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नमामि गंगे परियोजना हेतु प्रचार वाक्य सुझाएँ

एकीकृत गंगा संरक्षण परियोजना “नमामि गंगे” कार्यक्रम को 2014-15 के बजट ...
एकीकृत गंगा संरक्षण परियोजना “नमामि गंगे” कार्यक्रम को 2014-15 के बजट में प्रस्तावित किया गया है। नमामि गंगे का उद्देश्य गंगा संरक्षण के लिए चल रही योजनाओं अविरल धारा और निर्मल धारा के प्रयासों और उद्देश्यों को मजबूती प्रदान करना है।
प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में: नमामि गंगे – समन्वित गंगा संरक्षण मिशन एक समन्वित गंगा संरक्षण मिशन के रूप में गंगा कायाकल्प के उद्देश्य के साथ (जैसे कि, पवित्र नदी के जल की स्वास्थ्य-प्रदत्ता का नवीनीकरण) 2014-15 के केंद्र बजट में प्रस्तावित योजना है।
प्राचीन समय से मानव सभ्यता को पोषण करने के कारण गंगा नदी को भारत की परिसंपत्ति के रूप में देखा जाता है। अनेक प्रकार की वनस्पति, विभिन्न प्रकार की मछलियां, घड़ियाल, गंगा डॉलफिन और अन्य कई प्रकार के जीव अपने अस्तित्व के लिए गंगा नदी पर निर्भर करते हैं। और इसके साथ ही यह नदी भारत में अपना विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखती है।
अनेक जटिल मुद्दे जैसे अपशिष्ट जल उपचार, औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण, नदी विकास और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इत्यादि का समाधान करने के लिए कई योजनाएं पहले से ही कार्यान्वयन के स्तर पर है इसी बीच कुछ अतिरिक्त योजनाएं जैसे घाटों का निर्माण, नालियों का उपचार, निकास प्रणाली का पुनर्वास, गंगा कार्य बल, चार धाम यात्रा के लिए कार्य योजना, वनीकरण और जलीय जीवों का संरक्षण, फूल और अन्य पूजा सामग्री का सुरक्षित निपटान, पानी के विशेष गुणों का आकलन, नागरिकों की भागीदारी इत्यादि भी प्रस्तावित की गई हैं। गंगा संरक्षण की राह में अनेक चुनौतियों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा ‘नमामि गंगे’ नामक एक नई पहल की शुरुआत की गई है। गंगा संरक्षण की आवश्यकता को समझते हुए एक आम रणनीति और योजना तक पहुंचने के लिए विभिन्न मंत्रालयों द्वारा एक साथ मिलकर काम किया जा रहा है। जल संसाधन मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, शहरी विकास, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, नौवहन, पर्यटन, संस्कृति एवं राज्य सरकारों द्वारा इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
गंगा के मुख्य स्तंभ के अतिरिक्त गंगा घाटी का निर्माण करने वाले 11 राज्य भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना समर्थन दे रहे हैं। गंगा नदी घाटी प्रबंधन योजना सात आईआईटी समूह के सदस्यों द्वारा विशेष रूप से अविरल धारा और निर्मल धारा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तैयार किया जा रहा है जिसका तात्पर्य गंगा नदी के निरंतर और प्रदूषणरहित प्रवाह से है।
उद्योगों से निकलने वाला तरल, नदी नियमन क्षेत्र (बाढ़ मैदानों के चित्रण के आधार पर), ई-प्रवाह, पन बिजली परियोजना – प्राकृतिक प्रवाह की पुनःस्थापना, स्थानीय प्रजातियों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए दिशानिर्देश, वैज्ञानिक रेत खनन पर संशोधित दिशानिर्देश, और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वैकल्पिक सिंचाई के तरीके नीतिगत स्तर पर सबसे बढ़ी चिंता के विषय हैं।
इस कार्य का सबसे अहम भाग जनता का समर्थन और उनकी भागीदारी है। इसलिए भारत और विदेश के विभिन्न हिस्सों के व्यक्तियों और समुदायों की ओर से यह अपेक्षा की जाती है की वह आगे आएँ और पूरे मन से स्वच्छ गंगा के लिए धन (स्वच्छ गंगा फण्ड) और/जन शक्ति के रूप में अपना सहयोग दें।
लोगों की सार्वजानिक सहभागिता की यह प्रक्रिया अविरल और निर्मल गंगा के सामान्य और महान लक्ष्य की दिशा में पहला कदम होगी।
नमामि गंगे!
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, सभी नागरिकों को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की परियोजना ‘नमामि गंगे’ के लिए प्रचार वाक्य सुझाने हेतु आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।
प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2014 है।
विजेता प्रविष्टि को निम्नलिखित नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा:
1. पहला पुरस्कार – रु.25,000/-
2. दूसरा पुरस्कार – रु.20,000/-
3. तीसरा पुरस्कार – रु.15,000/-
तकनीकी प्राचल और मूल्यांकन मानदंडों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
कार्य के मॉडरेटर
मोहम्मद नजीब आशान
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एमओडब्लूआर,आरडी और जीआर)
ई-मेल: najeeb_ahsan@yahoo.com
NIRMAL AVIRAL GANGA KI DHAR-NAMAMI GANGE KI PAHCHAN.
NAMAMI GANGE KI SUNDER DHARA - YE HAI PAHCHAN HAMARA.
Tagline- "Nirmal Ganga Swachchha Bharat"
माँ गंगा की स्वच्छ धारा जीवन के साथ चले जीवन के साथ बढे
चलो लौटाए शीतल गंगे !!
my tagline
गंगा के प्रति सम्मान यही है हमारी संस्कृति की पहचान।
Hogi Ganga Nirmal-Hoga Behtar Kal
SWACHH HOGI GANGA ,
HUM KARENGE, AAP KARENGE .
Nirmal Ganga Rashtra Ki Shaan