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नई औद्योगिक नीति तैयार करने हेतु सुझाव आमंत्रित

आरंभ करने की तिथि :
Aug 31, 2017
अंतिम तिथि :
Sep 26, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग ने मई ...

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग ने मई 2017 में एक नई औद्योगिक नीति तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की। चूंकि पिछली औद्योगिक नीति की घोषणा 1991 में हुई थी और अब भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। पिछले तीन सालों में सूक्ष्म-आर्थिक मूल सिद्धांतों और कई नियमों में व्यापक सुधार और नई रणनीतियों के जरिए भारतीय उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सका है। नई औद्योगिक नीति के तहत राष्ट्रीय विनिर्माण नीति को भी शामिल किया जाएगा।

औद्योगिक नीति तैयार करने के लिए एक परामर्शदात्री दृष्टिकोण अपनाया गया है जिसके तहत छह विषयगत समूहों से डीआईपीपी वेबसाइट पर एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के जरिए सुझाव लिया जाएगा। फोकस ग्रुप में सरकारी विभागों, औद्योगिक संगठनों, शिक्षाविदों और उद्योग की खास चुनौतियों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। छह विषयगत क्षेत्रों में विनिर्माण और एमएसएमई; प्रौद्योगिकी और नवाचार; व्यापार में सुगमता; अधोसंरचना, निवेश, व्यापार और राजकोषीय नीति और भविष्य के लिए कौशल और रोजगार शामिल हैं। भारत के आर्थिक परिवर्तन के लिए कृत्रिम इंटेलीजेंस पर एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो नीति के लिए इनपुट प्रदान करेगा।

नई औद्योगिक नीति का उद्देश्य 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देते हुए भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाना है। उन्नत विनिर्माण के लिए आईओटी, कृत्रिम इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स जैसी आधुनिक स्मार्ट प्रौद्योगिकियों का यथोचित उपयोग भी प्रस्तावित है।

इस संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रीमती निर्मला सीतारमण चेन्नई, गुवाहाटी और मुंबई में उद्योग जगत के विशिष्ट लोगों के साथ-साथ अन्य हितधारकों और राज्य सरकारों के साथ भी चर्चा करेंगी। औद्योगिक नीति की घोषणा अक्टूबर 2017 में किए जाने की संभावना है।

नई नीति को तैयार करने हेतु डीआईपीपी जनता से टिप्पणियां, प्रतिक्रिया और सुझाव आमंत्रित करती है।

सुझाव भेजने करने की अंतिम तिथि 25 सितंबर, 2017 है

560 सबमिशन दिखा रहा है
nksharmaadvisor
nksharmaadvisor 7 साल 11 महीने पहले

मेरे आदर्श एवं पूज्य श्री प्रधानमंत्री जी।मैं यह कहना चाहता हूँ कि जिस तरह पेट्रोल की कीमतें रोज निर्धारित कर दुनिया में एक मिसाल कायम की है वैसे ही व्यवसाय खोलने चलाने की अनुमति आदि में समयबद्धता का कठोरता से नियम निर्धारण कर विश्वपटल पर नाम,ऊंची रैंक,निवेश और घरेलू बम्पर वृद्धि और उद्योग जगत का विश्वास हासिल किया जा सकता है। जैसे :- बिजली का कनेक्शन के लिए ऑनलाइन अप्लाई,अप्लाई के बाद अपडेट की ऑनलाइन सूचना व हर हालत में 5 दिवस में कनेक्शन,एक महीने में जमीन आवंटन,आवेदन के 15 दिवस में सभी अनुमति

dileepservice
dileepservice 7 साल 11 महीने पहले

i suggest to make some arrangement in policy so that Indian manufacturer can be encouraged or bound to use Made in India raw material only to make the finish products. also give benefits to Indian raw material suppliers so that they can compete Chinese material suppliers in terms of quality and pricing.

csr11
csr11 7 साल 11 महीने पहले

There is no industry to produce scientific instruments in India. We are importing many crores rupees instruments. In my view Govt. should collaborate to foreign industries/Govt. to set up manufacturing unit for scientific Instruments in India. These product should buy by the Govt. for different universities and Institution. This will help in technology transfer and unemployment. Govt. may utilize their Engineers / Scientist to set up this type of manufacturing units. Indian has power. Jai Hind

Jakhar Shab
Jakhar Shab 7 साल 11 महीने पहले

Mandiro mai chadya jaane wala pesa sab un babao se le k desh k reksha buged mai laaya zaaye ..hamri army takat badai zaaye .or kissano ko ache bhaav diye zaaye ..zo andaata aage bade ga to desh sakti aage bade gi
..namskaar

bishwanath.s
bishwanath.s 7 साल 11 महीने पहले

Government should think to create some PSUs/Undertakings to provide robust platform for Starts-Ups/SMEs/Local business so that producers/suppliers/service providers and consumers/exporters/importers may get easier market for their needs and it will create ease of business environment in the country.

Hemal Dave_1
Hemal Dave_1 7 साल 11 महीने पहले

All kind of licences shouldg Given by govt itself once application received.and Land along with shad should Given by govt like China and middle east.Loan should pass with minimum papers.Tax on banking transaction.

sujitkumar v chatur
sujitkumar v chatur 7 साल 11 महीने पहले

आदरणीय मोदी सर प्रनाम,

मेरे विचार के अनुसार यदि हम सभी भारतीय स्कूल माई में खादी ड्रेस कोड लागू कर सकते हैं ?? अगर हम खादी क्रांति लागू कर सकते हैं.
सादर सुजीत

sujitkumar v chatur
sujitkumar v chatur 7 साल 11 महीने पहले

आदरणीय मोदी सर प्रनाम,

मेरे विचार के अनुसार यदि हम सभी भारतीय स्कूल माई में खादी ड्रेस कोड लागू कर सकते हैं ?? अगर हम खादी क्रांति लागू कर सकते हैं.
सादर सुजीत

sujitkumar v chatur
sujitkumar v chatur 7 साल 11 महीने पहले

आदरणीय मोदी सर प्रनाम,

मेरे विचार के अनुसार यदि हम सभी भारतीय स्कूल माई में खादी ड्रेस कोड लागू कर सकते हैं ?? अगर हम खादी क्रांति लागू कर सकते हैं.
सादर सुजीत

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