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Tune in to 120th Episode of Mann Ki Baat by Prime Minister Narendra Modi on 30th March 2025

Tune in to 120th Episode of Mann Ki Baat by Prime Minister Narendra Modi on 30th March 2025

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BajrangSingh
BajrangSingh 5 महीने 3 सप्ताह पहले

माननीय प्रधानमंत्रीजी महोदय प्रणाम मैं बजरंग सिंह विधानसभा क्षेत्र खंडेला जिला सीकर राजस्थान मैंने खाटूश्याम जी मेले में साफ सफाई को लेकर एक छोटा सा प्रयोग किया जिससे वहां की साफ सफाई में 60% तक की वृद्धि हुई मैंने एक भंडारा संचालक को बर्तन देकर डिस्पोजल का उपयोग नहीं करने को कहा तो उन्होंने श्रद्धालुओं को बर्तनों में ही भोजन प्रसादी खिलाई जिससे उनके 20 से 22 हजार रूपये की बचत भी हुई क्योंकि इतने के डिस्पोजल आ जाते हैं और हर वर्ष से साफ सफाई 60% अधिक रही इसके लिए मैंने 8-10 अन्य भंडारा संचालकों को भी जागरूक किया क्योंकि मेले में लाखों श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन को आते हैं जिनके भोजन के लिए हजारों भंडारे लगाए जाते हैं अगर सभी भंडारों में डिस्पोजल का उपयोग नहीं किया जाए तो मेले के बाद स्थानीय लोगों को साफ सफाई से होने वाली समस्या से छुटकारा मिल सकता है।मान्यवर मैं पिछले चार वर्ष से मैले मे श्रद्धालुओं को संदेश लिखे हुए जूट के कैरी बैग देकर सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्परिणाम बताकर इसका
इस्तेमाल नहीं करने तथा अपने घर पर किसी भी शुभ कार्य के आयोजन पर एक पौधा लगाने की अपील भी कर रहा हूं

BajrangSingh
BajrangSingh 5 महीने 3 सप्ताह पहले

माननीय प्रधानमंत्री जी प्रणाम,मैंने खाटूश्यामजी मेले में स्वच्छता को लेकर एक छोटा सा प्रयोग किया जिससे वहां की साफ-सफाई में 60% तक की वृद्धि हुई।मैंने मेले में एक भंडारा संचालक को बर्तन देकर डिस्पोजल का उपयोग नहीं करने को कहा तो उन्होंने श्रद्धालुओं को बर्तनों में ही प्रसादी खिलाई जिससे उनके 20-22 हजार रुपए की बचत भी हुई क्योंकि इतने के डिस्पोजल आ जाते हैं और हर वर्ष से इस वर्ष साफ सफाई भी 60% अधिक रही।इसके लिए मैंने 8-10 अन्य भंडारा संचालकों को भी जागरूक किया तो उन्होंने मुझे अगले मैले में डिस्पोजल का उपयोग नहीं करने का आश्वासन दिया क्योंकि खाटूश्यामजी मैले मे लाखों की संख्या मे श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करने आते है।उनके भोजन प्रसादी के लिए हजारों भंडारे लगाए जाते हैं और अधिकतर मे डिस्पोजल का ही उपयोग होता है जिससे मैले के बाद स्थानीय लोगों को सफाई से संबंधित काफी परेशानी होती है।अगर सभी भंडारों मे डिस्पोजल की जगह बर्तनों का इस्तेमाल हो तो इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।मैं पिछले चार वर्ष से मैले मे श्रद्धालुओं को संदेश लिखे हुए जूट के कैरी बैग देकर जागरूक कर रहा

BajrangSingh
BajrangSingh 5 महीने 3 सप्ताह पहले

श्रीमान प्रधानमंत्री महोदय, प्रणाम मैं पिछले चार वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अलग अलग तरीके अपनाकर कार्य कर रहा हूँ कभी पर्यावरण संरक्षण यात्रा निकाल कर तो कभी खाटूश्यामजी मैले मे जाकर श्रद्धालुओं को संदेश लिखे हुए जुट के कैरी बैग देकर लाखों लोगों तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश पहुंचाकर सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्परिणाम के बारे मे बताया है तथा हालही ही मे खाटूश्यामजी मैले मे एक छोटा सा प्रयोग किया जिससे सफाई 60% अधिक रही।मैंने एक भंडारा मे बर्तन देकर डिस्पोजल का उपयोग ना करने की अपील की जिससे वहां स्वच्छता अधिक रही।श्रीमान मेरे जिले में लाखों पेड़ दीमक की चपेट में आ चुके हैं उनमें से हजारों पेड़ सूख चुके हैं और लाखों की संख्या मे सूखने की ओर अग्रसर हैं,जो बचे हुए पैड हैं,उन पर मैं गौमूत्र और गाय की छाछ से कीटनाशक बनाकर समय समय पर स्प्रे कर दीमक से बचाने का काम कर रहा हूँ ताकि आगामी दिनों में क्षेत्र में पर्यावरण संबंधी समस्याओं से बचा जा सके। इस प्रकार मैंने हजारों बड़े पेड़ो को दीमक के प्रकोप से बचाया हैतथा जल बचाने का संदेश देते हुए अपने खर्चे पर 300 वर्ष पुरानी बावड़ी की सफाई की

BajrangSingh
BajrangSingh 5 महीने 3 सप्ताह पहले

श्रीमान प्रधानमंत्री महोदय प्रणाम, मैं पिछले चार वर्षों से खाटूश्यामजी मेला मार्ग में जाकर श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण का संदेश लिखे हुए जूट के कैरी बैग देकर उनसे सिंगल यूज प्लास्टिक का दुष्परिणाम बताकर इसका इस्तेमाल नहीं करने तथा अपने घर पर आयोजित किसी भी शुभ कार्य पर एक पौधा लगाकर उसको पेड़ बनाने की अपील करता हूं इस बार फाल्गुन मैले में श्रद्धालुओं से बाबा श्याम के दर्शन करने के बाद एक पौधा लगाने की अपील के साथ ही एक भंडारा स्थल पर जाकर आयोजकों से डिस्पोजल का उपयोग न करने की अपील कर उनको वॉशेबल बर्तन दिए जिससे उनके 20 से 22 हजार रुपए की बचत हुई और हर वर्ष से इस वर्ष स्वच्छता भी 60% अधिक रही इस कार्य के लिए मैं 8-10 अन्य भंडारा संचालकों से भी अपील की तो उन्होंने अगले फाल्गुन मैले में वॉशेबल बर्तनों का उपयोग करने का मुझे आश्वासन दिया। मान्यवर अगर सभी भंडारों मे डिस्पोजल का उपयोग ना हो तो मैले के बाद स्थानीय लोगों को सफाई से संबंधित होने वाली समस्या से छुटकारा मिल सकता है। कृप्या मेरे इस कार्य की "मन की बात" कार्यक्रम मे चर्चा करें
बजरंग सिंह,गांव -रानीपुरा, जिला -सीकर, राजस्थान

Manohar Kumar
Manohar Kumar 5 महीने 3 सप्ताह पहले

माननीय प्रधानमंत्री जी प्रणाम,
पुरे भारत मे स्कूल स्तर पर खाश कर केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूर मिलना चाहिए, क्योकि केवल झारखण्ड राज्य मे आक्रड़े बताते है की साल 2021 मे लगभग 500 बच्चो कि मौत नदी,तालावों और झरनों मे नहाने के दौरान पानी मे डूबने से हुए है,और ये आक्रड़े साल दर साल बढ़ता जा रहा है I
अतःमाननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि पुरे भारत के सभी केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूरी कर देना चाहिए I और सभी केन्द्रीय विद्यालय मे स्विमिंग पूल का निर्माण युद्ध स्तर पर होना चाहिए I

Manohar Kumar
Manohar Kumar 5 महीने 3 सप्ताह पहले

माननीय प्रधानमंत्री जी प्रणाम,
पुरे भारत मे स्कूल स्तर पर खाश कर केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूर मिलना चाहिए, क्योकि केवल झारखण्ड राज्य मे आक्रड़े बताते है की साल 2021 मे लगभग 500 बच्चो कि मौत नदी,तालावों और झरनों मे नहाने के दौरान पानी मे डूबने से हुए है,और ये आक्रड़े साल दर साल बढ़ता जा रहा है I
अतःमाननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि पुरे भारत के सभी केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूरी कर देना चाहिए I और सभी केन्द्रीय विद्यालय मे स्विमिंग पूल का निर्माण युद्ध स्तर पर होना चाहिए I

Manohar Kumar
Manohar Kumar 5 महीने 3 सप्ताह पहले

माननीय प्रधानमंत्री जी प्रणाम,
पुरे भारत मे स्कूल स्तर पर खाश कर केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूर मिलना चाहिए, क्योकि केवल झारखण्ड राज्य मे आक्रड़े बताते है की साल 2021 मे लगभग 500 बच्चो कि मौत नदी,तालावों और झरनों मे नहाने के दौरान पानी मे डूबने से हुए है,और ये आक्रड़े साल दर साल बढ़ता जा रहा है I
अतःमाननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि पुरे भारत के सभी केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूरी कर देना चाहिए I और सभी केन्द्रीय विद्यालय मे स्विमिंग पूल का निर्माण युद्ध स्तर पर होना चाहिए I

Manohar Kumar
Manohar Kumar 5 महीने 3 सप्ताह पहले

माननीय प्रधानमंत्री जी प्रणाम,
पुरे भारत मे स्कूल स्तर पर खाश कर केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूर मिलना चाहिए, क्योकि केवल झारखण्ड राज्य मे आक्रड़े बताते है की साल 2021 मे लगभग 500 बच्चो कि मौत नदी,तालावों और झरनों मे नहाने के दौरान पानी मे डूबने से हुए है,और ये आक्रड़े साल दर साल बढ़ता जा रहा है I
अतःमाननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि पुरे भारत के सभी केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूरी कर देना चाहिए I और सभी केन्द्रीय विद्यालय मे स्विमिंग पूल का निर्माण युद्ध स्तर पर होना चाहिए I

Manohar Kumar
Manohar Kumar 5 महीने 3 सप्ताह पहले

माननीय प्रधानमंत्री जी प्रणाम,
पुरे भारत मे स्कूल स्तर पर खाश कर केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूर मिलना चाहिए, क्योकि केवल झारखण्ड राज्य मे आक्रड़े बताते है की साल 2021 मे लगभग 500 बच्चो कि मौत नदी,तालावों और झरनों मे नहाने के दौरान पानी मे डूबने से हुए है,और ये आक्रड़े साल दर साल बढ़ता जा रहा है I
अतःमाननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि पुरे भारत के सभी केन्द्रीय विद्यालय मे बच्चो को तैराकी की शिक्षा जरूरी कर देना चाहिए I और सभी केन्द्रीय विद्यालय मे स्विमिंग पूल का निर्माण युद्ध स्तर पर होना चाहिए I

Sanjay Kumar Paneri
Sanjay Kumar Paneri 5 महीने 3 सप्ताह पहले

इस समय पर्यावरण ही सबसे बड़ी समस्या Grivins है, इससे बड़ी कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं हो सकती है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी रहती है, दुनिया के प्रति व्यक्ति औसत 0.52 हेक्टेयर वन क्षेत्र से भारत में प्रति व्यक्ति 0.29 हेक्टेयर वन क्षेत्र है जो आधे के लगभग है। मैं गंभीर दिव्यांग होते हुए भी सकारात्मक भाव से देश के महान यशस्वी प्रधानमंत्री जी को महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत है। दुनिया की सबसे बड़ी मानव जाति की इतनी बड़ी पर्यावरण समस्या का समाधान आप श्रीमान के आदेशानुसार (पर्यावरण और शिक्षा विभाग) के माध्यम से हो सकता है, मेरा आपसे हाथ जोड़कर विनम्र प्रार्थना है। Attched one PDF with details.

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