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स्कूल के मानक, मूल्यांकन एंव प्रबंधन प्रणाली

किसी भी स्कूल की गुणवत्ता मूल्यांकन एवं प्रत्यायन प्रणाली में स्कूली कामकाज के सभी पहलुओं को कवर करने की आवश्यकता है, जिसमें शैक्षिक और सह-शैक्षिक डोमेन, भौतिक बुनियादी ढांचे, संकाय प्रबंधन, स्कूल नेतृत्व, सीखने के परिणामों और विद्यार्थियों की संतुष्टि और उनके माता-पिता/अभिभावक भी शामिल है। बेहतर प्रबंधन द्वारा जिला और ब्लॉक स्तर के शिक्षा अधिकारियों के साथ ही मुख्य शिक्षकों का प्रशिक्षण, बेहतर निगरानी और स्कूल के प्रदर्शन के लिए डेटा का उपयोग करने और सामुदायिक संसाधनों और स्कूल के प्रदर्शन में सुधार करने के प्रयासों के लिए अनिवार्य तथा समझदारी स्कूलों में बेहतर प्रशासन के संतुलन कायम करने में मदद करती है। मौजूदा अनुभव क्या रहे हैं और इन्हें ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए बेहतर कैसे बनाया जा सकता है?

मॉडरेटर का नामः श्री भरत परमार, सीआईआई के प्रतिनिधि

दिन, तिथि एंव समयः सोमवार, 1 जून, 2015 शाम 5 बजे

खंडनः ये विचार वक्ताओं/ मध्यस्थों के द्वारा व्यक्त किए गए है, जो किसी भी प्रकार से मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारत सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

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Prakash KC
Prakash KC 10 साल 3 सप्ताह पहले

Implement Vidyatattvam Paddhati for the welfare of the entire society.
it is a supper system, has solutions for all problems.
will give the clean & the truthful society,This system will give you the desired results within 15-20 years.

ns.074301@gmail.com
NIDHI SHARMA 10 साल 3 सप्ताह पहले

we must not ignore the rights and needs of our most respected teachers. our education system can be empowered if we protect the rights of our teachers and provide them the best facilities.

ns.074301@gmail.com
NIDHI SHARMA 10 साल 3 सप्ताह पहले

Respected sir,
presently our education system is just making the students literate but not educated by just providing them the bookish knowledge. students can be educated in real sense with the help of value education

Prakash KC
Prakash KC 10 साल 3 सप्ताह पहले

1. शिक्षा (Education) संसार से शरीर तक मात्र जड पदार्थों की जानकारी
2. स्वाध्याय (Self Realization) शरीर से जीव (रूह – सेल्फ) तक की जानकारी व दर्शन
3. अध्यात्म (Spiritualization) जीव से आत्मा (नूर – सोल) तक की जानकारी व दर्शन
4. तत्त्वज्ञान (True, Supreme & Perfect KNOWLEDGE) अथवा विद्यातत्त्वम् पद्धति
परमाणु से परमात्मा (खुदा-गॉड) की सम्पूर्ण जानकारी सहित दर्शन

Prakash KC
Prakash KC 10 साल 3 सप्ताह पहले

please implement Vidyatattvam paddhati,

क्या है विद्यातत्त्वम् पद्धति ? – NEW EDUCATION SYSTEM
विद्यातत्त्वम् पद्धति को ही परम विद्या भी कहा जाता है जिसका एक उपांग शिक्षा है । ‘विद्यातत्त्वम् पद्धति’ के अन्तर्गत (1) शिक्षा (EDUCATION) (2) स्वाध्याय (SELF-REALIZATION) (3) अध्यात्म (SPRITUALIZATION) (4) तत्त्वज्ञान (TRUE SUPREME AND PERFECT KNOWLEDGE) ये चार विधान आते है जिससे ही सम्पूर्ण की सम्पूर्णतया- संसार, शरीर, जीव, आत्मा, परमात्मा की अलग-अलग जानकारी-दर्शन होता है ।

Prakash KC
Prakash KC 10 साल 3 सप्ताह पहले

वास्तव में जब तक पिण्ड और ब्रह्माण्ड के तुलनात्मक अध्ययन के साथ उसमें आपस में तालमेल बनाये रखने हेतु पृथक्-पृथक् पिण्ड और ब्रह्माण्ड की यथार्थतः प्रायौगिक और व्यावहारिक जानकारी तथा ब्रह्माण्डीय विधान मात्र ही पिण्ड का भी विधि-विधान यानी स्थायी एवं निश्चयात्मक विधि-विधान ही नहीं होगा तथा एक मात्र ब्रह्माण्डीय विधि-विधान को अध्ययन पद्धति या शिक्षा प्रणाली के रूप में लागू नहीं किया जायेगा, तब तक अभाव एवं अव्यवस्था दूर नहीं किया जा सकता है, कदापि दूर हो ही नहीं सकता ।

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