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नॉन-पर्सनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क के ड्राफ्ट पर अपने इनपुट भेजें

आरंभ करने की तिथि :
Dec 28, 2020
अंतिम तिथि :
Jan 31, 2021
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

गैर-व्यक्तिगत डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर विचार विमर्श करने के लिए ...

गैर-व्यक्तिगत डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर विचार विमर्श करने के लिए श्री क्रिस गोपालकृष्णन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन 13.09.2019 को OM No. 24 (4) 2019- CLES के अंतर्गत किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया जिसपर सार्वजनिक प्रतिक्रिया/सुझाव 13 सितंबर 2020 तक मांगी गई थी। सार्वजनिक प्रतिक्रिया/सुझावों के आधार पर, विशेषज्ञ समिति ने अपनी पिछली रिपोर्ट को संशोधित किया है और जनता के लिए दूसरे दौर का एक संशोधित मसौदा रिपोर्ट तैयार किया गया है। प्रतिक्रिया/सुझाव फीडबैक समिति को रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में मदद करेगी।

गैर-व्यक्तिगत डेटा शासन ढांचे पर विशेषज्ञों की समिति द्वारा संशोधित रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

‘यहां भेजे गए फीडबैक को गोपनीय रखा जाएगा; किसी भी स्तर पर कोई सार्वजनिक प्रकटीकरण नहीं किया जाएगा। '

सुझाव/प्रतिक्रिया भेजने की अंतिम तिथि 27 जनवरी 2021 है।

फिर से कायम कर देना
704 सबमिशन दिखा रहा है
gomathi kaviya
MANIKANDAN A 3 साल 10 महीने पहले

A Committee of Experts under the Chairmanship of Shri. Kris Gopalakrishnan has been constituted vide OM No. 24(4)2019- CLES on 13.09.2019 to deliberate on Non-Personal Data Governance Framework. The committee drafted its report which was published for Public feedback/suggestions were been sought by 13th September 2020. Based on the public feedback/suggestions, the Expert Committee has revised its earlier report and a revised draft report has been prepared for the second round of public feedback/

E-bikr
Pradeep 3 साल 10 महीने पहले

Ex-Presidents of USA like Barak Obama and Donald Trump think they can flout any country's sovereignty and abuse their diplomatic power to harm innocent Indian citizens and their families. It is my sincere request to the Government of India to take severe diplomatic action against these politicians. It seems like they only care about their own families and nothing else like uneducated thugs.

Nidhin_63
Nidhin 3 साल 10 महीने पहले

Reapected Modiji, Banks like HDFC,Axis Bank, ICICI Bank.etc born on public equity shares compulsorily receive 12 blank bank cheques in advance from loan applicant &these cheque is placed for clearance by bank on EMI date&if not paid then cheque bounces& Rs.500 charged as Bouncing Charges & Banks mint millions ie.1lakh loan customer fail to pay one month EMI these Banks earn =1,00,000/x Rs.500 = Rs.5,00,00,000/month.I request to prepare data on loss of public money & prohibit cheque acceptance