Home | MyGov

Accessibility
ऐक्सेसिबिलिटी टूल
कलर एडजस्टमेंट
टेक्स्ट साइज़
नेविगेशन एडजस्टमेंट

क्या आप स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के बारे में जानते हैं? हमें बताइए!

Know of Any Unsung Heroes of the Freedom Movement? Tell Us!
आरंभ करने की तिथि :
Aug 06, 2021
अंतिम तिथि :
Aug 15, 2022
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

भारत की आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में, भारत की ...

भारत की आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में, भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जा रही है।

इस माईगव गतिविधि के माध्यम से, हमारा लक्ष्य इतिहास को फिर से समझना और अपने स्थानीय नायकों को स्वीकार करना है, जिनके संघर्षों को स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पारंपरिक कहानियों में प्रमुखता नहीं मिली है। आइए अपने स्वतंत्रता संग्राम और इससे जुड़े गुमनाम नायकों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। यह समय है कि हम वीर गुंडाधुर, वेलु नचियार, भीकाजी कामा आदि जैसे सेनानियों के योगदान को भी जानें।

यह आपके लिए उस कहानी को बताने का मौका है जिसे आपको बताना चाहिए और उन स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिए जिन्होंने हमारे देश को स्वतंत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सभी विवरणों के साथ कहानियों को साझा करें और हमारे साथ भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं।

प्रविष्टियां कैसे जमा करें:
• सभी प्रविष्टियां www.mygov.in . के माध्यम से ऑनलाइन जमा की जानी चाहिए।
• प्रविष्टियां भेजने का कोई अन्य माध्यम स्वीकार नहीं किया जाएगा।
• गुमनाम नायकों की कहानी का उल्लेख करते हुए निम्नलिखित विवरण साझा करें ताकि हर कोई उनके बारे में जान सके:
1. नाम
2. आयु
3. पता
4. जिला
5. राज्य
6. स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के बारे में कहानियां
7. तस्वीरें (यदि कोई हो)
8. वीडियो/ऑडियो का लिंक (यदि कोई हो)

आइए भारत की आजादी के गुमनाम नायकों को पहचानें और उनका सम्मान करें!

प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 15 अगस्त 2022 है

5483 सबमिशन दिखा रहा है
Dinesh Bambhaniya
Dinesh Bambhaniya 3 साल 5 महीने पहले

Unsung hero of Goa Liberation War 1961. Gohil Rupabhai Maayabhai. He was civilian of small village Kob Gujarat near Island Of Diu, Daman and Diu. We have local story regarding this man that he was the man who have shown the secret and alternate passage to Indian Army to Infiltrate the Portuguese barriers for entering the main Island of Diu which was very difficult that time in the situation of Deployed Portugese Force.

Kumar Nitin Singh
Kumar Nitin Singh 3 साल 5 महीने पहले

Patna High Court Login User ID:- KUMARNITINSINGH Does not Activated myself Application Benefits Pending Works Request Providing Documents Mentioned Attached Submitted. Kindly Please Help Us Progress Report Proceeding Processing Work Schedule Providing Regarding through Consumer Services Do Not Delayed Response to you Sir. Three Documents Mentioned Attached Submitted Progress Report Proceeding Processing Work Schedule Providing Regarding through Consumer Services Doesn't Delayed Response to you Sir.

Chandrakala
Chandrakala 3 साल 5 महीने पहले

Namaste,
one of the unseen freedom fighter was Hardekar Manjappa. he was born at 1886 in uttara kannada. He was from poor family and participated in Swadeshi Movement. And he teached many things about satyagraha , nationalism and patriotism. Because of this reason, he get the name " Gandhi of Karnataka.

mygov_165322386657684471
komal dilip wankhade
komal dilip wankhade 3 साल 5 महीने पहले

नतमस्तक हु मे अनके चरणो मे जिनके बलीदानसे आज आझादी की सास ले रहे हम भारत वासी,, जय हिंद जय भारत●

Inderjeet Singh
Inderjeet Singh 3 साल 5 महीने पहले

शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले देश पर मरने वालों का बस यही बाकी निशा होगा।
मवाना में 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के तहत अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विशाल जुलूस निकाला गया था। एएस इंटर कालेज से आरंभ हुआ जुलूस पालिका के पास पहुंचने पर सहायक पुलिस अधीक्षक ग्लैन ने चंद्रभान को गोली मार दी थी। जिसमें वह शहीद हो गए थे। उनकी स्मृति में वर्ष 1980 को नगर में पूर्व डीएसपी स्व. ठा. रूमाल सिंह ने शहीद चंद्रभान स्मारक समिति का गठन कर पालिका के पास शहीद चंद्रभान द्वार बनवाया। समिति प्रतिवर्ष शहीद चंद्रभान प्रदर्शनी मेला भी आयोजित करती आ रही है। उनके गांव में लगभग सात सौ वर्ष पहले सबसे पहला परिवार हरियाणा से आकर बसा। उसके बाद गांव विस्तारित होता चला गया। कृषि पर आधारित गांव में देश सेवा के लिए युवा लगन व मेहनत कर रहे हैं।

mygov_16531562951421601
Narendra singh suryavanshi
Narendra singh suryavanshi 3 साल 5 महीने पहले

1870-1889 के मध्य में मध्यप्रदेश के रॉबिन हुड वह महान क्रांतिकारी, गोरिल्ला युद्ध में माहिर टंट्या मामा जो कि भील समुदाय से आते थे लेकिन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 15 सालों तक लोहा लिया व उनके स्थापित निजाम को तगड़ी चुनौती दी।
उनके गिरफ्तारी की खबर 10 नम्बर 1889 को न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हुई थी जिसमें उन्हें भारत का रॉबिन हुड वर्णित किया गया था।
4 दिसंबर 1889 को उन्हें फांसी दी गई थी।

tips | Keyboard