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स्कूल परीक्षा प्रणालियों में सुधार करना

Reforming School Examination Systems
आरंभ करने की तिथि :
Jan 22, 2015
अंतिम तिथि :
Nov 01, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

समस्या हल करने, विवेचनात्मक सोच और तर्क कौशलों पर विशेष ध्यान देने ...

समस्या हल करने, विवेचनात्मक सोच और तर्क कौशलों पर विशेष ध्यान देने वाले परीक्षा संबंधी सुधार माध्यमिक स्तर पर गुणवत्ता बेहतर बनाने लिए महत्वपूर्ण हैं। ऐसे सुधार शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं में बदलाव लाएंगे और अधिगम परिणामों को बेहतर बनाएंगे। हाल के वर्षों में, सीबीएसई ने उससे संबद्ध स्कूलों में व्यापक परीक्षा सुधार आरंभ किए हैं, जैसे कि, कक्षा-X की बोर्ड परीक्षा को वैकल्पिक बना दिया गया है, सतत् और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) सुदृढ़ किया गया है ताकि छात्रों को उनके समग्र विकास के लिए निरंतर आधार पर आंका जा सके, अंकों के स्थान पर ग्रेडि़ंग प्रणाली आरंभ की गई है। इसका उद्देश्य मौजूदा तंत्र पर ध्यान देना और ऐसे सुधारों का सुझाव देना है जिनसे छात्रों के बेहतर आकलन में मदद मिले।

1231 सबमिशन दिखा रहा है
SRINIVASARAO KANDREGULA_1
SRINIVASARAO KANDREGULA_1 9 साल 8 महीने पहले

1. It is necessary to reduce the syllabus to do justice to the new methodology and encourage the own and creative thinking which is the central ideology the present CCE system.
2. Sufficient Teaching Staff must be provided to successfully implement CCE model.
3. It is very helpful to the children to provide a tutor for remedial teaching of slow learners.

A. Aruna Kumari, HM, ZPHS, Kaza, West Godavari.

mh.pun.4871@gov.in
INDAPUR PUNE 9 साल 8 महीने पहले

सातत्यपूर्ण व सर्वंकष मूल्यमापन पध्दती योग्य आहे. मात्र या मुल्यांकन पद्धती मध्ये वस्तुनिष्ठता न राहता व्यक्तीनिष्ठता येवु शकते. या मुल्यांकन पद्धतीमध्ये प्रस्थापित प्रणालीपेक्षा सर्व घटकांना (लेखी तोंडी आणि प्रात्यक्षिक)समान गुणदान असावे.

jadhav headmaster

mh.pun.4871@gov.in
INDAPUR PUNE 9 साल 8 महीने पहले

प्रदीप गुरव गटशिक्षणाधिकारी इंदापूर

सातत्यपूर्ण व सर्वंकष मूल्यमापन पध्दती योग्य नाही. मुल्यांकन पद्धती मध्ये वस्तुनिष्ठता न राहता व्यक्तीनिष्ठता येवु शकते. या मुल्यांकन पद्धतीमध्ये प्रस्थापित प्रणालीपेक्षा सर्व घटकांना (लेखी तोंडी आणि प्रात्यक्षिक)समान गुणदान असाव. त्या ऐवजी पायाभूत चाचणी सारखी व्यवस्था असावे. ए. बी. एल. सारखी व्यवस्था असावी. इंदापूर तालुक्यात हे पाहता येईल.

vidyamandir khochi
vidyamandir khochi 9 साल 8 महीने पहले

1.need more activity basad exams.
2.Practical works should be increased.
3.written test must have more weightage.

mh.pun.185761@gov.in
PRAYAGDHAM PUNE 9 साल 8 महीने पहले

सातत्यपूर्ण व सर्वंकष मूल्यमापन पध्दती योग्य आहे. मात्र या मुल्यांकन पद्धती मध्ये वस्तुनिष्ठता न राहता व्यक्तीनिष्ठता येवु शकते. या मुल्यांकन पद्धतीमध्ये प्रस्थापित प्रणालीपेक्षा सर्व घटकांना (लेखी तोंडी आणि प्रात्यक्षिक)समान गुणदान असावे.

DEVGONDA LAXMAN KOLI
DEVGONDA LAXMAN KOLI 9 साल 8 महीने पहले

1.शालेय परीक्षा असाव्यात.
2.मुलांना अभ्यासाची सवय लागण्याच्या दृष्टीने हे गरजेचे आहे.

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