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संविधान दिवस निबंध प्रतियोगिता
भारत का संविधान व्यवहारिक, लचीला और मजबूत है जो शांति और युद्धकाल ...
भारत का संविधान व्यवहारिक, लचीला और मजबूत है जो शांति और युद्धकाल में देश को एकजुट रखने में सक्षम है। 1946 की सर्दियों में विविध पृष्ठभूमि और अलग-अलग प्रकल्पों के लगभग तीन सौ पुरुष व महिलाएं संविधान सभा में एकजुट हो मानव इतिहास के सबसे व्यापक और असाधारण कार्य यानी भारत के संविधान के प्रारूपण में जुटे थे। अपने देश और उसके नागरिकों की तरह ही आज हमारा संविधान भी सुरक्षित और संपन्न है। भारत के संविधान में कानून का शासन, सरकार के मौलिक राजनीतिक सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, प्रथाओं, अधिकारों, शक्तियों और कर्तव्यों का प्रावधान है। यह देश में संसदीय सर्वोच्चता की जगह संवैधानिक सर्वोच्चता को स्थापित करता है, क्योंकि इसका निर्माण संसद द्वारा नहीं बल्कि एक संविधान सभा द्वारा किया गया और इसे प्रस्तावना में घोषणा के साथ देश के नागरिकों द्वारा अपनाया गया है।
15 अगस्त 1947 को अपना देश स्वतंत्र हुआ। 1600 से 1947 के बीच ईस्ट इंडिया कंपनी, वायसराय और गवर्नर जनरल के माध्यम से ब्रिटिश शासन के बाद, 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए गए चार्टर्स और अन्य अधिनियमों के परिणामस्वरूप भारत स्वतंत्र हुआ। यहां तीन महत्वपूर्ण कानून भारतीय परिषद अधिनियम, 1909, भारत सरकार अधिनियम, 1919 और भारत सरकार अधिनियम, 1935 का उल्लेख किया जाना इस लिए आवश्यक है क्योंकि भारतीय संविधान के निर्माण में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इनका भी योगदान है। भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को संचालित करने वाला विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला एक जीवंत संविधान है जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और इच्छाओं की प्राप्ति की व्यापक संभावना प्रदान करता है। साथ ही यह सामूहिक विकास और प्रगति की आवश्यकता को पूरा करता है। हम आज इस उल्लेखनीय सामाजिक दस्तावेज के सत्तर साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, जिसने भारतीय जीवन के लगभग हर पहलू का ख्याल रखा है और भारतीय संवैधानिक कानून के आदर्शों से सभी को निरंतर जोड़ कर रखा है। इस मौके पर विधि और न्याय मंत्रालय के साथ मिल कर भारतीय विधि संस्थान, नई दिल्ली निम्न विषयों पर एक अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।
उद्देश्य: भारतीय संविधान को अपनाने के 70 साल पूरे होने और लोगों को मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए 26 नवंबर 2019 को संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय विधि संस्थान, नई दिल्ली, न्याय विभाग, विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।
निबंध के विषय:
1. जूनियर (दसवीं तक के छात्र) [निम्न में से कोई एक]
• राष्ट्र के लिए मौलिक कर्तव्यों का महत्व
• भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं
• भारतीय संविधान का इतिहास
2. सीनियर (दसवीं से बारहवीं तक के छात्र) [निम्न में से कोई एक]
• भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखने में नागरिकों की भूमिका
• सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा और हिंसा को रोकना हमारा कर्तव्य है
• भारतीय संविधान की मूल संरचना
3. सभी के लिए [निम्न में से कोई एक]
• कर्तव्यों के पालन से अधिकारों की रक्षा
• नए भारत का निर्माण - नागरिकों के कर्तव्यों की भूमिका
• राष्ट्रवाद की भावना को सुदृढ़ बनाने वाले नागरिकों के कर्तव्य
प्रविष्टियों को जमा करने की अंतिम तिथि 26 जनवरी, 2020 है
प्रतियोगिता के पुरस्कार और नियम व शर्तें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
किसी भी प्रश्न के लिए संपर्क करें:
011-23383051