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ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तीसरे चरण के लिए मसौदा विजन डाक्यूमेंट हेतु सुझावों का आमंत्रण

आरंभ करने की तिथि :
Apr 08, 2021
अंतिम तिथि :
May 31, 2021
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी, ई-कोर्ट्स परियोजना के कार्यान्वयन की ...

सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी, ई-कोर्ट्स परियोजना के कार्यान्वयन की देखरेख कर रही है, इसकी अवधारणा "भारतीय न्यायपालिका -2005 में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना" के तहत की गयी है। यह विधि कार्य विभाग द्वारा शुरु किया गया मिशन मोड प्रोजेक्ट है।

ई-समिति पिछले पंद्रह वर्षों में अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के रूप में विकसित हुई है। ई-समिति के उद्देश्य निम्नलिखित है :
• देश भर के सभी न्यायालयों की इंटरलिंकिंग।
• भारतीय न्यायिक प्रणाली को आईसीटी सक्षम करना।
• न्यायिक उत्पादकता को बढ़ाना।
• न्याय वितरण प्रणाली को सुलभ, लागत प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना।
• नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करना।

दूसरा चरण जल्द ही खत्म होने वाला है इसलिए तीसरे चरण के लिए मसौदा दस्तावेज तैयार किया गया है। यह मसौदा विजन डॉक्यूमेंट ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण में अदालतों के लिए एक समावेशी, चुस्त और खुला और उपयोगकर्ता-केंद्रित विजन को रेखांकित करता है।

तीसरा चरण डिजिटल अदालतों को सिर्फ ऑफलाइन प्रक्रियाओं को डिजिटल रुप से दोहराने से अधिक सेवा प्रदान करने का विजन रखता है। न्यायपालिका में प्रौद्योगिकी का उपयोग गांधीवादी विचारधार के दो पहलुओं के समावेश पर आधारित है जोकि पहुंच और समावेश हैं। इसके अलावा मुख्य संस्थापक दृष्टि के रुप में विश्वास, सहानुभूति और स्थिरता, पारदर्शिता के सिद्धांत का भी समावेश है।

परियोजना के पहले तथा दूसरे चरण में की गई प्रगति के आधार पर यह दस्तावेज अदालतों के डिजिटलीकरण को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है (a) प्रक्रियाओं को सरल करना, (b) एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, और (c) सही संस्थागत एवं शासन फ्रेमवर्क का निर्माण, जैसे टेक्नॉलाजी ऑफिस इत्यादि का निर्माण। यह तीसरे चरण के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाए प्रदान करने के लिए प्रमुख लक्ष्यों को प्रदर्शित करता है।

इस विजन दस्तावेज का जोर एक प्लेटफार्म बनाने पर है जो विभिन्न डिजिटल सेवाओं को समय के साथ आगे बढ़ाने में मदद करेगा। यह दस्तावेज एक इंफ्रास्ट्रक्चर अप्रोच बनाने के में मदद करेगा जिससे विभिन्न हितधारक जैसे सिविल सोसाइटी लीडर्स, विश्वविद्यालय, चिकित्सक और प्रौद्योगिकीविदों की मौजूदा क्षमता का लाभ उठाया जा सके।

ई-कमेटी, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने सभी हितधारकों से ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण के लिए मसैदा विजन डॉक्यूमेंट पर टिप्पणियों, सुझावों और इनपुट आमंत्रित करती है, ताकि अगले चरण के कार्यान्वयन की योजना बनाई जा सके।

मसौदा विजन डॉक्यूमेंट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

भेजने की अंतिम तिथि 31 मई 2021 है |