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भारत के भौगोलिक संकेतों के लिए लोगो डिजाइन प्रतियोगिता
भौगोलिक संकेत (जीआई) मुख्यतः एक कृषि, प्राकृतिक या एक विनिर्मित ...
भौगोलिक संकेत (जीआई) मुख्यतः एक कृषि, प्राकृतिक या एक विनिर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होता है। किसी विशेष क्षेत्र से होने वाले हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान भारत की सांस्कृतिक और सामूहिक बौद्धिक विरासत का एक अभिन्न अंग है, जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता है
आमतौर पर इस तरह के नाम से गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन व पहचान दिया जाता है जो कि निर्धारित भौगोलिक इलाके में अपने मूल के कारण प्रसिद्ध होता है।
पंजीकृत भारतीय भौगोलिक संकेतों में से कुछ एक उदाहरण मसलन दार्जिलिंग चाय, तिरुपति लड्डू, कांगड़ा पेंटिग्स, नागपुर ऑरेंज आदि हैं। यहां ऐसे सभी जीआई की सूची यहां देखी जा सकती है। http://www.ipindia.nic.in/registered-gls.htm
भौगोलिक संकेत(जीआई) रजिस्टर क्यों करें?
• यह भारत में जीआई के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, जो बदले में निर्यात को बढ़ावा देता है।
• यह दूसरों के द्वारा पंजीकृत जीआई के अनाधिकृत इस्तेमाल को रोकता है।
• यह जीआई उत्पादों के निर्माताओं की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार आने वाले दिनों मे एक प्रमाणित जीआई चिह्न / लोगो पेश करेगी जो सभी पंजीकृत जीआई की पहचान के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं
यही वजह है कि इस संबंध में, डीआईपीपी के तत्वावधान में आईपीआर संवर्धन और प्रबंधन के लिए सेल, भारत के जीआई के लिए एक लोगो / प्रमाणित चिह्न डिजाइन करने के लिए प्रविष्टियों को आमंत्रित करता है।
जाहिर है लोगो , आकर्षक होना चाहिए और भारत के जीआई का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। जीतने वाली प्रविष्टि को 50,000 / रुपये मात्र की राशि दी जाएगी।
प्रतिभागियों के लिए लोगो प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि: 17.11.2017, शाम 5 बजे है|
प्रतियोगिता के नियम और शर्तों के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं।