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फास्ट ट्रैक इन्सॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया विनियमों के लिए सुझाव आमंत्रित

Suggestions Invited for Regulations for Fast Track Insolvency Resolution Process
आरंभ करने की तिथि :
Apr 18, 2017
अंतिम तिथि :
May 08, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने श्री एन के भोला, क्षेत्रीय निदेशक ...

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने श्री एन के भोला, क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर), एमसीए की अध्यक्षता में एक कार्य समूह का गठन इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी संहिता, 2016 के अंतर्गत दिवालियापन और परिसमापन प्रक्रिया के लिए नियमों और विनियमों और अन्य संबंधित मामलों पर अपनी सिफारिशे प्रस्तुत करने के जनादेश के साथ किया था। इस कार्य समूह ने पहले कॉर्पोरेट स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया के लिए मसौदा नियम बनाये थे। इन ड्राफ्ट्स के आधार पर और उन पर प्राप्त सार्वजनिक टिप्पणियों पर विचार करने और उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ़ इंडिया ने 31 मार्च, 2017 को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ़ इंडिया (वॉलंटरी लिक्विडेशन प्रोसेस) विनियम अधिसूचित किये हैं।

इस कार्य समूह ने अब फास्ट ट्रैक कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रोसेस ऑफ़ कॉर्पोरेट पर्सन्स के लिए मसौदा विनियम प्रस्तुत कर दिए हैं। यह विनियम एक निश्चित स्तर के नीचे की आय अथवा सम्पत्तियों वाले कॉर्पोरेट देनदारों अथवा ऋण की ऐसी राशि अथवा कॉर्पोरेट व्यक्तियों की ऐसी श्रेणियों पर लागू होंगे, जो केंद्र सरकार इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की धारा 55 (2) के तहत अधिसूचित करे। फास्ट ट्रैक विनियमन के तहत समाधान प्रक्रिया दिवालिया होने की तारीख से 90 दिनों की अवधि में पूरी की जाएगी जिसे कुछ परिस्थितियों में प्राधिकरण के अधिकारियों की अनुमति से 45 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

कोड की धारा 55 (2) के तहत, केंद्र सरकार ऐसी श्रेणियां अधिसूचित कर सकती है जिन पर फास्ट ट्रैक कॉरपोरेट दिवालियापन प्रस्ताव प्रक्रिया विनियम लागू होंगे। कार्य समूह ने फास्ट ट्रैक विनियम लागू करने के लिए कॉर्पोरेट व्यक्तियों की 3 श्रेणियां सुझाई है अर्थात छोटी कंपनियां, जैसा कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 उपधारा (85) में उल्लिखित है, कंपनियां / एलएलपी जिसने 2 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि नहीं उधार ली है और डीआईपीपी अधिसूचना -180 (ई) दिनांक 17.02.2016 में परिभाषित स्टार्ट-अप।

फास्ट ट्रैक कॉर्पोरेट रेज़ोल्यूशन और पात्र कॉर्पोरेट व्यक्तियों पर मसौदा नियमों पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, ड्राफ़्ट विनियमो के प्रत्येक प्रावधान पर टिप्पणियां आमंत्रित की जाती है। ड्राफ़्ट विनियम माईगोव पर यहां उपलब्ध हैं। सुझाव प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख 8 मई, 2017 है।

फास्ट ट्रैक कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रोसेस ऑफ़ कॉर्पोरेट पर्सन्स पर ड्राफ़्ट विनियम पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पात्र कॉर्पोरेट ऋणदाताओं के लिए ड्राफ्ट अधिसूचना पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

104 सबमिशन दिखा रहा है
Ananda Dass_1
Ananda Dass 8 साल 2 महीने पहले

More qualified ppl should involve by PMO to understand the requirements with respect to current global scenario

Rahul Kedia_5
Rahul Kedia 8 साल 2 महीने पहले

व्यापारी वर्ग न तो सरकार से आरक्षण मांग रहा है और न ही कोई सब्सिडी । लेकिन रिटायरमेंट के बाद सम्मान से जीने का अधिकार तो उसे भी मिलना चाहिए ।

Rahul Kedia_5
Rahul Kedia 8 साल 2 महीने पहले

उसके भविष्य व् रिटायरमेंट के बारे सरकारें क्यों नहीँ कानून बनाती । क्या व्यापारी सारी जिंदगी बंधुआ की तरह मुफ़्त में सरकार का टैक्स इकठा करके जमा करवाता रहेगा ?

हर व्यापारी को उसके द्वारा जमा करवाए GST व् INCOME TAX पर 10% के हिसाब से कमीशन मिलना चाहिए, जो कि उनके अकाउन्ट में DIRECT जमा हो जाए और P.F. की भांति उस पर ब्याज मिलना चाहिए । यह अमाउंट इन्कम टैक्स से मुक्त हो, ताकि इस राशि का उपयोग वह अपने रिटायरमेंट के बाद या व्यापार कार्य छोड़ने के उपरान्त पैंशन के तौर पर इस्तेमाल कर सके ।

Rahul Kedia_5
Rahul Kedia 8 साल 2 महीने पहले

अन्यथा JAIL जाओ ।

इस देश में सारे कानून कायदे व्यापारियों पर ही क्यों लागु किये जाते है जबकि व्यापारी की देश के योगदान में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।व्यापारी टैक्स COLLECT करता है, फिर उसका हिसाब रखता है और सरकार को टैक्स जमा करवाता है, फिर भी व्यापारी चोर कहलाता है ।
सरकारी अधिकारियों को साठ वर्ष बाद व् सांसदो, विधायकों को उनके निर्वत होने पर चाहे कोई भी ऊम्र हो, तुरन्त पैंसन मिलनी शुरू हो जाती है ।
एक व्यापारी जो सारी जिंदगी लोगों को रोजगार व् टैक्स देते देते बुढ़ा हो जाता है

Rahul Kedia_5
Rahul Kedia 8 साल 2 महीने पहले

3. दर बढ़ाने का निर्णय पार्लियामेंट करे क्योंकि टैक्स की दर पुरे देश के लिये होगी । किसी अकेले मन्त्री को अपनी मनमर्जी से टैक्स बढ़ाने का अधिकार नहीँ होना चाहिये ।

4. टैक्स अदायगी में देरी होने पर या हिसाब किताब में गड़बड़ी पाये जाने पर व्यापारियों को पांच वर्ष की सजा का प्रावधान रखा गया है, जो कि सरासर ग़लत है ।
इससे व्यापारी भाइयों पर बहुत भारी मुसीबत आने वाली है ।
अफ़सर स्टॉक का पूरा हिसाब किताब मांगेगा । उदाहरण के तौर पर आपने पानी कितना पिया और URINE कितना किया ।

Rahul Kedia_5
Rahul Kedia 8 साल 2 महीने पहले

सभी व्यापारी बंधु इस मैसेज को अधिक सेअधिक शेयर करे.
1. GST लागु होने के पश्चात् किसी भी स्टेट को अलग से कोई टैक्स लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए । जैसा कि कुछ स्टेटों ने अभी से ENTRY TAX अलग से लगाने की आवाज उठा दी है ।

2. GST की दर जो भी रखी जाए, उसमें पांच वर्ष से पहले संशोधन न हो, जैसा कि पिछले दो वर्षों में सर्विस टैक्स की दर 12% से बढ़ाकर 15% तक कर दी गई है

Viresh Singhal
Viresh Singhal 8 साल 2 महीने पहले

Our govt is not going good on on external affairs front...
हमले में 26 जवान शहीद, 6 घायल, 8 लापता

4-5 नक्सली भी मारे गए, शहीदों के हथियार लूटे

पिछले माह भी इसी जिले में हुए थे 12 जवान शहीद

जगदलपुर, 24 मार्च। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आज दोपहर पुलिस व नक्सलियों के मध्य हुयी मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद एवं 6 जवान घायल हो गए हैं। पुलिस ने मुठभेड़ में 4-5 नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया है। नक्सली शहीद जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए। हमले के बाद से 8 जवान लापता हैं।

ovgnanaprakash@gmail.com
o v gnana prakash 8 साल 2 महीने पहले

Opening and closing of business is as good as moving in a private vehicle on your own today. Things should not be so easy and can not cheat public just as some one wish. Insolvant and applicant(s) should be punished and settlement should be faster by undertaking some assests. Every business entity should undergo Insurance to substantiate their loss in case of any and to satisfy vendors and staff.

ovgnanaprakash@gmail.com
o v gnana prakash 8 साल 2 महीने पहले

Highest punishment to be imposed for duplicating data. Culprits be it Accountant, Auditor etc should be taken to task. Insolvant and their co applicants should be barred for performing business in any kind atleast 3-5 years depending on the value. They should be employed in a lower cader, government should ensure they earn and pay taxes promptly and feel the pain of employees if they lift up their business in one day.

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