Home | MyGov

Accessibility
ऐक्सेसिबिलिटी टूल
कलर एडजस्टमेंट
टेक्स्ट साइज़
नेविगेशन एडजस्टमेंट

माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा की पहुंच का विस्तार करना

Extending outreach of Secondary and Senior Secondary Education
आरंभ करने की तिथि :
Jan 21, 2015
अंतिम तिथि :
Nov 01, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

हाल के वर्षों में प्रारंभिक शिक्षा में विशेष तौर पर लाभवंचित समूहों ...

हाल के वर्षों में प्रारंभिक शिक्षा में विशेष तौर पर लाभवंचित समूहों के नामांकन में आकस्मिक वृद्धि और रिटेंशन तथा ट्रांज़ीशन दरों में सुधार के चलते माध्यमिक स्कूलों पर, अधिक बच्चों को दाखिला देने का दबाव बढ़ रहा है। आरटीई अधिनियम लागू होने और रिटेंशन और ट्रांजीशन दरों में और अधिक सुधार होने के कारण आगामी वर्षों में माध्यमिक शिक्षा की मांग तेजी से बढ़ेगी। इस विचार-विमर्श ग्रुप का उद्देश्य यह आकलन करना है कि 4-18 वर्ष के आयु समूह की लक्षित आबादी को हमने किस सीमा तक गुणवत्तापरक शिक्षा किफायती तरीके से उपलब्ध और सुलभ कराई है। पूरे देश में प्रारंभिक शिक्षा के बाद की शिक्षा तक पहुंच को कैसे बढ़ाया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा उसकी स्कूली शिक्षा पूरी करने के अवसर से वंचित न रहे। विशेष रूप से, माध्यमिक शिक्षा में भौगोलिक और सामाजिक विषमताओं को हम कैसे दूर कर सकते हैं।

फिर से कायम कर देना
920 सबमिशन दिखा रहा है
kanha_1
kanha_1 9 साल 4 महीने पहले

CBSE should allow some flexibility in opting the subjects in class 11 and 12. There should be not a compulsion in subjects like PCM or PCB.... Can't a student opt for subjects like Physics, Economics and Sanskrit together ? The interest of student matters. Suppose a child likes economics, physics and chemistry but nor maths or bio.. so what he\she should do ? this is the main reason of dilemma of students after 10th. Students should be freely given option to choose any of subjects he\she likes