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कहानी लेखन प्रतियोगिता - एनसीडब्ल्यू की अरुणिमा पत्रिका

कहानी लेखन प्रतियोगिता - एनसीडब्ल्यू की अरुणिमा पत्रिका
आरंभ करने की तिथि :
Jul 25, 2024
अंतिम तिथि :
Aug 17, 2024
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन एक सांविधिक निकाय के रूप में, दिनांक 31 ...

राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन एक सांविधिक निकाय के रूप में, दिनांक 31 जनवरी, 1992 को राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के अनुसरण में, महिलाओं के अधिकारों और हितों की रक्षा करने और उनको बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। आयोग विभिन्न सरकारी, सामाजिक, निजी संगठनों, हितधारकों, पुलिस विभाग और कई अन्य संगठनों आदि के साथ सेमिनार, वेबिनार, परामर्श, सुनवाई, बैठकों और सम्मेलनों के माध्यम से महिलाओं के विकास के लिए अपने अनिवार्य उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते समय सक्रिय रूप से भाग लेता है।

इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग अपनी हिंदी पत्रिका “अरुणिमा” के तृतीय अंक का प्रकाशन करने जा रहा है। सुश्री रेखा शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा पत्रिका को बहुआयामी बनाने के लिए महिलाओं से संबंधित विषयों पर विभिन्न कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के विचारों को शामिल करने का फैसला लिया गया है।

इसलिए, राष्ट्रीय महिला आयोग, माईगव (Mygov) के सहयोग से स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए एक स्वरचित “कविता लेखन प्रतियोगिता” का आयोजन कर रहा है, जिसमें कॉलेज के सभी छात्रों को नीचे दिए गए विषयों पर काव्यात्मक रूप में अपनी भावनाओं और अंतर्दृष्टि को व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया है:

1. महिलाओं से संबंधी मुद्दे
2. महिला सशक्तिकरण एवं महिला शिक्षाः बदलाव भी है जरूरी
3. महिलाओं का समाज में योगदान एवं उत्तरदायित्व

तकनीकी प्राचल:
1.रचना की भाषा हिंदी होनी चाहिए, और उन्हें यूनिकोड फ़ॉन्ट में टाइप किया जाना चाहिए।
2.कविता रचना स्व-रचित और मौलिक होनी चाहिए और केवल ऊपर बताए गए विषयों पर ही होनी
चाहिए।
3.कविता का एक शीर्षक होना चाहिए और उसकी अधिकतम सीमा 500-750 शब्द (शीर्षक को छोड़कर)
होनी चाहिए।
4.प्रतिभागियों को विवरण बॉक्स में अपना नाम, कोर्स, कॉलेज का नाम, पता और मोबाइल नंबर आदि का
उल्लेख करना होगा।
5.कविता के मुख्य भाग में किसी भी स्थान पर लेखक का नाम/ईमेल आदि उल्लेख करने से इसे अयोग्य घोषित
किया जाएगा।

पुरस्कार:
1. चुनी गई प्रविष्टि को नकद पुरस्कार या 1500/- रूपये मूल्य की वस्तु से पुरस्कृत किया जाएगा।
2. शीर्ष प्रविष्टियों को राष्ट्रीय महिला आयोग की अर्धवार्षिक हिंदी पत्रिका “अरुणिमा” के तृतीय अंक में
प्रकाशित किया जाएगा।

इस कार्य के लिए प्राप्त हुई प्रविष्टियाँ
542
कुल
75
स्वीकृत
467
समीक्षाधीन
फिर से कायम कर देना
75 सबमिशन दिखा रहा है
MONOJITPAL_6
MONOJITPAL 2 महीने 1 day पहले

Honorable Sir/Ma'am,

                        Please take my deep regards from the core in my heart.I'm overwhelmed to get a unique chance to share my views on this sacred platform.In my teaching career, I have felt that the great quotation 'One good mother is worth a hundred schoolmasters' is very valuable lessons for all round development of the children.

gauravsureliya
Gaurav Sureliya 2 महीने 1 day पहले

Recently an incident happened with the doctor in Kolkata, It is a shame of what men are turning in. Streets, public transports, institutions and now hospitals, there is no such safe place for women to live their lives safely and happily. Totally agree on this quote,
In the dark, Man fears it's a ghost.
and Women fear it's a Man.
In India hospitals are equivalent to Temples and Doctors as The Gods, if they are facing such miserables, what of patients.
How will it be Jai Hind, Jai Bharat.

AkashDHAGE_1
AkashDHAGE 2 महीने 1 day पहले

महिला आयोग की पुकार
सुनो सुनो महिलाओं की आवाज़
अधिकारों की लड़ाई में शामिल हो
न्याय और समानता के लिए लड़ो

हिंसा और भेदभाव के अंधकार में
आयोग की किरण से रोशनी हो
सशक्त महिलाएं बनो और आगे बढ़ो
अपने हक़ की लड़ाई में जुटो

शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से
महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागृत करो
आयोग की आवाज़ सुनो और समझो
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करो

एक समानता और न्याय का समाज बनाने के लिए
महिला आयोग की

Saimeerajoshi
Saimeerajoshi 2 महीने 1 day पहले

नमस्कार मेरा नाम साईमीरा जोशी है । मैंने जो आस-पास जो देखा और खुद महसूस किया है उस भावना को शब्दो का रूप देकर अपनी स्वरचित कविता के द्वारा व्यक्त करने कि कोशिश की है ।आशा करती हूँ यह कविता आपके मन को छू जाएगी ।