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What is the best strategy for area based development in Allahabad?

आरंभ करने की तिथि :
Oct 26, 2015
अंतिम तिथि :
Dec 05, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
What is the best strategy for area based development in Allahabad? Please mention the name(s) of areas/ colonies in a maximum of 25 words under each classification. (E.g. ...
There is very poor connectivity from areas like Kalyani Devi, Attarsuiya, Meera pur, towards chowk, civil lines, station due to very conjested and narrow lanes, leading to jams, noise, pollution, fuel & time wastage. Flyovers need to be constructed in large numbers to reduce the same. The same car gives a milege of 20-24Km per litre on highways whereas 10-14Km per Litre in cities incurring huge loss
I wish to eliminate model wine shops both English and Country made from near Kalyani devi petrol pump area in front of shagun palace, and strict control on noise levels in the marriage halls in large nos in Attarsuiya and Kalyani devi area. Both these are a huge menace and dent the peace of a decent locality.
Cleanliness should be the first priority. Drainage system need to be improved.
Develop Allahabad but not on the cost of environment and do some road construction over the city
People awareness is most important.
Cleanliness should be the first priority. Drainage system need to be improved.
Develop Allahabad but not on the cost of environment.
great
निवेदन है की देशहित में सुझाव जरूर पढ़िए और अपने विचारो से अवगत कराइये.....विश्वास है आप सभी के सहयोग से हम महापुरुषों के सपनो का भारत बनाने में सफल होंगे जय हिन्द.. facebook per bhi uplabdh
सारे भारत को, ओर हमारे Allahabad को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जो सबसे ज़रूरी पहल है, वो है सबसे पहले निचली बस्तियों को जहां गालियां होती हैं, सकरे रास्ते होते हैं, उनमे भरपूर सुधार/सुविधा ईमानदारी से देना। क्यूंकि जिसे हम पाश कॉलोनी कहते हैं वहाँ रहने वाले खुद इतने रसुखदार ओर अपप्रोच वाले होते हैं की अपने सारे काम फोन पर ही करा लेते हैं ओर उनके काम आसानी से हो जाते हैं, चाहे जैसा भी काम क्यूँ न हो। परेशानी तो हम जैसे गरीब लोगों के साथ होती है।
सीवेज निकासी ओर नालियाँ तक नहीं बनी हैं। अगर कुछ हैं भी तो सब गड़बड़ क्यूंकि ठेकेदार अपनी मर्ज़ी से गलत काम करता है ओर पब्लिक की बात नहीं सुनता लीपापोती कर के अपना माल बनाके निकल जाता है। इस पर भी सरकार को धियान देना होगा की कहीं भी इस तरह का काम हो तो एक कमेटी बने जिसका काम सिर्फ उन कामो का निरीक्षण करना हो जो सरकार द्वारा ठेकेदार से करवाए जा रहे हैं। ताकि काम मैं कोई गड़बड़ न हो सके।
सीवेज निकासी ओर नालियाँ तक नहीं बनी हैं। अगर कुछ हैं भी तो सब गड़बड़ क्यूंकि ठेकेदार अपनी मर्ज़ी से गलत काम करता है ओर पब्लिक की बात नहीं सुनता लीपापोती कर के अपना माल बनाके निकल जाता है। इस पर भी सरकार को धियान देना होगा की कहीं भी इस तरह का काम हो तो एक कमेटी बने जिसका काम सिर्फ उन कामो का निरीक्षण करना हो जो सरकार द्वारा ठेकेदार से करवाए जा रहे हैं। ताकि काम मैं कोई गड़बड़ न हो सके।
सीवेज निकासी ओर नालियाँ तक नहीं बनी हैं। अगर कुछ हैं भी तो सब गड़बड़ क्यूंकि ठेकेदार अपनी मर्ज़ी से गलत काम करता है ओर पब्लिक की बात नहीं सुनता लीपापोती कर के अपना माल बनाके निकल जाता है। इस पर भी सरकार को धियान देना होगा की कहीं भी इस तरह का काम हो तो एक कमेटी बने जिसका काम सिर्फ उन कामो का निरीक्षण करना हो जो सरकार द्वारा ठेकेदार से करवाए जा रहे हैं। ताकि काम मैं कोई गड़बड़ न हो सके।