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“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना के एसएमएस अभियान हेतु विषयवस्तु सुझाने के लिए प्रतियोगिता

आरंभ करने की तिथि :
Nov 11, 2014
अंतिम तिथि :
Nov 30, 2014
18:30 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अपनी “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के ...

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अपनी “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के एसएमएस अभियान हेतु ऐसी विषयवस्तु सुझाने के लिए आपको आमंत्रित करता है जो लोगों को घटते बाल लिंगानुपात, लड़कियों को बचाने एवं महत्व देने, उनको शिक्षित करने एवं उनके सशक्तींकरण के बारे में जागरूक बना सके।

इस योजना का उद्देश्या बाल लिंगानुपात में सुधार लाने, बालिका के महत्व‍ और उनके सशक्तिकरण में शिक्षा के महत्व को समझाने के लिए समन्वित और संमिलित प्रयास करना है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियान न केवल घटते बाल लिंगानुपात जैसी गंभीर विषयों पर आम जनता का ध्या न आकर्षित करते हैं अपितु शिक्षा प्रदान कर बेटियों को सशक्त् बनाने के लिए भी उनको प्रेरित करते हैं और उनकी सोच में परिवर्तन लाते हैं। यह उम्मीिद है कि इसके परिणामस्व रूप लड़कियों की जन्म दर में वृद्धि होगी, लड़की और लड़के में भेदभाव न करते हुए उनका भी प्यार से पालन-पोषण किया जाएगा, उन्हें भी शिक्षा का अधिकार होगा, उन्हें सामान अधिकार एवं अवसर प्राप्त होंगे जो उन्हें देश का सशक्ता नागरिक बनाएँगे।

विजेता एसएमएस का प्रयोग “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान में किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्या बेटियों को महत्व, देना और उनके सशक्तिकरण में शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।

प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2014 है।

6 विजेता प्रविष्टियों को रु. 5000/- का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

नियम एवं शर्तों, तकनीकी प्राचल एवं मूल्‍यांकन के मापदंडों के बारे में अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त करें।

कार्य के मॉडरेटर

बर्नाली दास
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
ई-मेल: pmubbbp@gmail.com

इस कार्य के लिए प्राप्त हुई प्रविष्टियाँ
1993
कुल
1943
स्वीकृत
50
समीक्षाधीन
1943 सबमिशन दिखा रहा है
pateldivyesh6859@yahoo.in
Divyesh Patel 10 साल 6 महीने पहले

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ss123789@gmail.com
DEEPAK VERMA 10 साल 6 महीने पहले

FIRST OF ALL,WE SHOULD CHANGE SURROUNDED ATMOSPHERE AS LIKE SCHOOL & COLONIES. GOVERNMENT SHOULD ADD SELF DEFENCE CHAPTER IN SCHOOL. MOST OF THING IS THAT, GOVERNMENT SHOULD START DOOR TO DOOR SURVEY PROGRAM FOR PERFECT AWARENESS IN PUBLIC.

monugap@gmail.com
Mukesh Choudhary 10 साल 6 महीने पहले

जब घर में बेटो के बराबर समझी जाती है बेटियां, तब दुर्गा और लक्ष्मी बनती है उस घर की बेटियां

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itsmemahita@gmail.com
Mahita Gupta 10 साल 6 महीने पहले

उच्च शिक्षा उच्च ज्ञान
बेटी है अभिमान
बिन बेटी नही निर्माण

vc_agrawal1959@yahoo.co.in
Vikas Agrawal 10 साल 6 महीने पहले

Girl Child Survival

आशाओं की कली हूँ मैं
मुझको भी खिलने दो
मैं प्यार हूँ तुम्हारा
मुझको भी जीने दो

mansia27@gmail.com
prabhjeet singh 10 साल 6 महीने पहले

save the future mothers of our generation. if our child's mother is uneducated who will educate him?

chetnagarments@gmail.com
Ajay Aggarwal 10 साल 6 महीने पहले

कोमल सुन्दर निर्मल है बेटी
शांति का पैगाम है बेटी
बेटों से बढ़कर है बेटी

saurabhdwivedioo@yahoo.com
Saurabh Dwivedi 10 साल 6 महीने पहले

A "Ministry of Women Affairs" should be formed to address the specific needs and support to the female population of the country,headed by a Woman, to take care of various issues of women and girls.

agrawalmahima17@gmail.com
mahima agrawal 10 साल 6 महीने पहले

On girl education

मै चिड़िया तेरे आँगन की
खुले गगन में उड़ने दो
छूने दो मुझे नित नयी उचाइयां
अपना नाम रोशन करने दो

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