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राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष नीति के 5वें मसौदे पर सुझाव आमंत्रित

आरंभ करने की तिथि :
Jan 10, 2021
अंतिम तिथि :
Jan 25, 2021
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

जब भारत तथा विश्व कोरोना संकट के साथ ही फिर से खुल रहा है, तब इस ...

जब भारत तथा विश्व कोरोना संकट के साथ ही फिर से खुल रहा है, तब इस महत्वपूर्ण मोड़ पर 2020 के बीच में एक नयी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति पर काम शुरू किया गया था। भारत को स्थायी विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए, आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए पर्यावरणीय स्थिरता, पारंपरिक ज्ञान और स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और जमीनी स्तर पर इनोवेशन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। विनाशकारी तथा प्रभावकारी प्रौद्योगिकियों से नयी चुनौतियों के साथ-साथ नए अवसर भी पैदा होते हैं। कोरोना महामारी ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट संस्थानों, शिक्षा और उद्योग, तालमेल, सहयोग की भावना के साथ काम करने का अवसर प्रदान किया है।

नए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इनोवेशन पॉलिसी का उद्देश्य अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक मिशन मोड परियोजनाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण बदलाव लाना है। इससे एक ऐसे इकोसिस्टम का निर्माण होगा जो व्यक्तियों तथा संगठनों दोनों के अनुसंधान और इनोवेशन को बढ़ावा देगा। इसका उद्देश्य भारत में एविडेंस तथा हितधारक संचालित एसटीआई योजना, सूचना, मूल्यांकन और नीति अनुसंधान के लिए एक मजबूत प्रणाली को विकसित और पोषित तथा बढ़ावा देना है। नीति का उद्देश्य देश के सामाजिक आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने के लिए भारतीय एसटीआई इकोसिस्टम की शक्तियों और कमजोरियों की पहचान करना, उनका पता लगाना और भारतीय एसटीआई इकोसिस्टम को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।

एसटीपी की नई पॉलिसी विकेंद्रीकृत होने के मूल सिद्धांतों, एविडेंस इंफार्मड, बॉटम अप, विशेषज्ञों तथा समावेश के इर्द-गिर्द घूमती है। इसका उद्देश्य कार्यान्वयन पॉलिसी, पीरियॉडिक रिव्यू, पॉलिसी मूल्यांकन, फीडबैक और अडॉप्टेशन जैसी विशेषताओं को शामिल करते हुए मजबूत पॉलिसी शासन तंत्र के साथ गतिशील नीति की अवधारणा को लाना है और सबसे महत्वपूर्ण है कि यह विभिन्न पॉलिसी के लिए यह समयबद्ध एक्जिट रणनीति तैयार करेगी।

मई 2020 से शुरू हुए 6 महीने के परामर्श तथा एक 4 ट्रैक प्रोसेस के बाद एसटीपी पॉलिसी दस्तावेज को अंतिम रूप दिया गया है, और यहा रखा गया है। इस प्रक्रिया में अब तक 40,000 हितधारकों के साथ 300 राउंड का परामर्श किया गया है जिसमें विभिन्न क्षेत्र, आयु, लिंग, शिक्षा, आर्थिक स्थिति आदि के हितधारक शामिल हैं। एटीआईपी सचिवालय को पीएसए, नीति आयोग और डीएसटी के कार्यालय द्वारा समन्वित, समर्थित और निर्देशित किया गया है। इसकी रचना में निर्माण प्रक्रिया, गतिविधियों और विभिन्न ट्रैकों के बीच गहन अंतर्संबंध के साथ समावेशी और सहभागी मॉडल की कल्पना की गयी है।

एसटीपी के मसौदे पर आपके सुझाव, इनपुट और टिप्पणियां पॉलिसी दस्तावेज को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण होंगी। यदि आप इस मसौदे पर अपने सुझाव 25 जनवरी 2021 तक भेज पाएंगे तो हम आपके आभारी होंगे। अपने विचार हमें इस मेल आईडी के माध्यम से भेजें। india-stip[at]gov[dot]in

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