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विद्यांजली - (स्कूल स्वयंसेवी कार्यक्रम)
विद्यांजली - (स्कूल स्वयंसेवी कार्यक्रम) सर्व शिक्षा अभियान के समग्र ...
विद्यांजली - (स्कूल स्वयंसेवी कार्यक्रम) सर्व शिक्षा अभियान के समग्र तत्वावधान में देश भर में सरकार द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में समुदाय और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की एक पहल है।
इस कार्यक्रम द्वारा उन लोगों में एक साथ लाने का उद्देश्य है, जो उन स्कूलों में स्वयंसेवा करने को तैयार हैं जहाँ वास्तव में उनकी ज़रूरत है। स्वयंसेवक बच्चों के साथ सलाहकार, विश्वासपात्र और संवादकर्ता के रूप में कार्य करेंगे।
इस उद्देश्य के अनुरूप, माईगोव ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में स्वयंसेवा के लिए इच्छुक नागरिकों को इस तरह के ज़मीनी कार्यों में संलग्न करने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित की है।
यह एप्लिकेशन इच्छुक स्वयंसेवकों को स्कूलों सहित सरकारी शैक्षिक संस्थानों से जोड़ने में सहायक होगा। यह मोबाइल एप्लिकेशन स्वयंसेवी प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयंसेवकों और सरकारी निकायों के बीच गठजोड़ के रूप में कार्य करेगा। इस मोबाइल एप्लिकेशन द्वारा मेंटर्स संस्थाओं के साथ सीधे संपर्क कर सकते हैं और संबंधित ज्ञान और कौशल से संस्था की गतिविधि में योगदान दे सकते हैं।
यह एप्लिकेशन एक इंटरैक्टिव मोबाइल प्लेटफॉर्म है जो संस्थानों द्वारा निर्धारित शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक भूमिका में उपयुक्त स्वयंसेवकों की मांग को पोस्ट करने में सहायता के लिए दो हितधारकों के बीच संपर्क सुविधा प्रदान करता है। भावी स्वयंसेवक, एप्लिकेशन के उपयोगकर्ता अपने वर्तमान स्थान के आधार पर प्राप्त सूची को देखकर उपलब्ध स्वैच्छिक अवसरों में अपनी रुचि दिखा सकेंगे। एप्लिकेशन का संस्थानों और स्वयंसेवकों, दोनों के लिए एक अलग डैशबोर्ड का दावा है , जिसमें संस्थान और स्वयंसेवक दोनों को ढूंढने की सुविधा वाला मानचित्र होगा। मानचित्र पर पिन मार्कर्स के माध्यम से स्वयंसेवकों और संस्थानों की सटीक स्थिति दिखेगी ।
स्वयंसेवक एप्लिकेशन दोनों हितधारकों की ओर से दो तरफा खोज की अनुमति देगा। स्वयंसेवक गतिविधियों की खोज करके सूचीबद्ध गतिविधियों में अपनी रुचि दिखा सकेगा। इसी तरह, एक संस्था उसकी जरूरतों को पूरा करने वाले ऐसे स्वयंसेवकों की खोज कर सकेगी जो एप का उपयोग कर रहे हैं, स्वयंसेवक के लिए अनुरोध कर सकेगी, स्वयंसेवक प्रोफ़ाइल की समीक्षा कर सकेगी, और आगे की कार्रवाई और नियुक्ति के लिए मीटिंग का आयोजन कर सकेगी।
इसलिए, यह एप्लिकेशन शैक्षिक संस्थानों के साथ इच्छुक स्वयंसेवकों को जोड़ने और रिक्त स्थानों को भरने के लिए संस्था के साथ सहयोग करेगा। इससे न केवल स्वयंसेवकों को संतोष प्राप्त होगा बल्कि विद्यार्थियों को भी सहज अनुभव होगा। इस आशय की एक एप्लिकेशन शैक्षिक संस्थानों के सामने आने वाले अनुपस्थित या अक्षम मानव संसाधन जैसे अस्थायी मुद्दों को हल करने के लिए एक सफल और अभिनव विकल्प के रूप में काम करेगी ।
विद्यांजली शुभारंभ के लिए स्कूलों की सूची
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मै इसमे सहयोग और भाग लेना चाह रहा हूं।
मै स्नातक पूरा किया हूं bsc.mathmatics से
मै अभी ssc की तैयारी कर रहा हूं।
और एक निजी स्कूल मै हाईस्कूल एंब इंटरमीडियट मे बच्चो को पढ़ाता हूं।
नाम-प्रिन्स मिश्र,कोठीभार,अम्बेडकरनगर,9451360072
I want working in this field, I have very interested ,already 4 years worked volunteer( school) I have completed M.A., T. P. T., M. B. A. So could you please give me this opprutunity
Thanking you sir/Madam,
From,
Putta Gangadhar s/o pramoji
Kattamuru, jodugullaveedi, Do-2-48 ,peddapuram, mandalam, east godavari, A. P. Pin-533437,cell:8790901700/7038134972.
#VIDYANJALI मैं ए जानना चाहता हु की सरकार के द्वारा भिखारी बच्चों के बारे में क्या प्रोग्राम्स चलाये जा रहे हैं , ओर सबसे महत्वपूर्ण बात की सरकार के द्वारा ए नियम बना दिया जाए की जितने भी सरकारी कर्मचारी हैं उन के बच्चे भी सरकारी स्कूल में ही पढ़ें इस से शिक्षा में काफी सुधार आ सकता है
respected sir / madam i want to work with children to teach theatre at koppal taluk, koppal district, karantaka. i have finished my diploma in theatre arts in the year of 2000-2001 at neenasam theatre diploma. at shivmogga, karantaka.
thanking you
sheela halkurike
c/o sana medicals
budagumpa
koppal
I believe kids at aganwadi centers are most under-privileged students and then comes students from village area located schools. Franchise of schools should be given to most NGOs located near by. And maintenance of Aganwadi centers should be conducted. By Franchise we can uplift the condition of students and teachers both as well generate employment thru agencies. Regular assessment of teacher service delivery and student learning and satisfaction level can b assessed.
More awareness about this program needs to be created. Many students are always looking to contribute to the society, its really difficult for them to find such information. Creation of an app for this purpose would be really good idea. At least in premier government teaching institutions like IIT, IIMs, NITs etc it should be made mandatory as part of coursework to take part in Vidyanjali. The expenditure in Govt institutions is discounted for, this way they would be contributing back to Nation.
India ka education system accha he.Usme 1 chotasa badlav hum add kar sakte. Jo projects Primary schools k bacchon ko ghar pe banane k liye diye jate he wo 90% parents hi karte he. Kyunki itne difficult projects Primary school k bacchon ko samjne me mushkil hoti he. Aur ye teachers ko bhi pata raheta he k 90% projects parents hi karte he. To agar "Classroom Arts and Crafts" jese lectures rakh k school mehi teachers dwara projects bataye jaye to usme students ka knowledge badhne me asani hogi.
आज तक जनता से इतना कुछ किसी और ने नहीं पूछा मै तो बहुत खुश हु की मुझे जिस तरह की सरकार की ज़रूरत थी वो सरकार मिल गई बहुत अच्छे कार्य कर रही है
The pollution is growing up we must do needful for it not only the government the citizens of India also lead their role against pollution. We have to recognise our place for our country and for our community for our children for our family for yourself and myself also. Jai hind जय हिन्द
Man should learn everything from The Geeta/himself/nature or from God not baba because......... ....rishimunio ke desh me babaon ke bhesh me....thahro koi shaitan aa raha hai.....socho..socho..our..socho...............