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भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल महासंघों में उनकी स्वायत्तता के साथ पारदर्शिता और सुशासन को सुनिश्चित कैसे करें?

How to ensure transparency and good governance in Indian Olympic Association and National Sports Federations while ensuring their autonomy?
आरंभ करने की तिथि :
May 08, 2015
अंतिम तिथि :
Jun 08, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति है और यह ...

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति है और यह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यतता प्राप्त है। अन्य बातों के साथ-साथ ओलंपिक खेलों तथा क्षेत्रीय स्पमर्धाओं जैसे राष्ट्र मंडल खेलों और एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों और टीमों को तैयार करने और उनके भाग लेने की जिम्मेेदारी आईओए की है। आईओए की अन्य जिम्मेदारियों में राष्ट्रीेय खेलों का आयोजन तय करना और ओलंपिक अभियान को बढ़ावा देना शामिल है।

राष्ट्रीय खेल परिसंघ (एनएसएफ) खेल विधाओं के संवर्धन और विकास के लिए जिम्मेिदार हैं। राष्ट्रीय चैम्पियनशिपों के आयोजन तथा विश्व चैम्पयनशिप, एशियाई चैम्पयनशिप और राष्ट्रमंडल चैम्पैयनशिप में खेल विधाओं में भारतीय खिलाड़ियों और टीमों के भाग लेने की जिम्मेरदारी संबंधित राष्ट्रीय खेल परिसंघों की है।

आईओए और राष्ट्रीय खेल परिसंघ सोसायटीज पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत स्वायत्त निकाय हैं। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय लगातार इस बात पर बल देता रहा है कि आईओए तथा राष्ट्रीीय खेल परिसंघ अपनी कार्यप्रणाली तथा अंतरराष्ट्रीाय स्परर्धाओं में भागीदारी के लिए खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करें।

आप अपनी टिप्पणियां 7 जून 2015 तक भेज सकते हैं।

187 सबमिशन दिखा रहा है
pranav pratap singh
Pranav Pratap Singh 9 साल 11 महीने पहले

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abhijeet_verma24@yahoo.in
Abhijeet Kumar Varma 10 साल 3 सप्ताह पहले

It's a different matter whether headed by some veteran sports person or by some political leader. Question is the candidate representing India in Olympic is the best the best in his/her field or is there many athletes resides who weren't getting an opportunity to demonstrate themselves. Govt. Should takes some initiatives measures in allocating the best person to achieve hopefully all golds medals in olympics by giving open auditions as some of reality shows in Tv were/are doing state wise.

Neha Sharma_10
Neha Sharma_10 10 साल 3 सप्ताह पहले

I feel the one who has struggled hard to become an ironic sportsperson and has become an inspiration for all should be made the head of Sports Authority of India. Apart from that accountability should be more enhanced. Rural children can contribute largely in making India number 1 in all the sports. Providing them with good facilities, proper meals can actually turn into an investment with huge output.

Abbinaya Kuzhanthaivel
Abbinaya Kuzhanthaivel 10 साल 3 सप्ताह पहले

" Bend the twig; not the tree." So young Indians must be identified with their talents at their school stage.Further motivations must be given to achieve their goals throughout their schooling. Parents in India fear for their children's career. As there is sports quota to join colleges..sports quota can be introduced to get job opportunities. As recently I read in the newspaper that our kabadi players winning the world cup wasn't welcomed or respected as cricketers.Ever sport must be encouraged.

rmittalmzn@gmail.com
rahul mittal 10 साल 3 सप्ताह पहले

(पार्ट 3) सर चयनकर्ता की नियुक्ति अध्यक्ष ना करे ,बल्कि जीवित पूर्व खिलाडी के पदार्पण की तिथि के कर्मनुसार शुरू के 5 खिलाडी चयनकर्ता बने  ,जो ना बनना चाहता हो तो अगले खिलाडी को मौका मिलना चाहिए ,जिस खिलाडी ने सबसे ज्यादा मैच खेले हो वोह मुख्या चयनकर्ता बने |ये क्रम आगे चलता रहे ।इस प्रक्रिया से सेलेक्टोर्स को स्वायत्ता मिलेगी ।

rmittalmzn@gmail.com
rahul mittal 10 साल 3 सप्ताह पहले

(पार्ट-2)राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव में भी इसी प्रकार 50 % वोट्स पूर्व रास्ट्रीय खिलाडी और 50 % वोट्स राज्य संघ के अध्यक्ष के होंगे| खिलाडियों की संख्या कम करने के लिए कम से कम 10 मैच खेलने की पात्रता रखी जा सकती है | इन चुनावो में नेता भी भाग ले सकते है मगर लाभ के पद और मंत्री पद पर आसीन व्यक्ति भाग नहीं ले सकता |कोई भी व्यक्ति एक पद पर 2 बार से ज्यादा ना रहे | मेरा मानना है की सभी खेल संघ rti के दाएरे में रहे और उनका हर साल कैग से ऑडिट हो चाहे वेह सर्कार से अनुदान भी ना पता हो

rmittalmzn@gmail.com
rahul mittal 10 साल 3 सप्ताह पहले

(1 पार्ट ) सबसे पहले खेल संघो के चुनाव cec की निगरानी में होने चाहिए |पहला कदम हर खेलो की जिला स्तरीय कार्यकारिणी का गठन होना चाहिए ,इस चुनाव में वोटर सम्बंधित खेल के जिले से खेलने वाले पूर्व खिलाडी होंगे |इसी प्रकार राज्य स्तरीय चुनावो में वोटर जिला संघ के अध्यक्ष और राज्य की और से खेलने वाले पूर्व खिलाडी होंगे ,दोनों के वोट्स को 50 -50 % watage मिलेगा | अगर हर जिले में चुनाव संभव नहीं हो तो  सीधे राज्य के पूर्व खिलाडियों के वोट्स के  द्वारा राज्य कार्यकारिणी गठित की जा सकती है ।

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