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खादी महोत्सव जिंगल प्रतियोगिता

खादी महोत्सव जिंगल प्रतियोगिता
आरंभ करने की तिथि :
Oct 07, 2023
अंतिम तिथि :
Oct 31, 2023
18:15 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

खादी स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रपिता का वस्त्र है। महात्मा गांधी ...

खादी स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रपिता का वस्त्र है। महात्मा गांधी ने बेरोजगार ग्रामीण आबादी को रोजगार प्रदान करने के साधन के रूप में खादी की अवधारणा विकसित की। गांधीजी ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने का आग्रह किया। बहुत जल्द ही, खादी राष्ट्रवाद के ताने-बाने के रूप में लोकप्रिय हो गई और यह कहा गया कि यह 'स्वराज के धागों' से बुनी गई है। जैसे ही खादी कातने के विचार का पूरे भारत में प्रचार हुआ, महात्मा गांधी ने लोगों में विद्यमान अंतर को कम कर इस सामान्य व्यवसाय के माध्यम से सभी वर्गों के बीच एकता की आशा की किरण जगाई। इस प्रकार, खादी आंदोलन की स्थापना सामाजिक और आर्थिक कारणों से की गई थी। इस आंदोलन का सार गांधीजी की इस समझ में निहित है कि यह एक ऐसी चीज़ है, जो जनता का उत्थान कर सकती है। इसलिए, खादी भारत का राष्ट्रीय कपड़ा और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का केंद्रीय प्रतीक बन गई।

हमारे माननीय प्रधान मंत्री ने 'खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन' का मंत्र दिया है और खादी को अब एक फैशन स्टेटमेंट (शैली) के रूप में देखा जाता है। अब इसका उपयोग डेनिम, जैकेट, शर्ट, ड्रेस सामग्री, स्टोल, घरेलू सामान और हैंडबैग जैसे परिधान के सहायक सामान के रूप में किया जाता है।
खादी और ग्रामोद्योग, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों, ओडीओपी उत्पादों और स्थानीय स्तर पर या एसएचजी द्वारा निर्मित विभिन्न पारंपरिक और कुटीर उद्योगों के उत्पादों को बढ़ावा देने और माननीय प्रधान मंत्री द्वारा परिकल्पित "वोकल फॉर लोकल" अभियान और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के विचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारत सरकार ने एक विशेष अभियान "खादी महोत्सव" शुरू किया है।
इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को खादी, 'वोकल फॉर लोकल' के प्रति संवेदनशील बनाना और उन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और महिला सशक्तिकरण के लिए उनके लाभों के बारे में जागरूक करना तथा बड़े पैमाने पर जनता, विशेष रूप से युवाओं को खादी और अन्य स्थानीय उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना और उनमें स्थानीय उत्पादों के प्रति गर्व की भावना जगाना है।खादी महोत्सव जिंगल प्रतियोगिता MyGov पोर्टल पर केवीआईसी द्वारा आयोजित की जाने वाली एक ऐसी ही ऑनलाइन प्रतियोगिता है।

आत्मनिर्भर भारत/वोकल फॉर लोकल/खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन से संबंधित विषय/विषय संबंधी जिंगल को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। प्रतिभागियों को अपने जिंगल के माध्यम से खादी महोत्सव के बारे में जागरूकता फैलाने और माननीय प्रधान मंत्री द्वारा परिकल्पित ‘वोकल फॉर लोकल' अभियान और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के विचार को बढ़ावा देना चाहिए। प्रतिभागियों को अपनी रचनात्मक प्रवृत्ति का पता लगाने और एक ऑडियो क्लिप तथा जिंगल स्क्रिप्ट तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो खादी और अन्य स्थानीय उत्पादों जैसे-हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों, ओडीओपी कार्यक्रम के तहत उत्पादों या स्वयं सहायता समूहों के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देता है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए युवा आबादी को स्थानीय उत्पादों के उपयोग के प्रति आकर्षित करना चाहिए। इससे उन्हें खादी और अन्य स्थानीय उत्पादों का उपयोग कर आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने के लिए सर्वाधिक रूप से प्रेरित होना चाहिए।

परितोषिक /पुरस्कार :
क)राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष तीन विजेताओं को निम्नानुसार केवीआईसी ई-कूपन* मूल्य से पुरस्कृत किया जाएगा-
प्रथम पुरस्कार – केवीआईसी ई-कूपन* मूल्य रु.25,000/-
द्वितीय पुरस्कार - केवीआईसी ई-कूपन* मूल्य रु.20,000/-
तृतीय पुरस्कार - केवीआईसी ई-कूपन* मूल्य रु.15,000/-

ख)प्रत्येक भाषा श्रेणी में एक जिंगल को 15,000/- रुपये मूल्य का केवीआईसी ई-कूपन* प्रदान किया जाएगा।

*पुरस्कार केवीआईसी ई-कूपन के रूप में दिए जाएंगे, जिसे केवीआईसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म www.khadiindia.gov.in पर भुनाया जा सकेगा, बशर्ते कि विजेता को www.khadiindia. gov. in से न्यूनतम 100/- रुपये मूल्य के खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद खरीदने होंगे। इसके अलावा विजेता को 5 से 10 वस्तुओं की एक ऐसी सूची घोषित करनी होगी, जिसे वह केवीआईसी ई-कॉमर्स-प्लेटफॉर्म अर्थात www.khidiindia.gov.in पर स्थानीय उत्पादों से बदल सकेंगे।

नियम और शर्तों के लिए यहाँ क्लिक करें
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