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एक मजबूत व व्यवसायिक हथकरधा क्षेत्र के विकास हेतु अपने सुझाव दें

आरंभ करने की तिथि :
Mar 03, 2020
अंतिम तिथि :
Jun 03, 2020
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

एक मजबूत व व्यवसायिक हथकरधा क्षेत्र के विकास के लिए विकास आयुक्त ...

एक मजबूत व व्यवसायिक हथकरधा क्षेत्र के विकास के लिए विकास आयुक्त (हथकरधा) कार्यालय, भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के तहत कार्यरत है ताकि हथकरधा बुनकरों के लिए सतत रोजगार सुनिश्चित हो सके। इसके समग्र लक्ष्य को निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा समझा जा सकता है:

मिशन
समावेशी विकास के लिए हथकरधा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना
तकनीकी उन्नयन के माध्यम से बुनकरों का सशक्तिकरण
घरेलू और वैश्विक बाजार की चुनौतियों का सामना करने के लिए केंद्रित, लचीला और समग्र दृष्टिकोण
वैश्विक और घरेलू बाजारों में ब्रांड निर्माण
उचित मूल्य पर कच्चे माल तक आसान पहुँच

उद्देश्य
हथकरधा बुनकरों के कल्याण समेत हथकरधा क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करना
हथकरधा बुनकरों को नए उन्नत करघे और सहायक उपकरण प्रदान करना
क्लस्टर क्षेत्रों में रियायती यार्न प्रदान करना।
विपणन, डिजाइन और उत्पादन के प्रबंधन के लिए उद्यमियों, डिजाइनरों और पेशेवरों को बाजार उन्मुख बनाना
वित्तीय संस्थानों / बैंकों से ऋण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना

कार्य
हथकरधा समूहों को विकसित करने और बुनकरों को नए करघे, सीएफसी, यार्न डिपो, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के जरिए सशक्त बनाना
एचएल क्लस्टरों में रियायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण यार्न की आसान उपलब्धता हेतु यार्न डिपो स्थापित करना
उत्पादन और विपणन गतिविधियों के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधा प्रदान करना
विकासशील फैशन और बाजार निर्देशित डिजाइन और उत्पादों के लिए क्षमता का विकास
मजबूत ब्रांडिंग और विपणन व निर्यात में निजी क्षेत्र को शामिल करके हथकरधा उत्पादों के लिए बाजार का विकास।

हैंडलूम क्राफ्ट विलेज (नई गतिविधि) की शुरुआत

पर्यटन और संस्कृति के साथ हैंडलूम के एकीकृत सतत विकास के लिए संबंधित राज्य सरकारों की मदद से इस कार्यालय की एक नई पहल है। 5 गांवों को "पर्यटक हथकरधा गांव" के रूप में विकसित किया जा रहा है:
1. सारण, जिला कुल्लू, हिमाचल प्रदेश
2. कनिहामा, बडगाम, श्रीनगर
3. रामपुर, बोधगया, बिहार
4. बोरजुरी, गोलाघाट, असम
5. कोवलम, तिरुवनंतपुरम, केरल

हथकरधा बुनकर के लिए पुरस्कार:
हथकरधा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उत्पाद तैयार करने वाले हथकरधा बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए यह कार्यालय संत कबीर पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय योग्यता प्रमाणपत्र प्रदान करता है। इस कार्यालय द्वारा हर साल ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार व्यक्तिगत बुनकरों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के विकास और उत्पादन के प्रोत्साहन हेतु प्रदान किए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर आयोजित होने वाली एक्सपो जैसी कई विपणन गतिविधियों में भी इन्हें वरीयता दी जा रही है। “वर्ष -2018” के लिए आवेदन भेजने की अंतिम तिथि 21 मार्च, 2020 तक बढ़ा दी गई है। इच्छुक आवेदक इस फ़ोरम के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में अपने विवरण के साथ अपनी प्रविष्टियाँ अग्रेषित कर सकते हैं, ताकि हमारे क्षेत्रीय कार्यालय (बुनकर सेवा केंद्र) ) की टीम आगे की जानकारी के लिए आवेदक से संपर्क कर सके।

इस श्वेत पत्र का उद्देश्य इस कार्यालय की मौजूदा गतिविधियों से संबंधित नए विचार / आइडिया और इनपुट लेना है। इस रणनीति के लिए भागीदारी प्रक्रिया के साथ-साथ केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों, नीति शोधकर्ताओं, उद्यमियों, प्रौद्योगिकी डेवलपर्स, सिविल सोसायटी समेत सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित हैं।

इस फोरम के जरिए सुझाव भेजने की अंतिम तिथि 03 जून, 2020 है।

2465 सबमिशन दिखा रहा है
Dolphy Dmello
Dolphy Dmello 5 साल 1 महीना पहले

PM sir,
Let us do better india by new ideas to serve our people.
Covid 19 bring India united for the cause.
We try to scientifically to get rid of not only Corona but all future epidemics .
We will be prepair equipped with our Make in India effectively to manufacture medicine medical equipment and export to other countries

We build our infrastructure to invite new companies worldwide to get our economy in higher note in the future yeard

hk26396@gmail.com
Harish Kumar 5 साल 1 महीना पहले

हम सब जानते है कि हैंडलूम सेक्टर में बहुत ऑप्च्युनिटीज हैं। विदेशों में भी हैंडलूम प्रोडक्ट्स की डिमांड बहुत अच्छी है। लेकिन हमारा देश इस का इतना फायदा नहीं उठा पा रहा जितना उठाना चाहिए। इसका एक मुख्य कारण है लोगों को हैंडलूम की इतनी जानकारी नहीं, आखिर क्यों? क्योंकि किसी ने उन्हें अवेयर ही नहीं किया। स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम बहुत कम है और जो है उन तक लोगो की पहुंच नहीं है। इसलिए सबसे पहले सरकार को चाहिए कि हर राज्य में कम से दो हैंडलूम यूनिवर्सिटी खोले और लोगो इस के प्रति जागरूक करें।
आगे पढे

guptaak1960@gmail.com
ARUN KUMAR GUPTA 5 साल 1 महीना पहले

People coming out in large numbers to buy liquor from liquor shops without following social distancing norms is disturbing. This is not the failure of government alone. It is mainly failure of citizens. This is mob mentality which prompted government to enforce lockdowns as people have no control on their own behaviour. This also shows that people are not yet ready to come out of lockdown even after so many days of continuous efforts of government to make them aware of risks and safeguards

guptaak1960@gmail.com
ARUN KUMAR GUPTA 5 साल 1 महीना पहले

Whenever India decides to come out of lockdown, it would not be sudden. It has to be graded relaxation and government is trying to do this. People shall have to learn to live with corona. Lockdown is a lesson to make people learn this lesson gradually.

guptaak1960@gmail.com
ARUN KUMAR GUPTA 5 साल 1 महीना पहले

DRDO has also developed UV sanitizing machine for mass sanitization at work places and malls. Hope such inventions will be able to remove fear of virus from the minds of people and help restore normalcy in days to come

guptaak1960@gmail.com
ARUN KUMAR GUPTA 5 साल 1 महीना पहले

Whenever we talk of data, some people start crying for privacy and secrecy. Another, lot cries for data theft and security. Government shall take take care of these issues while expanding #NODE . There shall be several layers in any platform. User can have access to one layer, service providers including government service providers can have access to another layer, but there shall be no access to basic data except authorised government official that too with hierarchy wise approval

guptaak1960@gmail.com
ARUN KUMAR GUPTA 5 साल 1 महीना पहले

Our responsibility is not over by following government guidelines. Our responsibility is to contribute with what we can in nation building. Contribution can be monetary in the form of taxes, can be humanitarian by helping others in need or through our services as volunteers during the natural disasters or war like situations

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