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डिजिटल भारत अंब्रेला कार्यक्रम के तहत प्रमुख पहलों के लिए यूज़र फ्रेंडली नामों का सुझाव देने पर प्रतियोगिता

डिजिटल भारत कार्यक्रम: डिजिटल भारत, भारत सरकार का एक प्रमुख ...
डिजिटल भारत कार्यक्रम: डिजिटल भारत, भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य "भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलते हुए", आईटी (भारतीय प्रतिभा) + आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) = आईटी (कल का भारत) को प्राप्त कर परिवर्तनकारी बनाने का है। इस कार्यक्रम का केंद्र तीन प्रमुख परिकल्पनाएँ हैं: "प्रत्येक नागरिक को उपयोग के रूप में बुनियादी ढांचा प्रदान करना", "मांग पर शासन और सेवाएँ प्रदान करना" और "नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण"। सरकारी विभागों और भारत के नागरिकों को जोड़ने के लिए भारत सरकार की यह एक पहल है।
डिजिटल भारत कार्यक्रम की शुरुआत: डिजिटल भारत कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करने के लिए, यह परिकल्पना की गई है कि नीचे उल्लिखित अनुसार प्रति सप्ताह कार्यक्रम के तहत कुछ प्रमुख पहलों की शुरुआत की जाएगी
i. डिजिटल लॉकर: डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य भौतिक दस्तावेज़ों के उपयोग को समाप्त करना और सभी सरकारी एजेंसियों में सत्यापित ई-दस्तावेज़ों को ऑनलाइन साझा करने में समर्थ करना है। निवासी उनके अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं और ई-साइन सुविधा के उपयोग से डिजिटल रूप से उनके ऊपर हस्ताक्षर कर सकते हैं। डिजिटल लॉकर के लाभ हैं भारतीय नागरिकों को क्लाउड पर सरकारी ई-दस्तावेज़ों के लिए निजी खाता प्रदान करना, जिससे नागरिक संबंधी सभी दस्तावेज़ ई-साइन में सक्षम और डिजिटल रूप से उपलब्ध हों, जिससे सरकारी विभाग अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किए गए नागरिक संबंधी दस्तावेज़ों और प्रमाणपत्रों का उपयोग कर सकें, इस प्रकार से प्रशासनिक अधिभार कम हो, समय की बचत हो और प्रयास कम लगे और सुनिश्चित हो सके कि सभी नागरिकों को किसी भी स्थान पर, किसी भी समय, अधिकृत एजेंसियों के साथ साझा करने के लिए मानक फॉर्मेट में दस्तावेज़ उपलब्ध हों। डिजिटल लॉकर सिस्टम नागरिकों की पहचान करने और प्रमाणित करने के लिए आधार बायोमीट्रिक सिस्टम का उपयोग करता है। डिजिटल लॉकर के लिए साइन अप करने के लिए, आपको केवल आधार संख्या और आपकी आधार संख्या से जुड़े मोबाइल नंबर की ज़रूरत है। आप https://digitallocker.gov.in/ साइट पर जा सकते हैं और अपना खाता खोलने के लिए साइन अप लिंक का उपयोग कर सकते हैं।
ii. ई-प्रिसन: एक अनिवार्य मंच है जिसकी आवश्यकता एक ही स्थान पर सभी राज्यों के जेल विभागों को लाना है। देशभर में कैदियों के बारे में केंद्रीकृत डेटा के लिए यह एक ही मंच होगा और जो एक आम आदमी को जेल में रह रहे व्यक्ति से मुलाक़ात करने के लिए सरल पहुँच प्रदान करेगा। यह वास्तविक समय में समाज को कैदियों के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी देने और जेलों में बंद कैदियों की अनिवार्य जानकारी देने में सहायता करेगा। यह प्रतिदिन की सूचना संबंधी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने में जेल प्रबंधन की भी सहायता करेगा। इस प्रकार से आपराधिक न्याय प्रणाली के अन्य हितधारकों के साथ जानकारी आदान-प्रदान होगी और खुफिया और जाँच के उद्देश्य के लिए विभिन्न एजेंसियों को जानकारी प्रदान होगी।
iii. वेबसाइटों के लिए तुरंत उपयोग आने वाले औज़ार: राष्ट्रीय ई-शासन योजना परियोजना के तहत आम आदमी को सेवाएँ प्रदान करने के लिए अनेक मिशन मोड परियोजनाओं को आरंभ किया गया है। वर्तमान में केंद्रीय और राज्य और एकीकृत सेवाओं को शामिल करती हुई 31 मिशन मोड परियोजनाएं हैं। प्रत्येक मिशन मोड परियोजना के तहत अनेक पोर्टल / साइट का डिज़ाइन, निर्माण और उपयोग किया जा रहा है। वेबसाइटों के लिए तुरंत उपयोग आने वाले औज़ारई-शासन के लाभ आम जनता तक पहुंचाने के लिए पेश की जा रही सेवाएँ मातृभाषा में होनी चाहिए। क्योंकि भारत एक बहुसांस्कृतिक, बहुभाषीय देश है जहाँ 22 अनुसूचित भाषाएँ बोली जाती हैं नागरिक सेवाओं को स्थानीय और क्षेत्रीय भाषा में प्रदान करना बेहद अनिवार्य हो जाता है। क्षेत्रीय भाषाओं में सभी नागरिक सेवाओं को स्थानीय बनाने के सपने को साकार करने के लिए www.localisation.gov.in पोर्टल प्रासंगिक मानकों, सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं, औजारों और प्रौद्योगिकियों के लिए एकमात्र स्थान है। यह पोर्टल उपरोक्त से लैस है और MMPs को स्थानीय बनाने के लिए सहायता / जानकारी प्रदान करता है।
iv. डिजिटाइज भारत कार्यक्रम: लोगों को नागरिक सेवाएँ देने के लिए सरकारी अभिलेखों के डिजिटलीकरण और गृहणियों और बेरोज़गार युवाओं के लिए घर से काम करने की सुविधा देने के लिए रोज़गार उत्पन्न करने के लिए आईटी रूपरेखा आधारित एक अंत-से-अंत वर्कफ्लो है। इसके द्वारा अनेक आत्म-पहचान वाले स्वयं-सेवकों, अंश-कालिक श्रमिकों, गृहणियों, विद्यार्थियों और सामान्य जनता को सशक्त करने की कल्पना की गई है। यह कार्यक्रम कार्य-कुशल खोज और अभिलेखों का उपयोग प्रदान करते हुए प्रदर्शन में सुधार करने मं् सहायता देगा, सरकारी अभिलेखों का भंडार करने और संग्रह करने के लिए उपयोग आने वाले स्थान को खाली कर उसके ऊपर आने वाली लागत को कम करेगा, सरकारी अभिलेखों का उपयोग आसान करते हुए असरदार नागरिक सेवा वितरण की ओर ले जाएगा, व्यवसायों और नागरिकों को आँकड़े प्रदान करते हुए सरकारी राजस्व में वृद्धि की ओर ले जाएगा और ऐतिहासिक आँकड़ों पर आधारित सामरिक और सूचित विश्लेषण, योजना और निर्णय करने में सहायता करेगा।
लाभ
• रोज़गार के अनेक अवसर उत्पन्न करेगा
• राष्ट्र निर्माण में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देगा
• देश भर में आईटी साक्षारता और कौशल का विकास करेगा
• आर्थिक रूप से कमज़ोर नागरिकों के लिए आय के अतिरिक्त अवसर पैदा करेगा
• अंश-कालिक रोज़गार उत्पन्न करेगा खासकर महिलाओं के लिए
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभाग ऊपर उल्लिखित प्रमुख पहल/परियोजनाओं के लिए यूज़र फ्रेंडली नामों का सुझाव देने में रुचि रखने वाले प्रतिभागियों से प्रविष्टियों का अनुरोध करता है। डिजिटल भारत कार्यक्रम के बारे में जागरूकता का प्रसार, विभिन्न प्रकार के दर्शकों को असरदार तरीके से शामिल करना, और इस कार्यक्रम द्वारा नागरिकों को कैसे लाभ मिल सकता है यह समझाने में सहायता करना और डिजिटल भारत के साथ जुड़ने में उसकी सहायता करना आज की आवश्यकता है। बेहतर समझ के लिए नीचे प्रत्येक परियोजना का संक्षेप दिया गया है। सुझाव से संबंधित प्रविष्टियाँ व्यावहारिक, आकर्षक और प्रासंगिक होनी चाहिए।
प्रविष्टि प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 2 जून 2015 है।
विजेता प्रविष्टियों को निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा:
1) प्रथम पुरस्कार- रु. 10,000/-
2) द्वितीय पुरस्कार- रु.5000/-
3) तृतीय पुरस्कार- रु.2000/-
नियम एवं शर्तें के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
On the fly translation tools for websites Localisation.gov.in -> स्वानुकूलन,स्वाभास,meriboli.gov.in
E-prison- ekarawas.gov.in,ekaragar.gov.in
Digitige India program -> e-swayamsevak
DigitalLocker-> Patrakosh ,merakona, e-satyapan,e-sangrih,mydocsbank
डिजिटल भारत अंब्रेला कार्यक्रम के तहत प्रमुख पहलों के लिए यूज़र फ्रेंडली नाम
(i)डिजिटल लॉकर:- “अभेद्य तिजाेरी”
(ii)ई-प्रिसन:-“ई-बन्दी प्रबन्धक”
(iii)वेबसाइटों के लिए तुरंत उपयोग आने वाले औज़ार:-“भाषा सारथी”
(iv)डिजिटाइज भारत कार्यक्रम:-“e-अभिलेख संचरण”
#DigitalIndia
1) #DigitalLocker :- MobileLocker
2) #EPrison :- JailBook
3) #TranslationToolsForWebsites :- LocalBoli
4) #DigitalIndiaProgramme :- HindMitra
#MyGov
Suggestions:
1. Digital Locker --> DocBox, eDocBox, DocLite, eDocLite, DocKosh, eDocKosh, DocMitra, eDocMitra, IDoc, DocHouse, eDocHouse, DocPal, eDocPal, DocPlus, eDocPlus, DocBin, eDocBin, DocLock, eDocLock, eLocker, eDocker, Docket, eDocket, SecurEDoc, DocMin [Admin], eDocMin, DocSoft, DocLoft, eDocLoft, DocSafe, eDocSafe.
2. E-Prison --> KaraPlus, eKaraPlus, eKaragriha, KaraKosh, eKaraKosh, KaraPrabandhan, eKaraPrabandhan.
3. MatrBhasha.
Digital Locker:- EG-DOC (Electronic guard for documents on cloud)
Prison:- e-Cell / e-कारागार
Translator:- Bol-E (बोली)
Digital India:- Swarnbhum-E (स्वर्णभूमि)
Please find my proposed names attached with this post in .pdf format.
#DigitalIndia, #DigitalLocker, #EPrison, #TranslationToolsForWebsites, #DigitizeIndiaProgramme, #MyGov
User friendly names-"e" in all names stands for digital.
1]Digital locker – “DOCeLOCK”. Means locking the documents digitally.
2]E-prison- “Bandh-e-Prabandhan”. Means prison[bandh] as well as bandhe[hindi for prisoner] management .
3]Translation tools- “Mer-e-Bhasha”. Simply means my language.
4]Digital india programme- “ e- Grow”. Rhymes well with eGov and "E" here stands for the goals of digital india i.e Employment,Economy,Earning,Encouragement of nation building activities.
E-prison-jail digest,access prison info
Translation-multilingual mode,my lingo, my language,meri vaani
E-Prison: Jail Journal/ Kara-kosh
Translator: Decode/En-Crytplator