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मातृ दिवस के अवसर पर ''सुनो मां की कहानी'' साझा करने की प्रतियोगिता

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मातृ दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ बेटी ...
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मातृ दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीयम के अंतर्गत कहानी साझा करने की प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है :
प्रतियोगिता के बारे में :-
नाम : सुनो मां की कहानी
हैशटैग : #SunoMaaKiKahaani; #BetiBachaoBetiPadhao; #WCDMin4Women
अंतिम तिथि : 06 जून, 2016
प्रस्तुति की विधि: वीडियो (60 सैकेंड की अवधि)/लेख (अधिकतम 200 शब्दं)
संकल्पना
मातृ दिवस परिवार में माता को, मातृ संबंधों को तथा समाज में माताओं के प्रभाव को सम्मानित करने के लिए प्रत्येक वर्ष मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है । यह माता के प्रति प्याजर, सम्माबन एवं देखरेख दर्शाने का अवसर होता है ।
मातृ दिवस आयोजन करने की भावना से, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार माताओं के बारे में कहानियां आमंत्रित करके एक प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है । एक माह की अवधि वाली यह प्रतियोगिता 08 मई, 2016 से शुरू होकर 06 जून, 2016 को समाप्त होगी।
यह अभियान ऐसी माताओं के बारे में लघु कथाएं/कहानियां साझा करना है, जिन्होंरने जेंडर रूढ़िवादिता का विरोध किया, महिला-पुरुष भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाई और महिला-पुरुष समानता एवं सशक्तीोकरण का समर्थन करके बच्चोंल के विचारों को बढ़ावा दिया। इस कहानी ने एक दीर्घकालीन प्रभाव छोड़ा हो और परिणामस्वणरूप उसके परिवार और/अथवा व्याोपक रूप से समाज की सोच में बदलाव किया हो। प्रस्ताववना इस तथ्यस पर आधारित है कि बच्चोंि का संबंध मां के साथ सबसे घनिष्ठा होता है और उनके व्यावहार एवं प्रवृत्तिि बनाने में सबसे अधिक प्रभावशाली होता है । माता प्रेरणा का स्रोत और अपने बच्चोंा के लिए आदर्श भी होती हैं। जब एक मां के बारे में कोई लघु कथा या कहानी कही जाती है, वह समाज की सोच में एक सकारात्म क बदलाव लाने के लिए उत्प्रे रक के रूप में उपयोग की जा सकती है ।
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य माताओं के बारे में कहानियां साझा करना, बड़ी संख्याव में लोगों को जोड़ना, आपसी संवाद को प्रोत्साीहित करना, पुरुषों एवं लड़कों को संवेदनशील बनाना और बेटी को सशक्तल करने के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना है। यह पहल महिलाओं के साथ भेदभाव, असमानता एवं नि:शक्तीवकरण के विरूद्ध संवाद स्थापित करने के लिए अवसर प्रदान करना है जिसके परिणामस्व रूप समाज में सकारात्मकक बदलाव आ सके।
कहानियां साझा करने हेतु कुछ सुझाए गए विषय जैसे महिला-पुरुष समानता और सशक्तीकरण,लिंग भेदभाव, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयां इत्यादि हैं
आइये! हम प्रत्येक माता का केवल इस मातृ दिवस पर ही नहीं बल्कि वर्षभर नमन और सम्मान करें ।
पुरस्कांर
• कहानियों के आधार पर जीतने वाले दो सर्वोत्तवम वीडियो को 2,500/-रुपये का पुरस्काकर दिया जाएगा ।
• कहानियों के आधार पर जीतने वाले दो सर्वोत्तवम पाठों को 1,000/-रुपये का पुरस्कासर दिया जाएगा ।
निबंधन एवं शर्तों, तकनीकी मानदंडों और मूल्यांकन मानदंडों पर अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें ।
This is the story how a daughter get misunderstanding her mother and how to realize her mother's motherhood...... What is role of a daughter's friend to make her realize the mistakes and re accepting the mother-A real story
My mother's story
Maa ek aisa word hai jise likh k bayan nhi kiya ja sakta.Lekin fir v chhote se sbbdon me kah sata hun ki Maa nshib walon ko hi milti hai Maa wo hai hai jo aapke chhote se chhote paresaniyo k karan aapse v jyada paresan ho chahe aap chhote hon ya apne umar ke aakhri parao pe ye hamesa aapke hi bhalai k bare me sonchegi.Waise kaha jaye to Bharat Mata(Hamari Jannm Bhumi) or apni Maa me koi antar nahi ek wo hai jo apne pet se jannam deti hai or ekk sari jindagi aapka bojh sambhalti hai.
Love U Maa
I am the mother of a son and a daughter. I have groomed my children equally with good education and values. My son respects all women and loves his sister so much that he started his business in his sister's name.
Written by Arpita Datta
Dedicated to my mother ( and all mothers)
Raj Kukreja
Karnal
Suggestion : Let us not promote this alien western concept of celebrating Mothers Day for one day in a year and then forgetting her for remaining 364 days. For each Bharatwasi, every day of year is Mothers and Fathers Day.Let us promote all swadeshi Parv and Utsav, like Pitra-Paksha(remembering ancestors), Vat-Savitri Vrat(wife-husband devotion to each other), Ram-Bharat(devotion of one brother to another), Shravan Kumar(devotion of son to parents),Lakshman-Sita (respect for Bhabhi), etc.
#SunoMaaKiKahaani, #BetiBachaoBetiPadhao, #MinistryWCD, #MyGov, #MothersDay
Everyday is mothers' day! :)
I hope that every mother comes across a shade of her own life while reading the several submissions amassed here, and that brings a gentle smile to her face. In the end, without our mothers, none of us would be here.
#SunoMaaKiKahaani, #BetiBachaoBetiPadhao, #MinistryWCD, #MyGov, #MothersDay
My maid
Gomathiamma joined me at the age of 55 for household work. She was a very pleasant and graceful lady, sincere to the core. A hot cup of black coffee from her hands—that was how my day started. Her life story is attached here.