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शून्य अभियान टाउनहॉल - इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के लिए अभिनव रणनीतियाँ

शून्य अभियान टाउनहॉल - इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के लिए अभिनव रणनीतियाँ
आरंभ करने की तिथि :
Feb 13, 2024
अंतिम तिथि :
Mar 13, 2024
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

MyGov India के साथ साझेदारी में NITI आयोग के नेतृत्व वाला शून्य अभियान, ...

MyGov India के साथ साझेदारी में NITI आयोग के नेतृत्व वाला शून्य अभियान, इलेक्ट्रिक वाहन टाउनहॉल की घोषणा करते हुए रोमांचित है, जो नागरिकों के लिए भारत में स्वच्छ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए मूल्यवान विचारों और सुझावों को साझा करने के लिए एक खुला चर्चा मंच है। टाउनहॉल इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और उनके संबंधित लाभों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें लागत बचत, स्वच्छ हवा, स्वास्थ्य लाभ और उत्सर्जन में कमी शामिल है।

इस पहल के अनुरूप, MyGov के सहयोग से NITI आयोग, नागरिकों से इनपुट आमंत्रित करता है।

शून्य अभियान के बारे में अधिक जानने और ईवीएस के लाभों की खोज करने के लिए, कृपया शून्य अभियान वेबसाइट पर जाएं www.shoonya.info

फिर से कायम कर देना
323 सबमिशन दिखा रहा है
RamKumar_4447
RamKumar 11 महीने 1 week पहले

सर जी ,
कुछ कार्य क्षेत्र है जैसे कूरियर , Food delivery , Passenger vehicles like Auto , Bus , तथा सामान सप्लाई करने वाली सेवाओं में उपयोग आने वाले वाहनों को इलैक्ट्रिक वाहनों में बदल देना चाहिए तथा इसमें एक स्पीड लिमिट भी देनी चाहिए ताकि लोग अनावश्यक स्पीड में गाड़ी न चला सकें और दुर्घटना सड़कों पर कम हो इससे वायु प्रदूषण नियंत्रण में रहेगा । पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग कम होगा। क्योंकि इस क्षेत्र में काम करने वाले वाहन दिन भर में कई चक्कर लगाते हैं जिससे प्रदूषण और सड़क दुघर्टना ज्यादा होती है
धन्यवाद

Sharath Kashyap R
Sharath Kashyap R 11 महीने 2 सप्ताह पहले

My suggestion is, By just introducing the online courses of foreign universities in India, like MS degree of foreign Universities in India alone won’t stop students from going to foreign countries to pursue higher education. Reasons are as follows: 1. Low opportunities: In India, the more you study, the less qualified job you get. This is the irony. A student who has done BE & the one who has done M Tech will get almost the same package when they join a company. 2. Foreign MS degrees are not valid in Indian Employment market. You won’t get much higher package also when compared to the money spent to pursue those degrees. 3. Most important thing. Most of the Indian students are attracted by the system, standard of living of the so called Model towns & cities of the foreign countries. They want to settle there & lead their lives. So MS will be a permanent residence ticket for them. There are other group of students who are in love with the before mentioned students. So they go foreign.

ChanchalPatre
ChanchalPatre 11 महीने 2 सप्ताह पहले

Policy suggestions:-

EV Ownership Clinics:
Offer EV ownership clinics providing insights on maintenance, cost savings, and long-term benefits, addressing common queries and concerns.

Green Mobility Awards:
Introduce a "Green Mobility Excellence Awards" segment to recognize businesses and individuals driving EV adoption and sustainability in innovative ways.

Eco-Friendly Testimonials:
Feature testimonials from local EV owners sharing their positive experiences, building trust and credibility within the community.

kunal kishore_11
kunal kishore 11 महीने 2 सप्ताह पहले

Electric vehicle is a need of future generation .there are some point related to it.
1 Electric vehicle seminar has been organised for increase awareness intellectual people.
2 Hoarding and basnet has been hanging on public place and market.
3 Electric vehicle has been used on tourist place.it help us to clean place.
4 Awareness has been increase in tourist to clean and green tour.
5 All spiritual place has been started awareness for their devotees.

PradeepMadhesia
PradeepMadhesia 11 महीने 2 सप्ताह पहले

१ सरकार को उपयुक्त सहायिकी ( सब्सिडी) देनी चाहिए।
२ लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के पर्यावरणीय महत्व को बताया जाना चाहिए।
३ लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन पूरी तरह से सुरक्षित है यह बताया जाना चाहिए।
४ नये - नये नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों कीमत को किया जा सके।
५ इलेक्ट्रिक वाहनों पर कम से कम करारोपण किया जाना चाहिए ताकि समाज का हर वर्ग आसानी से खरीद सकें।