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मातृ दिवस के अवसर पर ''सुनो मां की कहानी'' साझा करने की प्रतियोगिता

Suno Maa Ki Kahaani - a Story-Sharing Contest on Occasion of Mother’s Day
आरंभ करने की तिथि :
May 07, 2016
अंतिम तिथि :
Jun 07, 2016
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मातृ दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ बेटी ...

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मातृ दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीयम के अंतर्गत कहानी साझा करने की प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है :

प्रतियोगिता के बारे में :-

नाम : सुनो मां की कहानी
हैशटैग : #SunoMaaKiKahaani; #BetiBachaoBetiPadhao; #WCDMin4Women
अंतिम तिथि : 06 जून, 2016
प्रस्तुति की विधि: वीडियो (60 सैकेंड की अवधि)/लेख (अधिकतम 200 शब्दं)

संकल्पना

मातृ दिवस परिवार में माता को, मातृ संबंधों को तथा समाज में माताओं के प्रभाव को सम्मानित करने के लिए प्रत्येक वर्ष मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है । यह माता के प्रति प्याजर, सम्माबन एवं देखरेख दर्शाने का अवसर होता है ।

मातृ दिवस आयोजन करने की भावना से, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार माताओं के बारे में कहानियां आमंत्रित करके एक प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है । एक माह की अवधि वाली यह प्रतियोगिता 08 मई, 2016 से शुरू होकर 06 जून, 2016 को समाप्त होगी।

यह अभियान ऐसी माताओं के बारे में लघु कथाएं/कहानियां साझा करना है, जिन्होंरने जेंडर रूढ़िवादिता का विरोध किया, महिला-पुरुष भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाई और महिला-पुरुष समानता एवं सशक्तीोकरण का समर्थन करके बच्चोंल के विचारों को बढ़ावा दिया। इस कहानी ने एक दीर्घकालीन प्रभाव छोड़ा हो और परिणामस्वणरूप उसके परिवार और/अथवा व्याोपक रूप से समाज की सोच में बदलाव किया हो। प्रस्ताववना इस तथ्यस पर आधारित है कि बच्चोंि का संबंध मां के साथ सबसे घनिष्ठा होता है और उनके व्यावहार एवं प्रवृत्तिि बनाने में सबसे अधिक प्रभावशाली होता है । माता प्रेरणा का स्रोत और अपने बच्चोंा के लिए आदर्श भी होती हैं। जब एक मां के बारे में कोई लघु कथा या कहानी कही जाती है, वह समाज की सोच में एक सकारात्म क बदलाव लाने के लिए उत्प्रे रक के रूप में उपयोग की जा सकती है ।

इस प्रतियोगिता का उद्देश्य माताओं के बारे में कहानियां साझा करना, बड़ी संख्याव में लोगों को जोड़ना, आपसी संवाद को प्रोत्साीहित करना, पुरुषों एवं लड़कों को संवेदनशील बनाना और बेटी को सशक्तल करने के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना है। यह पहल महिलाओं के साथ भेदभाव, असमानता एवं नि:शक्तीवकरण के विरूद्ध संवाद स्थापित करने के लिए अवसर प्रदान करना है जिसके परिणामस्व रूप समाज में सकारात्मकक बदलाव आ सके।

कहानियां साझा करने हेतु कुछ सुझाए गए विषय जैसे महिला-पुरुष समानता और सशक्तीकरण,लिंग भेदभाव, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयां इत्यादि हैं

आइये! हम प्रत्येक माता का केवल इस मातृ दिवस पर ही नहीं बल्कि वर्षभर नमन और सम्मान करें ।

पुरस्कांर

• कहानियों के आधार पर जीतने वाले दो सर्वोत्तवम वीडियो को 2,500/-रुपये का पुरस्काकर दिया जाएगा ।
• कहानियों के आधार पर जीतने वाले दो सर्वोत्तवम पाठों को 1,000/-रुपये का पुरस्कासर दिया जाएगा ।

निबंधन एवं शर्तों, तकनीकी मानदंडों और मूल्यांकन मानदंडों पर अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें ।

इस कार्य के लिए प्राप्त हुई प्रविष्टियाँ
639
कुल
615
स्वीकृत
24
समीक्षाधीन
615 सबमिशन दिखा रहा है
Ankita sarda
Ankita sarda 9 साल 1 week पहले

Seen her through all highs and lows,
Since my birth super mom she is what I know.
She faced the harsh domestic violence,
She had to hear all the non sense.
She kept calm and did not react,
Never let these adversities made our future affect.
She knew there will come a day,
There will be sunshine after the doomsday.
She is calm and has confidence,
She depicts how to face a menace
I salute MAA for what you have gone through,
You showed how in desert one can search for a drop of dew.

atul_gautam1989@yahoo.com
atul gautam 9 साल 1 week पहले

एक माँ का ही रिश्ता कुदरत ने बनाया हैं बच्चा और पौधा एक जैसे है
जैसे हर पोधे को हवा लगती है चाहे वह वायु प्रदूषित हो या ना हो पौधा बढ़ता है अगर उसके माली ने ठीक खाद का उपयोग किया हो चाहे वह खाद कितनी ही कड़वी या पोधे के लिए अप्रिय हो लेकिन पौधा उसी खाद के द्वारा बढ़ता है जो उसके माली ने प्रदूषित हवा और कीटों से बचाने के लिए डाली हो
ठीक उसी प्रकार माँ भी अपने बच्चे मे खाद रूपी संस्कार डालती है और उन्ही संस्कारों की वजह से बच्चा समाज मे फैली बुराइओं से बचता है और समाज को आगे ले जाता है

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Chatterjee57
Shankar Chatterjee 9 साल 1 week पहले

A Story of elderly poor mother: This real story depicting the fact that how an elderly mother takes care of her son and her sick-husband. She is the source of inspiration in the village as her earning (by making and selling Murri puffed rice) has greatly helped the family. I request our esteemed readers kindly to read this small story based on reality.

g_kushagra@rediffmail.com
g_kushagra@rediffmail.com 9 साल 1 week पहले

मैं #MinistryWCD का बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे #SunoMaaKiKahani के रूप में एक माध्यम प्रदान किया जिससे मैं सिर्फ #MothersDay पर ही नहीं बल्कि हर दिन अपनी माँ पर गर्व महसूस कर सकू| दुनिया की हर माँ संसार के लिए प्राणवायु से भी आवश्यक व चहीती है| धन्यवाद #MyGov इस अभिव्यक्ति का माध्यम बन्ने के लिए. देश में हर माँ एक देवी का काम कर सकती है, बस उचित साहस व निडरता कि आवश्यकता है| मैंने अपनी कहानी नीचे लिखी है|

Sudhamani
Sudhamani 9 साल 1 week पहले

Around 1993 we lived in Tirupati. There in a family, a daughter was married and went into coma after surgery to her head due to some illness.When she came out of coma she was very weak and unable to walk.Then HER MOTHER LOOKED AFTER HER DAUGHTER AS SHE WERE A CHILD AND ASSISTED HER IMMENSELY and NURSED HER TO RECOVER AND BECOME NORMAL.The daughter's husband played his role by keeping up her spirits by visiting her (in mother's place) daily and spending quality time with his wife.

Sudhamani
Sudhamani 9 साल 1 week पहले

Around 1928 my great grand mother lived with 6 daughters and 1 son and worthless husband.1st to 4th daughters were married.3rd one became a widow at age 4.4th one had a immature husband who died very early.My g.g.m took her kids to other state.There she worked as a cook and brought up her children without the help of her husband.SHE EDUCATED HER TWO WIDOW DAUGHTERS AND GOT THEM TRAINED TO BE TEACHERS IN SCHOOL TO BE INDEPENDENT.They together, later, educated 4 of their nephews to be employed.

namita joshi_2
namita joshi_2 9 साल 1 week पहले

In this world only a thing is made by God itself is maa, most beautiful.i have been writing about her all my essays but the problem is that I can not express how I feel about her in the words.She is not just a woman but she is extraordinary.my world doesn't revolve around her but her influence predominates me.she explains everything with so much ease like she knows everything.her simplicity is the costliest thing in this world.she is my pillars of support.i thank her for being with me.

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