीन में जायेगा
गीला बन जाता खाद ईंधन प्लास्टिक निर्माण कराएगा
ये बटवारा ही अब सबको डेंगू कैंसर से बचाएगा

आंखौ वाले अंधे हैं हम कूड़े के पहाड़ न दीख रहे
पड़े सुस्त बीमारी से पर कैसे बचें, न सीख रहे

Amit Sharma_742
Amit Sharma 7 साल 4 महीने पहले

प्रधानमंत्री जी आपको मेरा चरणस्पर्श,

मेरा शुरू से ही आपकी विचारधारा और भारतीय जनता पार्टी की तरफ बहुत लगाव और झुकाव रहा है किसी भी कार्य के अछे परिणाम तभी निकलते हैं जब वो कार्य अच्छे लोगों द्वारा किया जाये ,और अछि नीतियों द्वारा किये जाएँ,मैं भगवान से यही कामना करता हूँ की हिमाचल प्रदेश मैं आने वाली सरकार आपकी यानि बीजेपी की हो,धन्यवाद.

neetakumar50@gmail.com
Neeta kumar 7 साल 4 महीने पहले

health account scheme will give Indians the platform to get timely help and become responsible participant in health care service delivery. This scheme provides one skilled health volunteer equipped with screening equipment, emergency medicines and education of health life style and environment. It generates real time health data as well as gives us chance to connect with community. So after taking account of wealth now Government may take account of health : healthaccountsscheme.nic.in

yogeshpareek18@Gmail.com
Yogesh Pareek 7 साल 4 महीने पहले

मेरा गांव नापासर बीकानेर जिले में पड़ता है जो कि 2014 से अनाथ पड़ा है । श्री मति वसुंधरा जी ने उसे नगरपालिका तो घोषित कर दिया लेकिन आज भी हमारा गांव अनाथ है नगरपालिका के दर्जे वाले गांव में ना सड़क है ना सफाई ना रोड लाइट महोदय निवेदन है थोड़ा सा ध्यान हमारे गांव की ओर देदो आपको जानकर खुशी होगी कि हमारा पूरा गांव 100 bjp का समर्थन करती है लेकीन अब जनता को लग रहा है कि ये सिर्फ अंध भक्ति है हमारे गांव के सरपंच चम्पालाल ओझा जिन पर 10 से ज्यादा कैश चल रहे है जनता को कोई न्याय नही है। हमारे यह ध्यान दे

varuntoshniwal1984@gmail.com
varuntoshniwal1984@gmail.com 7 साल 4 महीने पहले

I am concerned about the pollution level in Urban cities. So to solve this problem. I have one Idea, so say we buy Milk from dairy. Which is being packaged in polythene. What we can do is apply some cost on this as well, for example 1,2,5 Rupees depending on size of polythene and when a user return it back to shopkeeper, then this charge will be not be applied. So in this case none of the milk polyethene will go in waste and they will eventually come back for recycling.

anamika mhatre
anamika mhatre 7 साल 4 महीने पहले

मोदी जी पुरे महाराष्ट्र के कोतवालोपे ऊपर होरहे अत्याचार को ख़त्म करदीजिये जो सरकारी नोकर होकर भी ४९९९ रु देकर उनकेसाथ अत्याचार किया जारहा हे हमें से ४ क्लास कम करवाए जाते हे लेकिन ४ क्लास में नहीं लिया गया हे बल्कि मानधा के नामपे सरे कम हमसे करवाए जा रहे हे मेरी आपसे यही गुजारिश हे की आप अम्पे हो रहे अत्याचार को ख़त्म कर दीजिये यही दरखास हे

RAMMILAN MISHRA_1
RAMMILAN MISHRA 7 साल 4 महीने पहले

जो सामान्‍य वर्ग की बात करेगा देश के ज्ञान को आगे लायेगा हम उसे पार्टी को वोट देंगे ि‍जिस पार्टी को देखों दलित और मुस्लिम समुदाय के अलावा बात हीं नहीं करता ये कैैैैसा ि‍हिसाब है अगर को करोड् पति होते हुए भी आरक्षण लेता है दलित कहलाता है और एक गरीब ि‍जिसको खाने के भी लाले हैं ि‍किन्‍तु सामान्‍य होने पर कोई सहायता नहीं अगर इसी तरह चलता रहा तो वो ि‍दिन दूर नहीं जब इस देश का नाम भी नहीं बचेगा क्‍योंकि अंग्रेज भारत से इंडिया कर गये अब इंडिया से क्‍या होगा ............... इस ि‍लिए समय रहते देश को बचाव