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एनएचआरसी मानवाधिकार फोटोग्राफी प्रतियोगिता 2024
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को ...
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (पीएचआरए), 1993 के तहत मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के साथ-साथ देश में जागरूकता पैदा करने के लिए एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी।
आयोग में अध्यक्ष और एक महिला सदस्य सहित पांच सदस्य शामिल हैं। इसके कामकाज में इसे कानून, जांच, अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रशासन के पांच मूल प्रभागों द्वारा समर्थित किया जाता है, जिनमें महासचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में सचिवालय के हिस्से के रूप में विशेषज्ञ अधिकारी होते हैं।
एनएचआरसी, भारत, पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसे अक्टूबर 1991 में पेरिस में आयोजित मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए राष्ट्रीय संस्थानों पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में अपनाया गया था, और संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा इसके विनियम 48/134 द्वारा 20 दिसम्बर 1993 को इसका समर्थन किया गया था।
एनएचआरसी अपने संविधान के अनुरूप मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए भारत की चिंता का प्रतीक है।
पीएचआरए की धारा 2 (1) (D) मानव अधिकारों को संविधान द्वारा गारंटीकृत या अंतर्राष्ट्रीय अनुबंधों में सन्निहित और भारत में अदालतों द्वारा लागू किए जाने वाले व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा से संबंधित अधिकारों के रूप में परिभाषित करती है।
आयोग के कार्य, अधिनियम की धारा 12 में बताए गए हैं। किसी लोक सेवक द्वारा ऐसे उल्लंघन की रोकथाम में लापरवाही के कारण मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों की जांच और राहत की सिफारिश करने के अलावा, आयोग अपनी सलाह, शिविर बैठकों, स्पॉट जांच दौरों, प्रशिक्षण, , कार्यशालाएँ, सेमिनार, सम्मेलन, अनुसंधान, मीडिया सहभागिता, सोशल मीडिया, समाचार पत्र, प्रकाशन एवं इंटर्नशिप के माध्यम से मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता भी फैलाता है।
इसमें मानवाधिकारों से संबंधित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर विषय विशेषज्ञों, वरिष्ठ अधिकारियों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों सहित कई 'कोर समूह' हैं। आयोग के पास विशेष प्रतिवेदकों और विशेष मॉनिटरों का एक बहुत ही मजबूत तंत्र है, जो जमीनी स्तर पर मानवाधिकारों की स्थिति का आंकलन करने और रिपोर्ट करने के लिए विभिन्न आश्रय गृहों, अवलोकन गृहों, वृद्धाश्रमों, जेलों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और ऐसी अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का दौरा करते हैं साथ ही आयोग सुधार के लिए आवश्यक सिफारिशें करता है। यह मानवाधिकारों पर संधियों और अंतर्राष्ट्रीय उपकरणों का अध्ययन करता है और सरकार को उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करता है।
एनएचआरसी, भारत राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन, जीएएनएचआरआई के साथ 'ए' स्थिति से मान्यता प्राप्त एनएचआरआई है और एशिया प्रशांत क्षेत्र में एनएचआरआई के एशिया प्रशांत फोरम का संस्थापक सदस्य है। इसे मानवाधिकार संबंधी चिंताओं पर वैश्विक मंचों पर अपनी प्रभावशाली आवाज के लिए भी पहचाना जाता है। इसने सितंबर, 2023 में एशिया प्रशांत के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (एनएचआरआई) के एक सम्मेलन और व्यापार और मानवाधिकार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की।
आयोग मानवाधिकारों की वकालत के लिए आम लोगों से भी जुड़ता है। 2015 से मानवाधिकारों पर इसकी वार्षिक लघु फिल्म प्रतियोगिता, लॉ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं, पेंटिंग, क्विज़ और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं ऐसे कुछ महत्वपूर्ण आयोजन हैं। मानवाधिकारों पर यह ऑनलाइन फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी उसी दिशा में एक प्रयास है।
आयोग को जागरूकता उद्देश्यों के लिए मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर पुरस्कार विजेता तस्वीरों का उपयोग करने का अधिकार होगा। इन्हें आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
यह गतिविधि माईगव के सहयोग से आयोजित की गई है।
प्रतियोगिता के विषय इस प्रकार हैं:
• बाल श्रम
• बेसहारा बुजुर्गों की चुनौतियाँ
• पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय खतरे
• भारतीय विविधता में मानवाधिकारों और मूल्यों का जश्न
• लैंगिक समानता का जश्न
• विकास पहल से जीवन और जीवन स्तर में सुधार
• LGBTQI+ जीवन, अधिकार और चुनौतियाँ
• महिलाएँ (अधिकार, चुनौतियाँ, राष्ट्र के विकास में उनका योगदान
• भिखारी
• विकलांगता (अधिकार, चुनौतियाँ, उपलब्धियाँ)
नकद पुरस्कार
• प्रथम – रु. 15,000
• द्वितीय – रु. 10,000
• तृतीय – रु. 5,000
प्रत्येक के लिए 2,000/- रुपये के 7 सांत्वना पुरस्कार
एनएचआरसी भारत से संबंधित किसी भी चिंता के लिए कृपया https://nhrc.nic.in/ पर विजिट करें।
नियम एवं शर्तों के लिए यहां क्लिक करें (पीडीएफ 191KB)