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किसान गीत प्रतियोगिता

Kisan Geet Contest
आरंभ करने की तिथि :
Mar 04, 2016
अंतिम तिथि :
Mar 10, 2016
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

सरकार की महत्विपूर्ण स्कीेमों जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ...

सरकार की महत्विपूर्ण स्कीेमों जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) आदि को उजागर करते हुए भारत सरकार, कृषि और किसान कल्यासण मंत्रालय की किसान कल्यातण स्कीरमों पर "किसान गीत" (गीतिका)

ऐसा होना चाहिए कि वे किसानों का ध्यांन आकर्षित करें तथा भारत सरकार की स्कीसमों की मुख्यी विशेषताओं के बारे में जागरूकता सृजित करे।

प्रविष्टियों के प्रस्तुत करने के लिए अंतिम दिन 9 मार्च 2016 है।

नियम और शर्तें के लिए यहां क्लिक करें।

इस कार्य के लिए प्राप्त हुई प्रविष्टियाँ
122
कुल
94
स्वीकृत
28
समीक्षाधीन
फिर से कायम कर देना
94 सबमिशन दिखा रहा है
aslam mansuri
aslam mansuri 8 साल 6 महीने पहले

देखता हूं नित दिन मैं एक इंसान को
धूप में जलता हुआ शिशिर में पिसता हुआ
वस्त्र है फटे हुए पांव हैं जले हुए
पेट-पीठ एक है बिना हेल्थ जोन गए हुए।
खड़ी फसल जल रही
सूद-ब्याज बढ़ रही
पुत्र प्यासा रो रहा दूध के इंतजार में

फटी बिवाई कह रही
दीनता की कहानी
शब्दों के अभाव में
जो रह गई बेजुबानी

जीवन निस्सार संगीत है
भविष्य भी भयभीत है
रो रहा वर्तमान है
सामने अंधकार है

कष्ट में वह पूछता है
कर्मफल कब पाऊंगा?
या यूं ही संघर्ष करता
परलोक सिधार जाऊंगा।

yudhi_singh@yahoo.com
Commander Yudhister Singh 8 साल 6 महीने पहले

हे हलवाहा खेतिहर कृषिजीवी कृषक किसान
अब सरकार ने किया हैं किसानों के लिए ऐसा उत्साहवर्धक प्रावधान
कि तू अपनी मेहनत से अब फूँक सकेगा बंजर भूमि में भी जान
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से
हर खेत को पानी होगा लहरा उठेंगे खलिहान
बाढ़ और अकाल से विचलित न होगा हमारा मेहनती इंसान
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में
सरकार पूर्ण करेगी सब फसलों को हुआ नुकसान
तेरी आय स्थिर रहेगी खुशहाली का पूरा होगा अरमान
तू खेतों में जो भी फसल उगायेगा
सबका बीमा होगा चाहे हो गेंहू ,सरसों गन्ना, कपास यां धान

Anegondi Giyappa Vasudevrajurs
Anegondi Giyappa Vasudevrajurs 8 साल 6 महीने पहले

अरे वाह क्याभात है सभी जगाह हरियाली ही हरियाली है,हे दोस्त ये है हम्हारा प्यारा ज़न्नत हैं.
इस ज़न्नत का हख्धार सिर्फ आपही हो,मेरे प्यारे किसानो.आपके प्यार,कृपा,दया,परिश्रम ही हमारा जिन्दगी हैं.
हम कभीभी हमारा इस सुन्हेरे जिन्दगीको भर्बात होने नही देंगे.
अरे किसान दोस्तो,क्या कम्ही किया है हम्हारा सरकार ने,अप्नाओ योजनाओंको,आगे बदो हिम्मतसे,विश्वास से,अभि हमको ज़न्नत दिखाया हैन,सरकारी योज्नाओंको अप्नाके पूरे दुनियाको ज़न्नत दिखानेका खोशिस करो.
जै जवान जै किसान

Dashrath Singh Sahariya
Dashrath Singh 8 साल 6 महीने पहले

है उसके दिल में उमंग अब फसलों के संग
दे दे वो दुनिया को अब खुशियों के रंग।
रूठे खेतों को वो मनाता है पानी से भी सहलाता है
फसल को अब हर बीमारी से बचाता है।
किसान सो गया तो कौन जाग पायेगा
जाग भी गया तो खाना कहाँ से खायेगा।
नई -नई तकनीकें आईं खुशियों की सौगातें ले आईं
योजनाओं का फैल गया है जाल अब हर किसान का जीवन होगा खुशहाल।
फसल काटना अब आसान हो गया चुटकी बजाते ही समझो काम हो गया
जब कभी मौसम रूठ जाता है किसान को फिर भी कोई नहीं घाटा है
सरकार का किसान से अब अटूट नाता है।

Anegondi Giyappa Vasudevrajurs
Anegondi Giyappa Vasudevrajurs 8 साल 6 महीने पहले

हे मेरे हिंदूस्तानी मित्रमा
आप हे वो हमारा भूक मिटानेवाले,सबके फरिस्ता हैं.
भूकम्प,प्रलय,प्रवाह,घर्मी,ठंड होनेसे भी आप निडरसे हिम्मत्से विश्वाससे सबको भूक मिटाके,आप अन्नदाता हो.
हे अन्नदाता आपसे बिनती है हमको फर्वरिष करो.
आप सरकार का अस्त्र बनो,अचचा जिन्दगी जियो
सदा सुखीरहो,सरकारका योजनाको अप्नाना,जै नामो.
आपका खुशी ही हमारा जिन्दगी है.

mygov_145751543929083474
anoop srivastava_1
Anoop Srivastava 8 साल 6 महीने पहले

I am sending herewith the lyrics of "KISAAN GEET" for this contest in attached pdf file in Hindi(Unicode). This song is original and specially written by me for this contest. This song is written in simple Hindi language as it is for the farmers. I tried my best to include all the Farmers Welfare Schemes of Government of India. I think this song fulfills all the required parameters. Thanking You.

ideas.vinay@gmail.com
vinay mishra 8 साल 6 महीने पहले

श्रम करता अन्न उगाता, पौधों को वह वृक्ष बनाता, माटी से जीवन को जगाता ,कष्टों से जो न घबराता, है किसान वह कहलाता |
अंधकार से लड़ता , पग पग पर है खतरा ,
हर कोई चाहे उससे, उसका अपना केवल साहस, लुटता हर बार वह, सपने उसके हैं अधूरे,
देता न कोई आश्रय उसे, शहरों के गलियारों में,
जीवन बीतता खेतों से गाँवों की चौपालों में,
न दवा न कोई संरक्षण ,नहि शिक्षा और ग्यान, फटे पाँव और तन पे बंडी है वह भाग्यवान किसान !