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चंडीगढ़ में कुशल पार्किंग सिस्टम

Efficient Parking System in Chandigarh
आरंभ करने की तिथि :
Aug 26, 2015
अंतिम तिथि :
Oct 01, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

हमारी पार्किंग व्यवस्था के साथ क्या गलत है? ...

हमारी पार्किंग व्यवस्था के साथ क्या गलत है?

सब्सिडी – आधुनिक उच्च तकनीक पार्किंग एक विरोधाभास है

चंडीगढ़ का घनत्व प्रति 1000 लोगो में 227 कारो के साथ देश में सबसे अधिक है, लेकिन पार्किंग दर देश में सबसे कम है (₹5 कार के लिए और ₹2 स्कूटर /मोटर साइकिल के लिए) यह वास्तव में पार्किंग उल्घंन की जढ़ में निहित है | पार्किंग लाइसेसधारियो के पास सी सी टी वी कैमरे, बुम बधायो और अन्य बातो के अलावा अन्य उच्च तकनीक उपकरणों में निवेश करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है | वे ज्यादा किराया लेना, क्षमता से अधिक वाहनों के लिए अनुमति देना, अन्य आर्थिक गतिविधियों की इजाजत देना, जैसे गैर क़ानूनी साधनों का सहारा लेते है |

सड़क स्थल का समान वितरण

शहर में सड़क स्थल का समान वितरण होना चाहिए | वर्तमान में सड़क स्थल का 90% जनसंख्या के 22% लोगो जिनके पास कारे है, ने ले रखी है (अथवा के द्वारा अधिकृत है ) पैदल चलने वालों और गैर मोटर चलित वाहनों के उपयोगकर्तायो को साइकिल पट्टी के आभाव में सड़क के बाहर निचोढ़ा है | यह (साइकिल पट्टी ) उनके लिए सुरक्षित नहीं है |

हमें बजाय क्या करना चाहिए?

पार्किंग दरो को उनकी आर्थिक लागत के करीब लाया जाना चाहिए | पार्किंग रिक्त स्थान के लिए उच्च शुल्क भी हमारे गाढ़ी से अपने दौरे की सीमा सीमित करेगी | यही कारण है की उत्सर्जन में कटोती के लिए भीड को कम करने, एक पक्ष प्रभाव के रूप में और भूमि के उपयोग में सुधार होगा | अगर यही भूमि डेवलपर्स (उन्नतशील) को दी जाती है तो, सरकार जो वर्तमान में कर रही है, इससे भी अधिक कमा सकती है | उच्च पार्किंग दरों से शहर के ससाधन में वृद्धि कर उसे यूरोपीय देशो की तरह सुरक्षा , इमारत समर्पित साइकिल पट्टी, हरित क्षेत्रों के विकास तथा वहां मुक्त क्षेत्र के विकास में निवेश किया जा सकता है |

लदंन, मिलन, सिंगापुर और स्टॉकहोम जैसे शहरों में भीढ़ टैक्स लगाया गया है और पार्किग को महंगा बना दिया है | चंडीगढ़ में हम अभी भी सस्ती पार्किंग में विश्वास करते है, लेकिन वास्तव में सस्ती पार्किंग जैसी कोई बात नहीं है | कोई न कोई इसका खामियाजा भुगत रहा है | हमारे मामले में प्रशासन, लेकिन किस कीमत पर

• क्या हमे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में और अधिक निवेश नहीं करना चाहिए ?
• क्या हमारे यहाँ सिंगापुर और अन्य पश्चिमी देशो की तरह समर्पित साइकिल पट्टी या पैदल रास्ते नहीं होने चाहिए?
• क्या अमीरों के लिए वास्तव में पार्किंग की सब्सिडी होनी चाहिए ?
• राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति, पार्किंग को एक सार्वजनिक सेवा के रूप में बताती है, लेकिन विवादास्पद सवाल यह है की क्या प्रशासन उन लोगों को भी इसके लिए आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए जिनकी क्षमता इसे अदा करने के लिए पर्याप्त से कही अधिक है | इस तरह के कुछ सवाल है जिसके लिए जनता की भागीदारी और गहरी विवेचना की जरूरत है |

फिर से कायम कर देना
177 सबमिशन दिखा रहा है
skbanerjee50
Dr Swapan Kumar Banerjee 9 साल 5 महीने पहले

It is vitiated by wrong parking personnel who either can't manage or overcharge for personal profit. Even a petty employee learns quickly how to squeeze more money from car-owners. Only digital recording with car numbers and issuance of receipt will ensure a fair game.

Chirag_30
Chirag_30 9 साल 5 महीने पहले

An idea to reduce corruption.

I live in Mumbai. As every where even here fine is charged on breach of law.
fine amount is above ?1000.
Only few of the people pay full fine. Rest just give ?100
which doesn't goes in government account.
daily corruption of individual person is around 1000.
monthly it goes to 30000.
It is just one person.
now u can imagine how much black money is generated.

one small advice
keep the fine just ?100
now atleast it will go in government account.
police man or other employee have to give him fine slip.
which will keep record
and will reduce the corruption in India

thank you

Ravi Kant_28
Ravi Kant_28 9 साल 5 महीने पहले

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Surya Prakash Shukla
Surya Prakash Shukla 9 साल 5 महीने पहले

dear sir madam
I am live in faridaba but one request for railway department please starts the one new train from Surat to Allahabad varansi no any tuch train in this only one train from surat and up Bihar both state so you are request please look the matter many people up and dwon Daly so please look at your end .