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ट्राई 'अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी)' पर परामर्श पत्र पर सुझाव आमंत्रित करता है

आरंभ करने की तिथि :
Sep 15, 2017
अंतिम तिथि :
Nov 17, 2017
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

अनाधिकृत वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) की समस्या को रोकने के लिए ट्राई ने ...

अनाधिकृत वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) की समस्या को रोकने के लिए ट्राई ने कई पहल की हैं। हालांकि नियमित आधार पर प्राप्त विभिन्न शिकायतों के विश्लेषण और विभिन्न स्रोतों से प्रतिक्रिया से पता चला है कि अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) की समस्या अभी भी मौजूद है । यही वजह है कि इन मुद्दों की पहचान करने और इसको हल करने के लिए आवश्यक परिवर्तन करने/ लाने की आवश्यकता महसूस की गई है ।

इस संबंध में पहचाने जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण समस्याएं हैं:
• संचार प्राप्त न करने के लिए ग्राहकों ने वरीयता दर्ज कराई है , उसके बावजूद उन्हें अवांछित संचार प्राप्त हो रहे हैं, वरीयताओं के लिए रजिस्टर करने के लिए ग्राहकों के लिए विकल्प बहुत व्यापक और सीमित हैं, नई प्रकार की अनचाहे कॉलें जैसे ऑटो-डायलर, रोबो-कॉल और साइलेंट कॉल की वजह से ग्राहक परेशान हो सकता है

• यूसीसी शिकायतों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी काफी समय लगता है।

• कंपनियों ने लेन-देन, संदेश प्रयोजनों के लिए लाखों एसएमएस हेडर विभिन्न सामग्री प्रदाताओं द्वारा लिए हैं, किसी भी तरह से इस बाबत ग्राहकों की सहमति लेती है और नियमित आधार पर संदेश भेजना शुरू कर देती हैं या कहें करती हैं। इस तरह की सहमति किसी भी समय सीमा के बिना शाश्वत में उपयोग की जाती है। सहमति के रिकॉर्ड को रखने के लिए कोई मजबूत तंत्र बी नहीं है, ताकि यह गैर-प्रतिक्रियाजनक और आसानी से सुलभ हो।

• पंजीकृत टेलीमार्केटर्स और सामग्री प्रदाताओं के मध्य मध्यस्थों की संख्या, जो या तो पंजीकृत नहीं हैं या पहुंच प्रदाता के साथ समझौते में दर्ज नहीं किए गए हैं। ग्राहक द्वारा सामग्री प्रमाणीकरण के लिए कोई प्रक्रिया नहीं है

उपरोक्त शिकायतों व मामलों कोध्यान में रखते हुए, यूसीसी के लिए नियामक रूपरेखा को फ्रेमवर्क में उचित परिवर्तन के लिए या यदि आवश्यक हो तो नई संस्थाओं या प्रक्रियाओं के लिए समीक्षा करने की आवश्यकता है। तदनुसार, सभी हितधारकों/ स्टॉकहोल्डर्स के साथ व्यापक परामर्श के लिए ट्राई ने इस परामर्श पत्र को जारी किया है... यह परामर्श पत्र निम्नलिखित मुद्दों पर विचार करता है:

• वर्तमान वरीयता पंजीकरण प्रणाली का विश्लेषण और प्रणाली को और अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के तरीकों और उसकी पड़ताल करना । वरीयताओं के लिए ग्राहक को अधिक विकल्प प्रदान करने के लिए विकल्पों का पता लगाना भी है

• संबंधित संस्थाओं के लिए पंजीकरण प्रणाली , इसमें सामग्री प्रदाता, एग्रीग्रेकेटर्स और इंटरमीडिएर्स जैसी नई संस्थाओं के पंजीकरण की संभावना की पड़ताल करना है।

• असाइनमेंट के अगुआ, सहमति रिकॉर्डिंग आदि के लिए नई संस्थाएं शुरू करने का सुझाव।

• यूसीसी शिकायत से संबंधित मुद्दों और सिस्टम को अधिक कुशल व प्रभावी बनाने की जरूरत मसलन समय –सीमा का निर्धारण

• सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए वैकल्पिक विकल्प सुझाएं मसलन सिग्नेचर सोल्यूशन की कार्यक्षमता बढ़ाना, हनी पॉट, स्क्रबिंग की सेवा की शुरुआत किया जाना आदि।

परामर्श पत्र का पूरा पाठ यहां देखा जा सकता है।.

परामर्श पत्र पर टिप्पणी प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 16 नवम्बर, 2017 है